अफगानिस्तान: कंधार के बाद लश्कर गाह पर भी तालिबान का कब्जा
तालिबान ने तेजी से आगे बढ़ते हुए अफगानिस्तान के कंधार के बाद अब लश्कर गाह शहर पर भी अपना कब्जा कर लिया है। इसकी पुष्टि करते हुए अफगानिस्तान के एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि तालिबान ने दक्षिणी शहर लश्कर गाह को अपने कब्जे में ले लिया है। इससे पहले तालिबान ने कंधार और हेरात पर कब्जा करने की बात कही थी। अफगानिस्तान सरकार का अब सिर्फ राजधानी काबुल और दूसरे कुछ हिस्सों पर ही नियंत्रण रहा है।
हेरात हवाई अड्डा भी तालिबान के कब्जे में
कंधार पर कब्जे की जानकारी देते हुए तालिबान के एक प्रवक्ता ने ट्विटर पर लिखा कि कंधार पर पूरी तरह से कब्जा हो चुका है। मुजाहिदीन शहर में 'मार्टियर्स स्कवॉयर' पर पहुंच गए हैं। एक स्थानीय नागरिक ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अफगान सेना पीछे हट गई है। तालिबान ने यह भी दावा किया है कि हेरात अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे उसके कब्जे में है और यहां के सभी कर्मचारी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
तालिबान ने एक हफ्ते में 12 प्रांतीय राजधानियों पर किया कब्जा
कंधार और हेरात क्रमश: अफगानिस्तान के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहर हैं। इन पर तालिबान का कब्जा होना उसकी बड़ी जीत मानी जा रही है। गुरुवार को उसने काबुल से 150 किलोमीटर दूसर स्थित गजनी पर भी कब्जा किया था। इस तरह पिछले एक सप्ताह में तालिबान 12 प्रांतीय राजधानियों पर अपना झंडा फहरा चुका है। अफगानिस्तान में कुल 34 प्रांतीय राजधानी हैं। अब केवल मजार-ए-शरीफ, जलालाबाद और काबुल जैसे शहरों पर ही अफगान सरकार का नियंत्रण बचा है।
अपने नागरिकों को निकालने के लिए सैनिक भेजेंगे अमेरिका और ब्रिटेन
तालिबान के बढ़ते कदमों के बीच अमेरिका और ब्रिटेन ने अफगानिस्तान के अपने दूतावासों से कर्मचारियों और नागरिकों को निकालने के लिए सैनिन भेजने का फैसला किया है। अमेरिका ने कहा कि वह अपने नागरिकों को निकालने के लिए अगले एक-दो दिनों में 3,000 सैनिकों को अफगानिस्तान भेजेगा। इन्हें तालिबान के खिलाफ लड़ाई में नहीं लगाया जाएगा। वहीं ब्रिटेन ने कहा कि वह अपने नागरिकों को लाने के लिए 600 सैनिक अफगानिस्तान भेजेगा।
सत्ता साझेदारी का प्रस्ताव दे चुकी है अफगानिस्तान सरकार
अफगानिस्तान सरकार के वार्ताकारों ने देश में चल रही हिंसा रोकने के लिए तालिबान को सत्ता साझेदारी का प्रस्ताव दिया है। समाचार एजेंसी AFP ने गुरुवार को मध्यस्थता के लिए बातचीत कर रहे एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने मध्यस्थ के तौर पर कतर को यह प्रस्ताव सौंपा है। इसमें हिंसा रोकने के बदले तालिबान को सत्ता में साझेदारी देने की बात कही गई है।
आम नागरिकों की हत्या कर रहे तालिबान के लड़ाके
तालिबान ने खुद में बदलाव का चोला भी उतार फेंका है और वो आम नागरिकों पर भी हमला कर रह है। एक गांव में तो उसने दर्जनों सैकड़ों निहत्थे आम लोगों की हत्या कर दी। यही नहीं उसने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करने वाले भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की पहचान करने के बाद नृशंसता से हत्या की। इसके अलावा अफगान सरकार के मीडिया विभाग के प्रमुख दवा खान मिनापाल की भी शुक्रवार को हत्या कर दी गई।
अफगानिस्तान में जारी है संघर्ष
गौरतलब है कि अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान सेना के बीच संघर्ष चल रहा है। माना जा रहा है कि तालिबान देश के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा कर चुका है और उसने कहा है कि अगर वो चाहे तो दो हफ्ते में पूरे देश पर कब्जा कर सकता है। अफगानिस्तान में स्थिति तेजी से गृह युद्ध में तब्दील होती दिख रही है जो अच्छी खबर नहीं है।