नागरिकता कानून: माइक्रोसॉफ्ट CEO सत्या नडेला बोले- यह कानून दुखद और बुरा
क्या है खबर?
नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में चल रहे प्रदर्शनों के बीच माइक्रोसॉफ्ट के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सत्य नडेला का बयान आया है।
उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के एक कार्यक्रम में बजफीड के एडिटर इन चीफ बेन स्मिथ से कहा, "मैं समझता हूं कि यह दुखद है, बुरा है।"
बेन स्मिथ ने ट्विटर पर लिखा कि नडेला ने कहा, "मैं यह देखना चाहूंगा कि कोई बांग्लादेशी प्रवासी भारत आकर अगला यूनिकॉर्न स्थापित करे या फिर इंफोसिस का अगला CEO बने।"
जानकारी
क्यों अहम है नडेला का बयान?
नडेला किसी टेक्नोलॉजी कंपनी के पहले प्रमुख हैं, जिन्होंने नागरिकता कानून का विरोध में बयान दिया है। बजफीड ने ऐपल, फेसबुक और गूगल से भी प्रतिक्रिया मांगी थी, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से जवाब नहीं आया है।
बयान
नडेला ने की बहुसांस्कृतिक माहौल की बात
बजफीड पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मूल रूप से हैदाराबाद के नडेला ने अपनी बहुसांस्कृतिक जड़ों के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा, "मैं हैदराबाद शहर में पला बढ़ा और बड़ा हुआ। मुझे उसी शहर से सांस्कृतिक विरासत मिली है, जिस पर मुझे गर्व है। मुझे हमेशा लगता है कि पलने बढ़ने के लिए यह शानदार शहर है। हम ईद मनाते थे, हम क्रिसमस मनाते थे, हम दिवाली मनाते थे। हमारे लिए ये तीनों बड़े त्योहार हैं।"
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माइक्रोसॉफ्ट ने किया नडेला की तरफ से बयान जारी
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने नडेला की तरफ से बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि हर देश को अपनी सीमाएं, प्रवासी नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नीति बनानी चाहिए। लोकतत्र में सरकार और नागरिकों के बीच बहस के बाद ये निर्धारण होना चाहिए।
बयान
भारतीय विरासत से बना हूं- नडेला
नडेला ने बयान में आगे कहा है, 'मैं भारतीय विरासत के साथ बना हूं। बहुसांस्कृतिक भारत में पला बढ़ा और फिर अमेरिका में रहने का अनुभव हुआ। भारत के लिए मेरी उम्मीद है कि कोई भी बाहर से आया व्यक्ति कोई शानदार स्टार्ट अप शुरू करे या किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी का नेतृत्व कर सके। इससे भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था को फ़ायदा होगा।
माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से जारी नडेला का यह बयान आप नीचे दिए गए ट्वीट में देख सकते हैं।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये माइक्रोसॉफ्ट का बयान
Statement from Satya Nadella, CEO, Microsoft pic.twitter.com/lzsqAUHu3I
— Microsoft India (@MicrosoftIndia) January 13, 2020
जानकारी
सोशल मीडिया पर शुरू हुई बहस
नडेला का बयान आते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। कुछ लोग नडेला के इस बयान की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ उन्हें नागरिकता कानून पढ़ने की सलाह भी दे रहे हैं।
मुद्दा
नागरिकता कानून क्या है?
दिसंबर में खत्म हुए शीतकालीन सत्र में संसद ने नागरिकता संशोधन कानून को हरी झंडी दिखाई थी।
इस कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आये हिंदू, सिख, पारसी, जैन, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लोगों को आसानी से नागरिकता मिल सकेगी।
मुस्लिमों को इस कानून से बाहर रखा गया है। इस कानून को धार्मिक आधार पर भेदभाव करने वाला बताकर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
उपलब्धि
माइक्रोसॉफ्ट के तीसरे CEO हैं सत्या नडेला
हैदराबाद में जन्मे सत्या नडेला का पूरा नाम सत्या नारायण नडेला हैं। वो 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के CEO का पद संभाला था।
नडेला ने मेंगलौर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वो उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए और यहां की विस्किन्सन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स पूरी की।
वो 1992 में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े और फरवरी, 2014 में बिल गेट्स और स्टीव बालमेर के बाद कंपनी के तीसरे CEO बने।
बीएन युगांधर
IAS अधिकारी थे नडेला के पिता
नडेला के पिता बुकापुरम नडेला युगांधर IAS अधिकारी थे। 80 साल की उम्र में पिछले साल लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था।
1962 बैच के IAS युगांधर अपने कार्यकाल में कई अहम पदों पर रहे। अपने साफ रिकॉर्ड के लिए जाने जाने वाले युगांधर मनमोहन सरकार के पहले कार्यकाल में योजना आयोग के सदस्य थे।
वो 1988 से 1993 तक मसूरी स्थित लाल बहादुर नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNA) के निदेशक भी रहे।