निज्जर हत्याकांड पर जयशंकर ने कनाडा को घेरा, बोले- ऐसे काम करना भारत की नीति नहीं
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 78वें सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, बाहरी दखल जैसे मुद्दों के साथ-साथ भारत की वैश्विक हित की नीति का उल्लेख किया। विदेश मंत्री ने इस दौरान कनाडा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सभी को देशों की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। आइए जानते हैं कि UNGA में विदेश मंत्री ने किन-किन मुद्दों पर बात की।
कनाडा पर साधा निशाना
भारत और कनाडा के बीच चल रहे तनाव के बीच विदेश मंत्री ने कनाडा पर निशाना साधा। जयशंकर ने कहा, "राजनीतिक सुविधा के हिसाब से आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा पर प्रतिक्रिया दिया जाना स्वीकार्य नहीं होना चाहिए। इसी तरह अपने हिसाब से क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं हो सकता है। जब वास्तविकता बयानबाजी से दूर हो जाए तो हम में उसे बाहर लाने का साहस भी होना चाहिए।"
निज्जर हत्याकांड के आरोपों पर क्या बोले विदेश मंत्री?
संयुक्त राष्ट्र में बोलने के बाद जयशंकर ने न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में कनाडा पर सीधा हमला बोला। उन्होने कहा, "हम बार-बार कनाडा से खालिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई के लिए कहते रहे हैं। हमने कनाडा को इससे जुड़ी काफ़ी जानकारियां भी दी थीं।" निज्जर हत्याकांड पर जयशंकर ने कहा, "हमने कनाडा से कहा है कि ये भारत सरकार की नीति नहीं है। अगर आपके पास कोई विशिष्ट जानकारी है तो हमें बताएं।"
जयशंकर ने कहा- वे दिन गए जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे
दिल्ली में हुए G-20 शिखर सम्मेलन की सफलता का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "ऐसे समय में जब पूर्वी-पश्चिमी देशों का ध्रुवीकरण तेजी से हो रहा है और उत्तर-दक्षिण में अंतर गहरा रहा है, तब नई दिल्ली G-20 शिखर सम्मेलन ने दुनिया को दिखा दिया कि कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। वे दिन गए जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और अन्य देशों से उसके अनुरूप चलने की उम्मीद करते थे।"
जयशंकर ने UNSC सुधार और विस्तार पर क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सुधार और विस्तार के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा, "अगले साल, संयुक्त राष्ट्र भविष्य के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इसे सुरक्षा परिषद की सदस्यता के विस्तार सहित विश्व निकाय में परिवर्तन लाने, निष्पक्षता लाने और बहुपक्षवाद में सुधार लाने के लिए एक बेहतर अवसर है। हमें इस दृढ़ विश्वास के साथ वैश्विक चुनौतियों का सामना करना चाहिए कि हम एक पृथ्वी और एक परिवार हैं और हमारा भविष्य एक है।"
भारत ने की वैक्सीन मैत्री की पहल
जयशंकर ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान कई गरीब देशों को भारत की ओर से की गई मदद का भी उल्लेख किया। संबोधन में उन्होंने कहा, "भारत ने वैक्सीन मैत्री की पहल की। इसमें अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसे प्रयास भी शामिल हैं।" उन्होंने बताया कि कैसे तुर्की और सीरिया में आपदाओं के दौरान भारत ने मदद की, जिसकी काफी सराहना भी हुई।
भारत की प्रगति से दुनिया में आएगा बदलाव
विदेश मंत्री ने कहा, "दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाली और 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जानती है कि इसकी प्रगति से दुनिया में वास्तविक बदलाव आएगा। खासकर तब जब कई राष्ट्र हमारे इतिहास, भूगोल या संस्कृति के कारण हमसे जुड़ते हैं। सभी राष्ट्र अपना राष्ट्र हित देखते हैं। हमने कभी इसे वैश्विक हित के विपरीत नहीं देखा।" विदेश मंत्री ने कहा, "भारत अब विश्वामित्र (दुनिया के लिए एक मित्र) के युग में विकसित हो गया है।"