अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हमेशा मंगलवार और शपथग्रहण जनवरी में क्यों होता है?
अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा। डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुख्य मुकाबला है। अमेरिकी चुनावों पर दुनियाभर की नजरें हैं। इस बीच चुनावों से जुड़ी कई रोचक जानकारियां भी सामने आ रही हैं। जैसे अमेरिका में हमेशा नवंबर महीने के पहले मंगलवार को मतदान होता है। इसके बाद शपथग्रहण अगले साल जनवरी में होता है। आइए इसकी वजह जानते हैं।
मंगलवार को ही क्यों होता है मतदान?
1845 से पहले अमेरिका के सभी राज्यों में अलग-अलग तारीखों पर मतदान होता था। 1845 में कानून बनाकर सभी राज्यों में एक साथ मतदान करने की व्यवस्था बनाई गई। इस कानून में कहा गया है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचकों को प्रत्येक राज्य में नवंबर के पहले मंगलवार को नियुक्त किया जाएगा। अगर नवंबर का पहला दिन मंगलवार हो तो चुनाव नहीं होंगे। ऐसी स्थिति में सोमवार के बाद वाले मंगलवार को मतदान होगा।
1845 से पहले क्या व्यवस्था थी?
1845 में कानून बनाने से पहले अमेरिका के हर राज्य को दिसंबर के पहले बुधवार से पहले 34 दिन की अवधि के भीतर अपनी सहूलियत के हिसाब से किसी भी दिन चुनाव कराने की अनुमति थी। राज्य अपनी सुविधा और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर चुनावी तारीख तय कर सकते थे। हालांकि, संचार के थोड़े साधन विकसित होने के बाद इस बात की आशंका होने लगी कि अलग-अलग दिन मतदान से मतदाता प्रभावित हो सकते हैं।
मतदान के लिए मंगलवार का दिन ही क्यों चुना गया?
पहले अमेरिका की ज्यादातर आबादी खेती करती थी। नवंबर से पहले तक फसलों की कटाई हो जाती थी और किसानों के पास समय रहता था। इस वजह से नवंबर का महीना चुना गया। रविवार के दिन ईसाई लोग चर्च जाते हैं। बुधवार को कई इलाकों में साप्ताहिक बाजार लगता था। कुछ इलाकों में मतदान केंद्र जाने के लिए एक दिन का सफर करना होता था। ऐसे में सोमवार-गुरुवार को मतदान नहीं हो सकता। इस वजह से मंगलवार को चुना गया।
जनवरी में क्यों होता है शपथग्रहण?
दरअसल, चुनावों में चुने गए इलेक्टर्स दिसंबर महीने के पहले बुधवार के बाद वाले मंगलवार को अपने-अपने राज्यों में मिलते हैं और राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। दिसंबर के चौथे बुधवार को सीनेट के अध्यक्ष इलेक्टर्स के वोट हासिल करने के बाद इनकी गिनती करते हैं। इसके अलावा निर्वाचित राष्ट्रपति और उनकी टीम को तैयारी, मंत्रिमंडल का गठन और नीतियों पर चर्चा के लिए भी समय की जरूरत होती है। ऐसे में 20 जनवरी को नई सरकार गठित होती है।
अगर किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिले तो क्या होगा?
चुनावों में अगर कोई पार्टी 270 इलेक्टोरल वोट्स का आंकड़ा नहीं हासिल कर पाती है तो हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव राष्ट्रपति का चुनाव करता है। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव को आप भारत की लोकसभा की तरह मान सकते हैं। अमेरिका के 50 राज्य इस प्रक्रिया में मतदान करते हैं और जिस उम्मीदवार को 26 वोट मिलते हैं वो जीत जाता है। अमेरिका के इतिहास में केवल 2 बार (साल 1800 और 1824) में ऐसा हुआ है।