कोरोना वैक्सीन: गरीब देशों को 100 करोड़ खुराकें दान कर सकते हैं G7 देश
ब्रिटेन ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि G7 समूह में शामिल देश दुनियाभर में कोरोना वायरस वैक्सीन की 100 करोड़ खुराकें दान करेंगे। इसके लिए ये देश अपनी वैक्सीन निर्माण क्षमता को बढ़ाएंगे। साउथवेस्ट इंग्लैंड में G7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे ब्रिटेन ने कहा कि वह अगले एक साल के भीतर कम से कम 10 करोड़ सरप्लस खुराकें दान करेगा। आगामी कुछ हफ्तों में पांच करोड़ खुराकों के साथ इसकी शुरुआत हो जाएगी।
क्या है G7
G7 समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, जापान और अमेरिका शामिल है। इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था माने जाने वाले देशों का समूह है, जिसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी।
गरीब देशों की मदद न करने के कारण हो रही आलोचना
ब्रिटेन ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है, जब अमीर देशों पर लगातार गरीब देशों की मदद करने का दबाव बढ़ रहा है। हाल ही में यूनिसेफ ने भी G7 देशों को पत्र लिखकर वैक्सीन आपूर्ति में सहयोग करने की अपील की थी। यूनिसेफ का कहना था कि गरीब देशों को वैक्सीन की जरूरत अभी है और अगर उन्हें बाद में इन्हें एक साथ वैक्सीन मिलेगी तो खुराकों के बर्बाद होने का खतरा रहेगा।
जॉनसन बोले- सरप्लस खुराकें दान करने की स्थिति में
ब्रिटेन ने अब तक वैक्सीन की 40 करोड़ खुराकें ऑर्डर की हैं और उसे गरीब देशों को दान न देने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, G7 देशों का शिखर सम्मेलन शुरू होने की पूर्व संध्या पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसमें बदलाव की बात कही है। उन्होंने कहा, "ब्रिटेन के वैक्सीनेशन अभियान की सफलता के बाद हम सरप्लस खुराकों की जरूरतमंद देशों में वितरित करने की स्थिति में हैं।"
अगले साल के अंत तक पूरी दुनिया को वैक्सीनेट कर सकते हैं- जॉनसन
जॉनसन ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि G7 शिखर सम्मेलन में मेरे साथी नेता भी इसी तरह की शपथ लेंगे। साथ मिलकर हम अगले साल के अंत तक पूरी दुनिया को वैक्सीनेट कर कोरोना संकट से बाहर निकल सकते हैं।"
100 करोड़ खुराकें दान करेंगे G7 देश- डाउनिंग स्ट्रीट
जॉनसन के कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेता यह ऐलान कर सकते हैं कि वो दुनिया को कोरोना वायरस वैक्सीन की कम से कम 100 करोड़ खुराकें दान करेंगे। इसके लिए वैक्सीन उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जाएगा।" बयान में आगे कहा गया है कि ब्रिटेन सबसे गरीब देशों को सितंबर तक पांच करोड़ खुराकें दान करेगा, जिसकी शुरुआत अगले कुछ हफ्तों में हो सकती है।
50 करोड़ खुराकें दान करेगा अमेरिका
ब्रिटेन जितनी खुराकों का दान करेगा, उनमें से 80 प्रतिशत कोवैक्स कार्यक्रम के तहत वितरित की जाएंगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की देखरेख में चल रहे इस कार्यक्रम का मकसद वैक्सीन का समान वितरण करना है। इससे पहले गुरुवार को अमेरिका ने निम्न आय वाले करीब 100 देशों को वैक्सीन की 50 करोड़ खुराकें दान करने का ऐलान किया था। इनमें से 20 करोड़ खुराकें इस साल और बाकी 30 करोड़ अगले साल के मध्य तक भेजी जाएंगी।
EU सदस्य देंगे 10 करोड़ खुराकें
दूसरी तरफ यूरोपीय संघ (EU) के सदस्य देशों ने भी इस साल के अंत तक 10 करोड़ खुराकें दान करने पर सहमति जताई है। सबसे ज्यादा तीन-तीन करोड़ खुराकें जर्मनी और फ्रांस देंगे।
वैक्सीन के वितरण में है भारी असमानता
दुनिया में कोरोना वायरस वैक्सीन के वितरण के मामले में भारी असमानता देखने को मिल रही है। अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन जहां अपनी लगभग आधी आबादी को वैक्सीनेट करने के बाद बच्चों को वैक्सीन लगाने लगे हैं, वहीं गरीब देशों में अभी तक सभी स्वास्थ्यकर्मियों को भी खुराकें नहीं दी जा सकी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत कई संस्थाएं इस असमानता को दूर करने के लिए सरकारों से कदम उठाने की मांग कर रही हैं।