#NewsBytesExplainer: कौन है हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह, जिसने इजरायल को दी चुनौती?
क्या है खबर?
इजरायल-हमास युद्ध एक महीने से जारी है। हाल ही में हमास के दोस्त और लेबनान के आतंकी समूह हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह ने युद्ध लेकर पहला बयान जारी किया है।
उसने इजराल को चेताया है कि अगर इजरायली बलों की गाजा पट्टी में 'नरसंहार' की कार्रवाई जारी रही तो इस युद्ध की दिशा और दशा दोनों बदल सकती है।
आइए जानते हैं कि ये चेतावनी देने वाला नसरल्लाह कौन है?
परिचय
कौन है हसन नसरल्लाह?
नसरल्ला का जन्म 18 अगस्त, 1960 में बेरूत में एक शिया परिवार में हुआ था। वह जब 5 साल का हुआ तो लेबनान में गृहयुद्ध शुरू हो गया था।
इसके कारण उसका परिवार बेरूत छोड़कर दक्षिणी लेबनान में अपने पैतृक गांव जाकर बस गया।
इसके बाद 15 साल की उम्र में वह उस समय के सबसे महत्वपूर्ण लेबनानी शिया राजनीतिक-सैनिक समूह अमल मूवमेंट का सदस्य बन गया।
इसका गठन ईरानी मूसा सदर ने किया था।
पढ़ाई
नसरल्लाह ने पढ़ाई कहां से की?
नसरल्लाह 16 की उम्र में धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने लिए इराक के नजफ चला गया था। उस वक्त इराक में राजनीतिक अस्थिरता थी, जिसके चलते सभी लेबनानी शिया विद्यार्थियों को यहां के मदरसों से निकाल दिया गया था।
नफज में रहते हुए उसकी मुलाकात अब्बास मूसवी से हुए, जो उस वक्त मूसा के होनहार शिष्यों में गिने जाते थे।
वह नसरल्लाह से 8 साल बड़ा था और लेबनान वापसी के बाद दोनों अमल आंदोलन के हिस्सा बन गए।
कमान
कब हिजबुल्लाह में शामिल हुआ नसरल्लाह?
नसरल्लाह 1980 में हिजबुल्लाह में शामिल हुआ था। उस वक्त उसकी उम्र केवल 20 साल थी। इस दौरान वह अपनी धार्मिक शिक्षा के लिए ईरान के कुम शहर गया, जहां 2 साल रहा।
वह 1982 में लेबनान आकर वापस इजरायल से साथ छिड़े गृहयुद्ध में शामिल हो गया। 1992 में युद्ध के दौरान इजरायल बलों ने हिजबुल्लाह के जनरल सेक्रेटरी मसूवी की हत्या कर दी गई थी।
इसी साल नसरल्लाह को हिजबुल्लाह की कमान सौंपी गई थी।
कितना
हिजबुल्लाह को आगे बढ़ाने में किसने की मदद?
लेबनान और इजरायल गृहयुद्ध के दौरान नसरल्लाह लगातार ईरान के नेताओं के संपर्क में रहा। उसने अपनी राजनीतिक पकड़ के चलते हिजबुल्लाह को लेबनान में राजनीतिक-सैन्य समूह के तौर पर खड़ा किया।
इस दौरान लेबनान की संसद में हिजबुल्लाह ने 8 सीटें जीत लीं। जब लेबनान में गृहयुद्ध समाप्त हुआ तो हिजबुल्लाह की लोकप्रियता भी बढ़ी। इस दौरान उसे ईरान से मदद मिलती रही।
उसके नेतृत्व में हिजबुल्लाह ने इजरायल और अमेरिका के खिलाफ अपना सैन्य संगठन तैयार कर लिया।
युद्ध
इजरायल के खिलाफ युद्ध में नसरल्लाह को कब मिली कामयाबी?
साल 2000 में इजरायल ने लेबनान के कब्जे वाले इलाके छोड़ने का ऐलान किया तो इसका श्रेय नसरल्लाह को गया। इसके बाद 2002 में इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच एक समझौता हुआ था।
उस वक्त इजरायल ने फिलिस्तीनी और लेबनानी बंधकों को रिहा किया, जिसे नसरुल्लाह की बड़ी जीत के तौर पर देखा गया।
2008 में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद भी हिजबुल्लाह लेबनानी संसद में सीटों की संख्या कम होने के बावजूद वीटो का अधिकार लेने में सफल रहा।
नसरल्लाह
नररल्लाह ने 15 साल तक इजरायल को दी कड़ी चुनौती
63 साल के नसरुल्लाह ने लेबनान पर इजरायली कब्जे के उत्तरार्ध में हिजबुल्लाह का नेतृत्व किया, जो 20वीं सदी के अंत में औपचारिक रूप से 15 सालों तक इजरायली सेना से लड़ता रहा है।
उसके पास लेबनान की सरकार में तकनीकी रूप से से कोई पद नहीं है, लेकिन वह देश की सबसे बड़ी राजनीतिक हस्तियों में से एक है।
पिछले साल के संसदीय चुनावों में बहुमत खोने के बाद भी हिजबुल्लाह के पास संसद में कई सीटें हैं।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
हिजबुल्लाह लेबनान का एक कट्टर आतंकवादी समूह है। 1982 में इजरायल ने जब दक्षिणी लेबनान पर आक्रमण किया था, तब यह समूह अस्तित्व में आया था।
हालांकि, इस समूह की आधिकारिक रूप से स्थापना 1985 में हुई थी। ये समूह समय-समय पर इजरायल पर हमला करता रहता है, जो हमास की तुलना में कहीं ज्यादा खतरनाक और मजबूत है।
साल 2006 में हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच करीब एक महीने तक युद्ध चला था।