नसरल्लाह की हत्या के बाद खामेनेई का पहला बयान, बोले- लेबनान के साथ मजबूती से खड़े
इजरायल की ओर से हिज्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह के मारे जाने का दावा किए जाने के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि लेबनान में इजरायल की क्रूरता उजागर हुई है और इजरायल ने गाजा युद्ध से कोई सबक नहीं सीखा है। इसी के साथ खामेनेई ने लेबनान के साथ खड़े होने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई और मुस्लिम देशों से भी साथ देने की अपील की।
खामेनेई ने कहा- प्रतिरोध पर नहीं पड़ेगा असर
खामेनेई ने कहा, "हम लेबनान के साथ मजबूती से खड़े हैं। इजरायल ने निहत्थे लोगों को निशाना बनाया है और उसकी क्रूरता एक बार फिर से दुनिया के सामने उजागर हुई है। बेरूत हमले में महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाया गया। इजरायल द्वारा निहत्थे लोगों की हत्या उसके जंगली स्वभाव को साबित करती है। इजरायल के 'आतंकवादी गिरोह' को यह समझ में नहीं आया कि महिलाओं और बच्चों की हत्या से प्रतिरोध पर कोई असर नहीं पड़ेगा।"
खामेनेई ने की मुस्लिम देशों से ये अपील
खामेनेई ने कहा, "इजरायल ने जो नीति गाजा में अपनाई थी, वही मूर्खतापूर्ण नीति लेबनान में अपना रहा है। क्षेत्र की सभी ताकतें हिज्बुल्लाह के साथ खड़ी हैं और उसका समर्थन करती हैं। सभी मुसलमानों का कर्तव्य है कि वे अपने संसाधनों के साथ लेबनान और हिज्बुल्लाह के लोगों के साथ गर्व से खड़े हों। क्षेत्र में संपूर्ण प्रतिरोध मोर्चा हिज्बुल्लाह के साथ खड़ा है और उसका समर्थन कर रहा है। अंत में जीत हिज्बुल्लाह की होगी।"
ईरान ने OIC देशों की बैठक बुलाने का आह्वान किया
ईरान ने लेबनान और फिलिस्तीन में इजरायल के हमलों से निपटने के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सदस्य देशों के नेताओं की तत्काल बैठक बुलाने का आह्वान किया है। हालांकि, ये बैठक कब होगी इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
खामेनेई को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया
नसरल्लाह की हत्या के बाद बढ़ते तनाव को देखते हुए ईरान ने अपने सर्वोच्च नेता खामेनेई को कड़ी सुरक्षा के बीच सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, खामेनेई को एक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है। दूसरी ओर, इजरायल भी हाई अलर्ट पर है। लेबनान की ओर से इजरायल पर रॉकेट दागे जाने के बाद कई शहरों में सायरन बजने की आवाज सुनी गई है।
इजरायल ने हमले को 'ऑपरेशन न्यू ऑर्डर' नाम दिया
27 सितंबर को इजरायल ने बेरूत में हिज्बुल्लाह के मुख्यालय पर हमला किया था। इजरायली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा कि उन्हें खुफिया एजेंसियों से सटीक जानकारी मिलने के बाद इस हमले को अंजाम दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यालय पर 80 से ज्यादा बम गिराए गए और हर एक बम में औसतन एक टन विस्फोटक था। इजरायल ने इस पूरे ऑपरेशन को 'न्यू ऑर्डर' नाम दिया है।
कौन था नसरल्लाह?
नसरल्ला का जन्म 18 अगस्त, 1960 में बेरूत में एक शिया परिवार में हुआ था। वह जब 5 साल का हुआ तो लेबनान में गृहयुद्ध शुरू हो गया था। नसरल्लाह 16 की उम्र में धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने लिए इराक के नजफ चला गया था। नसरल्लाह 1980 में 20 साल की उम्र में हिजबुल्लाह में शामिल हुआ था। 1992 में हिजबुल्लाह के मसूवी की हत्या के बाद से संगठन की कमान नसरल्लाह के हाथ में थी।