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अमेरिका-पाकिस्तान में हुए क्रिप्टोकरेंसी समझौते को पहलगाम हमले और युद्धविराम से क्यों जोड़ा जा रहा है?
भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान-अमेरिका में हुए एक समझौते की चर्चा है

अमेरिका-पाकिस्तान में हुए क्रिप्टोकरेंसी समझौते को पहलगाम हमले और युद्धविराम से क्यों जोड़ा जा रहा है?

लेखन आबिद खान
May 15, 2025
05:33 pm

क्या है खबर?

भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के जवाब में पाकिस्तान की कार्रवाई और इसके बाद आनन-फानन में हुए युद्धविराम पर सवाल उठ रहे हैं। युद्धविराम की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा करना और इसमें कथित अमेरिकी मध्यस्थता भी सवालों के घेरे में हैं। इस बीच पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हुए एक क्रिप्टोकरेंसी समझौते की भी चर्चा है। ये समझौता पहलगाम हमले के कुछ दिन बाद ही हुआ था। आइए पूरा मामला जानते हैं।

समझौता

समझौते में शामिल कंपनी में ट्रंप के बेटों की हिस्सेदारी 

27 अप्रैल को पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल (PCC) ने अमेरिका की वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) के साथ एक समझौता किया था। बता दें, WLF एक ब्लॉकचेन निवेश फर्म है, जिसमें ट्रंप के दोनों बेटों- एरिक और ट्रंप जूनियर की कथित तौर पर 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस समझौते पर सहमति बनाने के लिए ट्रंप के कारोबारी सहयोगी स्टीव विटकॉफ के बेटे जैचरी विटकॉफ, WLF के वरिष्ठ अधिकारी जैचरी फोकमैन और चेस हेरो इस्लामाबाद आए थे।

मुलाकात

ट्रंप के बेटों ने असीम मुनीर से की थी मुलाकात

WLF के प्रतिनिधिमंडल ने PCC के CEO बिलाल बिन साकिब के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद इस समूह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की। इस बैठक में पाकिस्तान की केंद्रीय बैंक के गवर्नर, वित्त मंत्री, IT सचिव और सिक्योरिटी और एक्सचेंज कमीशन के अध्यक्ष भी शामिल हुए थे। इस प्रतिनिधिमंडल की मुनीर से मुलाकात को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं।

उद्देश्य

क्या है समझौते का उद्देश्य?

WLF और PCC के बयानों के अनुसार, इस समझौते का उद्देश्य पाकिस्तान की वित्तीय प्रणालियों में ब्लॉकचेन एकीकरण को बढ़ावा देना है। इसमें स्थिर मुद्रा विकास, परिसंपत्तियों का टोकनीकरण और विकेंद्रीकृत वित्त में पायलट परियोजनाओं के लिए विनियामक सैंडबॉक्स की योजनाएं शामिल हैं। WLF ने एक अलग बयान में कहा कि इसका लक्ष्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय समावेशन और डिजिटल परिवर्तन का समर्थन करना है। डॉन के मुताबिक, इस समझौते से पाकिस्तान की स्थिति वैश्विक क्रिप्टो बाजार में मजबूत होगी।

कंपनी

क्या है WLF?

WLF एक डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) प्लेटफॉर्म है, जिसकी स्थापना 2024 में हुई थी। इसमें ट्रंप के परिवार की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ट्रंप के बेटों के अलावा दामाद जेरेड कुशनर भी इस कंपनी से जुड़े हुए हैं। यह कंपनी ब्लॉकचेन तकनीक और क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। ट्रंप खुद को कंपनी का 'चीफ क्रिप्टो एडवोकेट' कहते हैं। कंपनी में उनके बेटे वेब3 एम्बेसेडर और डेफी कई अन्य पदों पर हैं।