यूक्रेन से आए लोगों को रखने वाले परिवारों को हर महीने 35,000 रुपये देगी ब्रिटिश सरकार
ब्रिटिश सरकार ने अपने देश में हर उस परिवार को हर महीने 350 पाउंड (लगभग 35,000) रुपये देने का ऐलान किया है, जो यूक्रेन से आ रहे शरणार्थियों के लिए अपने घर के दरवाजे खोलेगा। 'होम्स फॉर यूक्रेन' नामक इस योजना के तहत ब्रिटिश परिवारों से अपने घर का एक कमरा या खाली संपत्ति को छह महीनों के लिए यूक्रेन से आने वाले शरणार्थियों को देने की अपील की जा रही है। आइये पूरी खबर जानते हैं।
युद्ध के कारण यूक्रेन छोड़ चुके हैं 25 लाख लोग
रूस का आक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक 25 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे तेजी से बढ़ता शरणार्थी संकट करार दिया है।
लोगों से राष्ट्रीय प्रयास में शामिल होने की अपील
ब्रिटिश सरकार ने इस योजना का ऐलान करते हुए लोगों से जरूरतमंदों को सुरक्षित ठिकाने प्रदान करने के राष्ट्रीय प्रयास में शामिल होने की अपील की है। योजना के तहत ब्रिटिश लोग यूक्रेन के किसी व्यक्ति या परिवार को छह महीनों तक अपने घर में मुफ्त रहने के लिए नामांकित कर सकते हैं। इसके लिए उनकी पहले से जान-पहचान होना जरूरी नहीं है। लोग सोशल मीडिया के जरिये एक-दूसरे से संपर्क कर सकते हैं।
'धन्यवाद राशि' के तौर पर हर महीने मिलेंगे 35,000 रुपये
जो लोग यूक्रेन के शरणार्थियों को रहने के लिए जगह देना चाहते हैं, उनके रजिस्ट्रेशन के लिए सोमवार को एक वेबसाइट लॉन्च की जाएगी। रहना शुरू करने से पहले ब्रिटिश परिवार और शरणार्थी को औपचारिक जांचों से गुजरना होगा। शरणार्थियों को जगह देने के लिए परिवारों को 'धन्यवाद राशि' के तौर पर हर महीने 35,000 रुपये मिलेंगे। बाद में चर्च और चैरिटी संस्थाओं को भी इस योजना में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।
ब्रिटेन में शरणार्थियों की संख्या पर पाबंदी नहीं
योजना का ऐलान करते हुए ब्रिटिश सरकार ने कहा कि यूक्रेन संकट ने लाखों मासूम लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर किया है। ब्रिटेन इस संकट की घड़ी में उन लोगों के साथ खड़ा है। बता दें कि ब्रिटेन ने यूक्रेन से आने वाले शरणार्थियों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है और उन्हें तीन साल तक वहां रुकने की छूट होगी। इस दौरान उन्हें काम और सरकारी सेवाओं के इस्तेमाल का भी अधिकार मिलेगा।
सरकार की हो रही आलोचना
ब्रिटेन में शरणार्थियों के लिए काम करने वाले एक चैरिटी संगठन रिफ्यूजी काउंसिल ने कहा है कि सरकार संकट को देखते हुए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है और यह योजना काफी नहीं है। काउंसिल के प्रमुख ने कहा कि यूक्रेन के लोगों को शरणार्थी नहीं समझा जा रहा और उन्हें वीजा के लिए आवेदन करने को कहा जा रहा है। सरकार के भीतर भी कई लोगों ने अतिरिक्त कदम उठाने की मांग की है।
यूक्रेन में क्या स्थिति?
यूक्रेन में जारी युद्ध का आज 18वां दिन है। रूसी सेना अब यूक्रेन की राजधानी कीव से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है और उसने शहर पर हमले बढ़ा दिए हैं। इसी बीच शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा कि वो इजरायल में रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। इसके लिए उन्होंने सीजफायर की शर्त रखी है। पुतिन पहले कई बार बातचीत के प्रस्ताव को खारिज कर चुके हैं।