तालिबान की अमेरिका को चेतावनी, कहा- 31 अगस्त तक सेना नहीं हटाने पर भुगतने होंगे परिणाम
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है और वह नई हुकूमत की तैयारी में जुटा है। इसी बीच वहां से लोगों का देश छोड़ने का सिलसिला जारी है। अमेरिका भी अपने लोगों को वहां से निकालने में जुटा है। ऐसे में अमेरिकी सेना ने अभी तक भी काबुल हवाई अड्डे को अपने कब्जे में ले रखा है। इस बीच तालिबान ने कहा कि यदि अमेरिकी सेना 31 अगस्त तक देश नहीं छोड़ती है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
तालिबान ने 15 अगस्त को किया था अफगानिस्तान पर कब्जा
बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करते हुए देश में नया शासन लागू करने की घोषणा की थी। उसके बाद से वहां के लोग देश छोड़कर जाने के लिए दौड़ रहे हैं। हालात यह रहे कि 15 अगस्त को ही हजारों की संख्या में लोग काबुल एयरपोर्ट पर जमा हो गए। इतना ही नहीं लोगों चलते विमान के टायरों पर लटक गए। ऐसे में ऊंचाई से गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी।
अमेरिकी सेना ने अपने नियंत्रण में ले रखा है काबुल हवाई अड्डा
तालिबान के कब्जे के साथ ही अमेरिकी सेना ने अपने लोगों तथा अफगानिस्तान के सहयोगी देशों के लोगों को बाहर निकालने के लिए काबुल स्थित हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अपने नियंत्रण में ले लिया था। अमेरिका ने 31 अगस्त तक पूरी तरह से अफगानिस्तान को छोड़ने की घोषणा की थी, लेकिन अमेरिकी, ब्रिटिश सहित अन्य सहयोगी देशों के नागारिकों के वहां फंसे होने के कारण इस तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है।
हजारों को लोगों को अफगानिस्तान से निकाल चुकी है अमेकिरी-ब्रिटिश सेना
बता दें कि वर्तमान में काबुल हवाई अड्डे पर अमेरिका और ब्रिटेन की सेना तैनात है। दोनों सेना 13 अगस्त से लेकर अब तक विभिन्न देशों के कुल 5,000 से अधिक लोगों को वहां से निकाल चुकी है। इनमें 400 भारतीय भी शामिल है। हालांकि, वहां अभी भी भारत, अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई देशों के लोग फंसे हुए हैं। ऐसे में सभी देश अमेरिका और ब्रिटेन की सहायता से नागरिकों को वहां से निकालने की जुगत में लगे हुए हैं।
सेना की वापसी नहीं होने पर भुगतने होंगे गंभीर परिणाम- शाहीन
इंडिया टुडे के अनुसार, तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा, "अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने की अंतिम तारीख 31 अगस्त है। यदि वह या ब्रिटेन वापसी की तारीख को आगे बढ़ाने की कहते हैं तो इसका जवाब ना होगा।" उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए कहा, "यदि अमेकिरा ने सेना की वापसी की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाया तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।" तालिबान के इस बयान ने माहौल में गर्मी ला दी है।
तालिबान ने G-7 देशों की बैठक से पहले दी चेतावनी
बता दें तालिबान की यह चेतावनी ऐसे समय में आई जब मंगलवार को G-7 देशों की बैठक होगी। इसमें अब इस चेतावनी और अपने-अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस निकालने पर चर्चा हो सकती है। ऐसे में अब यह बैठक खासी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने जताई थी यह संभावना
पिछले सप्ताह एक साक्षात्कार के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि यदि 31 अगस्त तक निकासी कार्य पूरा नहीं होता है तो अमेरिकी सैनिकों की वापसी की अंतिम तारीख को 31 अगस्त से आगे भी बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि G-7 बैठक में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सभी नागरिकों की सुरक्षा वापसी के लिए राष्ट्रपति बाइडन से अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने की मांग कर सकते हैं।
G-7 बैठक में अंतिम तारीख बढ़ाने पर दिया जाएगा जोर- हीपी
आर्म्ड फोर्सेस मिनिस्टर जेम्स हीपी और अन्य ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि वह मंगलवार को होने वाली G-7 बैठक में अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने पर जोर देंगे। उन्होंने कहा कि तालिबान अब यह कह पाने की स्थिति में है कि उसका अफगानिस्तान पर अब पूरी तरह नियंत्रण है। हालांकि, यदि अमेरिका नेतृत्व करता है तो अफगानिस्तान की राजधानी से 'निकासी' की अंतिम तारीख को 31 अगस्त से आगे बढ़ाया जा सकता है।