अफगानिस्तान: राष्ट्रीय झंडे के साथ रैली निकाल रहे लोगों पर तालिबान की फायरिंग, कई की मौत
अफगानिस्तान की असदाबाद शहर में आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय झंडे के साथ रैली निकाल रहे सैकड़ों लोगों पर तालिबान के लड़ाकों ने फायरिंग कर दी। इस घटना में कई लोग मारे गए हैं। अभी तक ये साफ नहीं है कि ये लोग फायरिंग से मरे या इसके बाद हुई भगदड़ से। ये दो दिन में दूसरी बार है जब तालिबान ने राष्ट्रीय झंडे के साथ रैली निकाल रहे लोगों पर गोलियां चलाई हैं।
झंडा लेकर सड़कों पर निकले हजारों लोग- चश्मदीद
कुनार प्रांत की राजधानी असदाबाद के निवासी और घटना के चश्मदीद मोहम्मद सलीम ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "हजारों लोग सड़कों पर आ गए थे। पहले मैं डरा हुआ था, लेकिन जब मैंने अपने अपने एक पड़ोसी को इसमें शामिल होते देखा तो मैंने घर पर रखा अपना झंडा निकाल लिया।" उन्होंने कहा कि तालिबान की फायरिंग और इसके बाद हुई भगदड़ में कई लोग मारे गए हैं।
अन्य शहरों में भी निकली गईं रैलियां
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नंगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद और पेक्टिया प्रांत के एक जिले में भी रैलियां निकाली गईं, हालांकि यहां से गंभीर हिंसा की कोई खबर नहीं आई है। बता दें कि अफगानिस्तान 19 अगस्त, 1919 को अंग्रेजों से आजाद हुआ था।
राष्ट्रीय झंडे के साथ तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं कई शहरों के लोग
बता दें कि तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से कई शहरों में लोग अफगानिस्तान के राष्ट्रीय झंडे के साथ विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं और कई जगह तो उन्होंने तालिबान का झंडा उतार कर राष्ट्रीय झंडा फहरा दिया। असदाबाद और खोस्त शहर में बुधवार को ऐसे ही दृश्य देखे गए और लोगों ने तालिबान के सफेद झंडों को फाड़ दिया। वहीं जलालाबाद में एक रैली में तालिबान ने फायरिंग कर दी जिसमें तीन लोग मारे गए।
उप राष्ट्रपति सालेह ने की लोगों के साहस की तारीफ
तालिबान के खिलाफ लोगों और लड़ाकों को खड़ा करने की कोशिश कर रहे उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने लोगों के इस साहस को सलाम किया है। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'उनको सलाम करता हूं जो राष्ट्रीय झंडे को लेकर चल रहे हैं और देश के सम्मान के लिए खड़े हो रहे हैं।' बता दें कि सालेह राष्ट्रपति अशरफ गनी के भागने के बाद खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर चुके हैं।
अपनी सरकार बनाने की जुगत में लगा हुआ है तालिबान
गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबान यहां अपनी सरकार बनाने की जुगत में लगा हुआ है। उसका प्रयास है कि वह एक ऐसी सरकार बना सके जो अफगानिस्तान के अधिकांश लोगों को स्वीकार हो और इस संबंध में आज उसके नुमांइदे देश के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और वरिष्ठ नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मिले। तालिबान का कहना है कि उसने सभी को माफ कर दिया है और अब वह किसी से बदला नहीं लेगा।
वादे के विपरीत पत्रकारों पर हमला कर रहा तालिबान
हालांकि तालिबान अपने इस वादे के विपरीत काम कर चुका है और पिछले दो दिनों के अंदर कम से कम दो जगहों पर पत्रकारों पर हमले हो चुके हैं। आज CNN की एक महिला रिपोर्टर और उसकी टीम पर तालिबान के बंदूकधारी आतकियों ने उस समय घेर लिया जब वे काबुल में स्थानीय लोगों से बात कर रहे थे। आतंकियों ने हिजाब पहने हुई रिपोर्टर से अपने मुंह ढकने को कहा और फिर राइफल से उसके सहयोगी को गिरा दिया।