#NewsBytesExplainer: सीरिया के अलेप्पो शहर पर कब्जा करने वाले विद्रोही कौन हैं, क्यों कर रहे हमला?
सीरिया में विद्रोही गुट ने 8 साल बाद देश के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो के आधे से ज्यादा इलाके पर कब्जा कर लिया है। विद्रोही शहर के अंदर घुस गए हैं और कई सैन्य ठिकानों पर कब्जा कर लिया है। सीरियाई सरकार की मदद के लिए रूस ने भी अपनी सेना तैनात कर दी है। इस संघर्ष में अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। आइए जानते हैं पूरा विवाद क्या है।
कौन है हमला करने वाले विद्रोही?
इस अभियान का नेतृत्व मुख्य तौर पर हयात तहरीर अल-शाम (HTS) नामक संगठन है। ये अलकायदा से जुड़ा एक आतंकी समूह है, जिसका नेतृत्व अबू मोहम्मद अल-गोलानी करते हैं। बीते कुछ सालों में HTS ने खुद को नया नाम देकर अपनी छवि सुधारने का प्रयास किया है। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र (UN) ने HTS को एक आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है, लेकिन संगठन अपने आतंकी संबंधों को नकारता रहा है।
क्यों कर रहे हैं हमला?
विद्रोही सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल हसन अब्दुलगनी ने इस हमले को रक्षात्मक जरूरत बताया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, उन्होंने कहा, "हमारे लोगों पर दुश्मनों की गोलीबारी रोकने के लिए ये अभियान कोई विकल्प नहीं है, बल्कि लोगों और जमीन की रक्षा करने का एक दायित्व है।" विद्रोहियों के तात्कालिक लक्ष्यों में नागरिक क्षेत्रों पर हवाई हमलों को रोकना, क्षेत्र पर फिर कब्जा करना और सेना के लिए जरूरी आपूर्ति मार्गों को बंद करना शामिल है।
सेना विद्रोहियों से कैसे निपट रही है?
रूस की मदद से सीरियाई सेना ने इदलिब और अतारेब समेत कई इलाकों पर हमले किए हैं। रूसी सेना ने दावा किया है कि उसने 23 ठिकानों पर हमला कर 200 से ज्यादा विद्रोहियों को मार गिराया है। रूस ने सीरिया को अतिरिक्त सैन्य सहायता देने का वादा किया है। 2 सैन्य सूत्रों ने रॉयटर्स से कहा कि नए सैन्य उपकरण 72 घंटों के भीतर भेजे जाएंगे। सरकार ने अलेप्पो हवाई अड्डे और सभी सड़कों को बंद कर दिया है।
अब तक कितना नुकसान हुआ है?
विद्रोहियों ने अलेप्पो के कई गांवों, रणनीतिक राजमार्गों और सैन्य ठिकानों पर कब्जा कर लिया है। संयुक्त राष्ट्र के उपक्षेत्रीय मानवीय समन्वयक डेविड कार्डन ने कहा, "पिछले 3 दिनों में लगातार हमलों ने कम से कम 27 नागरिकों की जान ले ली है, जिनमें 8 साल की उम्र के बच्चे भी शामिल हैं।" एक छात्रावास पर हमले में 2 छात्रों की भी मौत हुई है। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का एक वरिष्ठ कमांडर भी मारा गया है।
अलेप्पो पर पहले भी हुआ है हमला
दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक अलेप्पो को 1986 में UNESCO ने वैश्विक धरोहर का दर्जा दिया था। हालांकि, 2012 में विद्रोही गुटों ने अलेप्पो के पूर्वी हिस्से पर कब्जा कर लिया था। यह सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ विद्रोह का गढ़ था। सीरियाई गृह युद्ध के दौरान यहां 51,000 लोगों की मौत हुई थी और 35,000 इमारतें बर्बाद हो गई थीं, जिनमें से 6 वैश्विक धरोहरों की सूची में थीं।
विद्रोह का मध्य-पूर्व में क्या असर हो सकता है?
ईरान हमेशा से असद की मदद करता रहा है, लेकिन स्थितियां इस बार वैसी नहीं है। ईरान और हमास-हिज्बुल्लाह जैसे उसके छद्म संगठन पहले से ही इजरायल के साथ संघर्ष में शामिल हैं। सीरिया का एक और मददगार रूस भी यूक्रेन के साथ जंग में उलझा हुआ है। असद सरकार रूस और ईरान जैसे सहयोगियों की मदद से सीरिया के 70 प्रतिशत इलाके पर नियंत्रण रखती है, लेकिन फिलहाल अलग परिस्थितियों की वजह से व्यापक संघर्ष भड़कने की आशंका है।