अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने खत्म किया गर्भपात कराने का संवैधानिक अधिकार
क्या है खबर?
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने 50 साल पुराने एक अहम फैसले को पलटते हुए महिलाओं के गर्भपात कराने के संवैधानिक अधिकार को समाप्त कर दिया है। ऐसे में अब अमेरिकी महिलाएं अपनी मर्जी से गर्भपात नहीं करा पाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वह इस अधिकार की समर्थक रही है।
ऐसे में अब फैसले के विरोध में प्रदर्शन तेज हो सकता है।
सुधार
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को किया खारिज
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश का संविधान गर्भपात का अधिकार प्रदान नहीं करता है। ऐसे में साल 1973 में उसके 'रोए बनाम वेड' केस में दिए गए अपने फैसले को खारिज किया जाता है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले में एक महिला के गर्भपात के अधिकार को सुनिश्चित किया था।
कोर्ट ने कहा था कि अमेरिका के अलग-अलग राज्य इस प्रक्रिया को स्वयं की अनुमति से लागू कर सकते हैं।
सख्ती
अब महिलाएं गर्भधारण के 15 सप्ताह बाद नहीं करा सकेंगी गर्भपात
सुप्रीम कोर्ट ने की नौ सदस्यीय पीठ ने 6-3 के बहुमत से गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को खत्म करते हुए रिपब्लिकन पार्टी समर्थित मिसिसिपी कानून को बरकरार रखा है।
इस कानून के तहत कोई भी महिला गर्भधारण के 15 सप्ताह बाद गर्भपात नहीं कर सकेगी।
बता दें कि साल 1992 में भी सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में अपने पुराने फैसले को बरकरार रखते हुए एक मां को गर्भपात कराने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र बताया था।
पृष्ठभूमि
अमेरिका में काफी संवेदनशील रहा है गर्भपात का मुद्दा
बता दें कि अमेरिका में गर्भपात का मुद्दा हमेशा ही संवेदनशील रहा है। इसको लेकर लोग दो धड़ों में बंटे हैं। रिपब्लिकन पार्टी सहित बाकी कंजरवेटिव समूह और ईसाई चर्च महिलाओं को गर्भपात का अधिकार देने के खिलाफ मुहिम चलाते रहे हैं।
इसके उलट, डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य गुट गर्भपात के समर्थक रहे हैं। अमेरिका में गर्भपात को जायज ठहराने वाला कोई कानून नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के 1973 में एक फैसले में इसे जायजा ठहराया था।
प्रदर्शन
गर्भपात के मामले में पिछले महीने से चल रहा है प्रदर्शन
पिछले महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट का इससे जुड़ा एक ड्राफ्ट लीक हो गया था, जिसके बाद पूरे देश में प्रदर्शन होने लगे थे।
ड्राफ्ट के मुताबिक, गर्भपात के अधिकार को खत्म करने की तैयारी है और सुप्रीम कोर्ट ने 1973 के 'रोए बनाम वेड' फैसले को पलटने के लिए मतदान किया है।
उसके बाद अमेरिका में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। अमेरिका की बड़ी आबादी गर्भपात को मौलिक अधिकार मानती है और फैसले के खिलाफ है।
योजना
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या होगी सरकार की योजना?
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब डेमोक्रेटिक सरकार इस अधिकार को लागू करने के लिए एक कानून बना सकती है।
इसका कारण है कि पिछले महीने राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि गर्भपात कराना या न कराने के बारे में सोचना महिलाओं का मूलभूत अधिकार है। यदि सुप्रीम कोर्ट फैसले को पलटता है तो फिर गर्भपात के अधिकार को सुरक्षित करने के लिए कांग्रेस को कानून बनाना चाहिए। कई सांसदों ने उनका समर्थन भी किया था।
परेशानी
क्या आसानी से बनाया जा सकता है कानून?
विशेषज्ञों के अनुसार, राष्ट्रपति बाइडन और दूसरे डेमोक्रेटिक नेताओं के लिए गर्भपात के अधिकार को सुरक्षित करने के लिए कानून बनाना आसान नहीं है। इसके लिए 100 सदस्यीय सीनेट में फिलिबस्टर नियम के तहत 60 सदस्यों का समर्थन जरूरी होगा।
वर्तमान में डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 50 सीनेटर और उपराष्ट्रपति सहित कुल 51 वोट ही है। हालांकि, राष्ट्रपति फिलिबस्टर नियम को रद्द कर कानून बना सकते हैं, लेकिन यह बहुत मुश्किल है।
जानकारी
अमेरिका में गर्भपात को लेकर क्या कहते हैं आंकड़े?
गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करने वाले एक शोध समूह गुट्टमाकर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में अमेरिका में 9,30,000 से अधिक गर्भपात के मामले सामने आए थे, जबकि साल 2017 में यह आंकड़ा करीब 8,62,000 ही था।