31 अगस्त के बाद भी जारी रहेगा अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का अभियान- अमेरिका
अमेरिका ने कहा है कि अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का उसका अभियान 31 अगस्त के बाद भी जारी रहेगा। बाइडन प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि भले ही अमेरिकी सेना 31 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़ रही हो, लेकिन अपने नागरिकों और अफगान सहयोगियों की मदद उसके बाद भी जारी रहेगी। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अमेरिका का सैन्य अभियान 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है और तालिबान इसे आगे बढ़ाने के खिलाफ है।
हमारे काम की कोई समयसीमा नहीं- ब्लिंकन
अलजजीरा के अनुसार, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि सुचारू हवाई अड्डे और अंतरराष्ट्रीय दबाव के साथ जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं, वो यहां से निकल सकेंगे। उन्होंने कहा, "मैं साफ कर दूं कि हमारे काम की कोई समयसीमा नहीं है।" ब्लिंकन ने जोर देते हुए कहा कि बचे हुए अमेरिकी नागरिकों और अफगानी साझेदारों की मदद का काम इस महीने के अंत के बाद भी जारी रहेगा।
कई बार प्रतिबद्धता जता चुका है तालिबान- ब्लिंकन
ब्लिंकन ने कहा कि तालिबान ने कई बार निजी और सार्वजनिक मौकों पर यह प्रतिबद्धता जताई है कि वो 31 अगस्त के बाद भी अफगान, अमेरिकी और दूसरे देशों के नागरिकों को सुरक्षित अफगानिस्तान से निकलने देगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके वैश्विक सहयोगी अमेरिकी सेना के निकलने के बाद तालिबान पर इस दिशा में दबाव बनाने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि तालिबान को प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरने के लिए कैसे मजबूर करेंगे।
भविष्य में खुला रहेगा काबुल हवाई अड्डा
अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय और तालिबान भविष्य में काबुल हवाई अड्डे को खुला रखने के पक्ष में है। बता दें कि काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से यहां स्थित हवाई अड्डे अमेरिकी सैनिकों के नियंत्रण में है। तुर्की ने बताया है कि तालिबान ने काबुल हवाई अड्डे के संचालन में तकनीकी मदद के लिए उससे संपर्क किया है और वह इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
व्हाइट हाउस प्रवक्ता बोलीं- विकल्प तलाश रहे
व्हाइट हाउस प्रवक्ता जेन प्साकी ने भी ब्लिंकन की बात दोहराते हुए कहा, "हम कई विकल्पों पर गौर रहे हैं, जिससे हम 31 अगस्त के बाद भी देश छोड़ने वाले लोगों को वहां से निकाल सके और लोगों की मदद जारी रखे।"
31 अगस्त की तारीख क्यों निर्धारित है?
बीते महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 31 अगस्त को अफगानिस्तान में अमेरिका का सैन्य अभियान समाप्त होने की घोषणा की थी। इससे पहले पिछले साल पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान के साथ समझौते में 1 मई, 2021 तक सेना वापसी की बात कही थी, लेकिन बाइडन ने राष्ट्रपति बनने के बाद इसे अगस्त तक बढ़ा दिया था। अमेरिका को उम्मीद थी कि इससे अफगान सेना को तालिबान के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार होने का समय मिल जाएगा।
कई देशों ने की निकासी अभियान का समय बढ़ाने की मांग
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के अधिकारियों का कहना है कि 31 अगस्त तक काबुल हवाई अड्डे से निकासी अभियान पूरा नहीं हो पाएगा, इसलिए अमेरिका को कुछ और समय तक अपने सैनिकों को तैनात रखना चाहिए। इसे लेकर G7 देशों ने मंगलवार को बैठक की थी, लेकिन इसी दौरान तालिबान की तरफ से चेतावनी आ गई कि अगर 31 अगस्त तक विदेशी सैनिकों की वापसी नहीं होती है तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।