अब मिला कोरोना वायरस का XE वेरिएंट, WHO ने ओमिक्रॉन से 10 प्रतिशत अधिक संक्रामक बताया
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को छोड़कर अन्य सभी कोरोना संबंधित पाबंदियों को हटा लिया है।
इसी बीच ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट XE सामने आ गया है। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चिंता जताई है और इसके ओमिक्रॉन की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक संक्रामक होने की चेतावनी जारी की है।
सवाल
क्या है कोरोना वायरस का XE वेरिएंट?
WHO के अनुसार, कोरोना वायरस का XE वेरिएंट ओमिक्रॉन के दो सब वेरिएंट (BA.1 और BA.2) का म्यूटेंट हाइब्रिड है। यानी यह इन दोनों सब वेरिएंटों से मिलकर बना है। हालांकि, फिलहाल इसके दुनियाभर में कुछ ही मामले सामने आए हैं, लेकिन इसकी संक्रमण दर के बहुत अधिक होने की संभावना है।
WHO ने कहा है कि इस वेरिएंट के ओमिक्रॉन के मूल वेरिएंट BA.2 की तुलना में करीब 10 प्रतिशत अधिक संक्रामक प्रतीत होता है।
मामले
जनवरी में ब्रिटेन में सामने आया था XE का पहला मामला
WHO ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था, "BA.1 और BA.2 सब वेरिएंट से मिलकर बना XE वेरिएंट का पहला मामला 19 जनवरी को ब्रिटेन में सामने आया था। तब से लेकर अब तक 600 से कम अनुक्रमों की रिपोर्ट और पुष्टि की गई है।"
WHO ने कहा, "शुरुआती अनुमान के मुताबिक, XE वेरिएंट BA.2 की तुलना काफी ज्यादा संक्रामक हो सकता है। हालांकि, इस दावे को और पुष्टि के लिए अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।"
अन्य
यूनाइटेड किंगडम में हो रहा है तीन नए वेरिएंटों क प्रसार
यूनाइटेड किंगडम (UK) की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) के अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में तीन नए वेरिएंटों का प्रसार हो रहा है। इनमें XD, XE और XF शामिल है।
XD डेल्टा और BA.1 से मिलकर बना है। यह ज्यादातर फ्रांस, डेनमार्क और बेल्जियम में पाया गया है। इसी तरह XE वेरिएंट BA.1 और BA.2 से मिलकर बना है।
इसके अलावा XF वेरिएंट डेल्टा और BA.1 से मिलकर बना है। इन दोनों के ब्रिटेन में मामले मिले हैं।
जानकारी
कैसे बनते हैं वायरस के नए वेरिएंट?
कोरोना महामारी फैलाने के पीछे SARS-CoV2 वायरस का हाथ है। वायरस के DNA में बदलाव को म्यूटेशन कहा जाता है। ज्यादा म्यूटेशन होने पर वायरस नया रूप ले लेता है, जिसे नया वेरिएंट कहा जाता है। वायरस के नए वेरिएंट के सामने आने के कई कारण हैं, जिसमें एक इसका लगातार प्रसार है।
कोरोना से संक्रमित हर नया मरीज वायरस को म्यूटेट होना का मौका देता है। ऐसे में मरीज बढ़ने के साथ-साथ वेरिएंट की संभावना बढ़ जाती है।
जानकारी
क्यों होते हैं वायरस में म्यूटेशन?
सरल भाषा में समझें तो SARS-CoV-2 का जेनेटिक कोड लगभग 30,000 अक्षरों के RNA का एक गुच्छा है।
जब वायरस इंसानी कोशिकाओं में प्रवेश करता है तो यह वहां अपनी तरह के हजारों वायरस पैदा करने की कोशिश करता है। कई बार इस प्रक्रिया के नए वायरस में पुराने का DNA पूरी तरह 'कॉपी' नहीं हो पाता है।
ऐसी स्थिति में हर कुछ हफ्तों के बाद वायरस म्यूटेट हो जाता है, मतलब उसका जेनेटिक कोड बदल जाता है।
महामारी की स्थिति
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 1,260 नए मामले सामने आए और 83 मरीजों की मौत दर्ज हुई। इनमें पुरानी मौतें भी शामिल हैं।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 4,30,27,035 हो गई है। इनमें से 5,21,264 लोगों की मौत हुई है।
सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 13,445 रह गई है। हालात बेहतर होते देख सरकार ने महामारी के कारण लगाई गई पाबंदियां खत्म कर दी हैं।