
अफगानिस्तान में भूकंप से अब तक 1,150 लोगों की मौत, 3,000 घर हुए तबाह
क्या है खबर?
अफगानिस्तान में बुधवार को आए पिछले दो दशक के सबसे भीषण भूकंप में अब तक 1,150 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,000 घर तबाह हुए हैं।
इसी तरह भूकंप में घायल होने वालों की संख्या 2,000 के पार पहुंच गई है। भूकंप के कारण पहले से ही सूखे और गरीबी की मार झेल रहे अफगानिस्तान में आपात स्थिति के हालात पैदा हो गए हैं।
भूकंप से प्रभावित लोगों को सिर छिपाने तक को जगह नहीं मिल रही है।
पृष्ठभूमि
अफगानिस्तान में आया था 6.1 तीव्रता का भूकंप
बता दें कि अफगानिस्तान में बुधवार को 6.1 तीव्रता का भीषण भूकंप आने से सैकड़ों इमारतें मलबे में तब्दील हो गई थी। इससे मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
भूकंप का केंद्र दक्षिणपूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त शहर से लगभग 44 किलोमीटर (27 मील) दूर 51 किमी की गहराई पर था।
पाकिस्तान और भारत के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इससे पहले 1998 में आए भूकंप में 5,000 लोगों की मौत हुई थी।
मौत
पक्तिका और खोस्त प्रांत में हुई सबसे अधिक मौतें
एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, भूकंप से अब तक 1,150 लोगों की मौत हुई है और 3,000 से अधिक घर तबाह हुए हैं।
हालांकि, अफगानिस्तान के आपदा मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद नसीम हक्कानी का कहना है कि भूकंप से करीब 10,000 घर आंशिक और पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं और 2,000 लोग घायल हुए हैं।
यूनाइटेड नेशंस ने पक्तिका और खोस्त प्रांतों में सबसे अधिक 770 लोगों की मौत होने का अनुमान लगाया है।
जानकारी
मृतकों की संख्या में और हो सकता है इजाफा
हक्कानी ने बताया कि तालिबान प्रशासन अभी भी भूकंप से प्रभावित दूरस्थ इलाकों तक नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में मृतकों और घायलों की संख्या और इजाफा हो सकता है। इसी तरह तबाह हुए घरों की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
कारण
अफगानिस्तान में भूकंप से अधिक नुकसान का कारण क्या है?
हक्कानी ने बताया कि आधुनिक इमारतें तो 6.1 तीव्रता के भूकंप को सहन कर सकती है, लेकिन अफगानिस्तान के अधिकतर इलाकों में मिट्टी और ईंटों के घर होने से नुकसान अधिक हुआ है। हल्के झटकों से ही ये घर धराशाही हो गए और मलबे में दबने से लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि भूकंप के कारण मोबाइल फोन नेटवर्क टावर और बिजली की लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गई है। इसने बचाव और राहत कार्य को मुश्किल बनाया है।
बच्चे
भूकंप के कारण प्रभावित हुए 1.18 लाख बच्चे
सेव द चिल्ड्रन संस्थान के अनुसार, अफगानिस्तान में भूकंप के कारण 1.18 लाख से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं। अधिकतर बच्चे स्वच्छ पेयजल, भोजन और सोने के लिए सुरक्षित स्थानों के लिए भटक रहे हैं। भूकंप के बाद भी तालिबानी लड़कों ने लोगों की ज्यादा मदद नहीं की।
गयान में एक छह वर्षीय मासूम के माता-पिता, दो बहनें और एक भाई की मौत हो गई। अब वह पूरी तरह से अकेला है और पड़ोसियों के साथ रहने को मजबूर है।
चुनौती
तालिबान सरकार के सामने है स्थिति से निपटने की चुनौती
अफगानिस्तान में भीषण भूकंप से बनी स्थिति से निपटना तालिबान सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।
इसका कारण है कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अधिकांश अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने वहां से अपने दूतावास हटा लिए थे।
ऐसे में तालिबान सरकार वर्तमान में भूकंप से प्रभावित लोगों के रहने के लिए तंबू, चिकित्सा आपूर्ति, स्वच्छ पेयजल, भोजन और अन्य जरूरत के सामान हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही है।
जानकारी
सामूहिक कब्रों में दफनाए जा रहे हैं शव
भूकंप से बड़ी संख्या में हुई लोगों की मौत को देखते हुए तालिबान सरकार ने सामूहिक कब्रों में शवों को दफनाने का निर्णय किया है। इसके लिए खाली इलाकों में सामूहिक कब्रें भी खोदी गई है और मृतकों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
ट्विटर पोस्ट
अफगानिस्तान में खोदी जा रही है सामूहिक कब्रें (वीडियो: Twitter@TheInsiderPaper)
NEW: Afghans digging mass graves after more than 1,000 killed in Afghanistan earthquakepic.twitter.com/QQEHBwKbc5
— Insider Paper (@TheInsiderPaper) June 22, 2022
ऐलान
किन देशों ने किया मदद का ऐलान?
अफगानिस्तान में भूकंप के प्रभाव को देखते हुए जर्मनी, नॉर्वे, भारत और अन्य पश्चिमी देशों ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के माध्यम से मदद भेजने का ऐलान किया है।
यूरोपीयन संघ ने एक मिलियन यूरो (करीब 8.25 करोड़ रुपये) देने का ऐलान किया है।
पाकिस्तान ने भोजन और अन्य जरूरतों के सामानों से भरे ट्रक रवाना किए हैं और ईरान तथा कतर ने भी मानवीय सहायता से भरे विमानों को अफगानिस्तान के लिए रवाना किया है।