रूस-यूक्रेन युद्ध के 3 साल पूरे, जानिए दोनों देशों पर क्या पड़ा प्रभाव
क्या है खबर?
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध को सोमवार (24 फरवरी) को 3 साल पूरे हो गए हैं। इन तीन सालों में दोनों देशों को काफी कुछ सहना पड़ा है।
वर्तमान में यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंदी के संकेत दिखा रही है और उसके थके हुए सैनिक अपनी जमीन पर बने रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
इसी तरह, रूस के लिए भी यह युद्ध अच्छा नहीं रहा है और उसकी अर्थव्यवस्था भी चरमराना शुरू हो गई है।
जमीन
यूक्रेन ने रूस के हाथों गंवाई अपनी जमीन
24 फरवरी, 2022 को शुरू हुए इस युद्ध के बाद यूक्रेन को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। उसे डोनेट्स्क और बखमुत जैसे पूर्वी क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वार के डाटा विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले 3 साल में यूक्रेन ने लगभग 11 फीसदी जमीन गंवा दी है। 2014 से अब तक यूक्रेन के 18 फीसदी इलाके पर रूस कब्जा कर चुका है।
मौत
युद्ध में अब तक हुई 4.75 लाख सैनिक और नागरिकों की मौत
3 साल की इस जंग में सैनिकों की मौत एक बेहद विवादास्पद विषय रहा है। दोनों ही देश अपना वास्तविक नुकसान नहीं बताना चाहते हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने फरवरी की शुरुआत में कहा था कि इस युद्ध में उनके 45,000 सैनिक मारे गए, जबकि 3.90 लाख रूसी सैनिकों की मौत हुई।
इसी तरह, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन (HRMMU) के अनुसार, इस युद्ध में 40,000 नागरिकों की मौत हुई और 62,000 से अधिक घायल हुए हैं।
जानकारी
लाखों यूक्रेनी विस्थापित हुए
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक, 2024 के अंत तक 63 लाख यूक्रेनी शरणार्थी यूरोप में थे। 12 लाख जर्मनी, 9 लाख पोलैंड और 3.9 लाख चेक रिपब्लिक में रह रहे हैं। इसी तरह, 12 लाख यूक्रेनी शरणार्थी रूस में भी रह रहे हैं।
नुकसान
यूक्रेन की GDP में आई बड़ी गिरावट
विश्व बैंक और यूक्रेन सरकार के अनुमान के अनुसार, 2023 तक यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को लगभग 150 अरब डॉलर (लगभग 12.5 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान होने का अनुमान था।
2024 के अंत तक यह आंकड़ा और बढ़ गया है, कुछ विशेषज्ञ इसे 450 अरब डॉलर (37.50 लाख करोड़ रुपये) तक आंकते हैं, जिसमें पुनर्निर्माण लागत शामिल है।
2022 में यूक्रेन की GDP 35-40 प्रतिशत सिकुड़ गई थी और 2023-2024 में इसमें मामूली सुधार हुआ है।
आर्थिक
रूस को कितना हुआ आर्थिक नुकसान?
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के 2023 के एक अनुमान के अनुसार, रूस ने युद्ध में सेना, हथियार, और लॉजिस्टिक्स पर 211 अरब डॉलर (लगभग 18 लाख करोड़ रुपये) खर्च किए थे। 2025 तक यह राशि 300 अरब डॉलर से ज़्यादा हो सकती है।
पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों से रूस की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। अगर सभी नुकसानों को जोड़ा जाए युद्ध से अब तक 1-1.5 खरब डॉलर (लगभग 80-125 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है।
महंगाई
युद्ध के बाद दोनों देशों में बढ़ी महंगाई
आंकड़ों के अनुसार, युद्ध का दोनों पड़ोसियों के नागरिकों पर लगातार असर पड़ रहा है। रूस में कीमतों में 9.5 प्रतिशत और यूक्रेन में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में रूसी अर्थव्यवस्था में चरमरा रही है। उच्च ब्याज दरों और महंगाई के कारण विभिन्न क्षेत्रों में बिक्री और ऑर्डर में गिरावट आ रही है। इसका नागरिकों पर सीधा असर पड़ रहा है। यूक्रेन में इससे भी बुरे हालता हैं।
झटका
अमेरिका ने यूक्रेन को दिया बड़ा झटका
यूक्रेन का अमेरिका सबसे बड़ा सहयोगी रहा है। साल 2022 से अब तक उसने 95 अबर डॉलर (8.19 लाख करोड़ रुपये) की सैन्य, मानवीय और वित्तीय सहायता दी है।
हालांकि, ट्रंप प्रशासन में यह मदद खतरे में है। हाल में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मदद के बदले दुर्लभ खनिज मांगे हैं, लेकिन जेलेंस्की ने इसे खारिज कर दिया।
USAID की फंडिंग रोकने से भी यूक्रेन पर बड़ा असर हुआ है। यूक्रेन कई परियोजनाएं बंद करने पर मजबूर हो गया है।