
ट्रंप के टैरिफ का भारत पर सकारात्मक असर, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पादन में उछाल
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसलों का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर साफ नजर आ रहा है।
कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में मार्च, 2025 में उत्पादन 21.5 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो फरवरी में सिर्फ 11.2 प्रतिशत था। यह 33 महीने का सबसे ऊंचा स्तर है।
टैरिफ से बचने के लिए कंपनियों ने तेजी से अमेरिका में माल भेजा, जिससे इस सेक्टर में अचानक तेजी देखी गई और ग्रोथ अस्थायी रूप से बढ़ गई।
प्रतिक्रिया
कंपनियों की तेजी से प्रतिक्रिया
टैरिफ लागू होने की खबर सुनते ही कंपनियों ने अमेरिका को ऑर्डर तेजी से भेजने शुरू किए।
ऐपल ने मार्च में भारत से 5 अलग-अलग फ्लाइट्स में आईफोन भेजे। ट्रंप ने 2 अप्रैल को 36 प्रतिशत शुल्क की घोषणा की थी, जिससे घबराकर कंपनियों ने जल्द-से-जल्द ऑर्डर निपटाए।
कुछ दिनों बाद उन्होंने चीन को छोड़कर बाकी देशों के लिए टैरिफ 90 दिनों तक टाल दिया, लेकिन 10 प्रतिशत का न्यूनतम शुल्क अब भी लागू है।
फायदा
भारत को निर्यात में मिल रहा फायदा
टैरिफ विवाद के कारण भारत को कुछ हद तक फायदा मिल रहा है।
रिपोर्टों के अनुसार, ऐपल और सैमसंग भारत में उत्पादन बढ़ाने पर विचार कर रही हैं, ताकि अमेरिकी जरूरतों को पूरा किया जा सके।
2024 में भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात 35 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो 2022 में केवल 14 प्रतिशत था।
इसका मतलब है कि अमेरिका के साथ व्यापारिक बदलावों का भारत की निर्यात क्षमता पर सकारात्मक असर हो रहा है।
अन्य
अन्य क्षेत्रों के उत्पादन में भी बढ़त
कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा अन्य क्षेत्रों के भी उत्पादन में बढ़त दर्ज की गई है।
मार्च में इलेक्ट्रिकल उपकरणों का उत्पादन 15.7 प्रतिशत बढ़ा, जो पिछले महीने 9.5 प्रतिशत था। मशीनरी और मोटर वाहन उत्पादन भी मजबूत रहा। बेसिक मेटल उत्पादन में भी 6.9 प्रतिशत की बढ़त देखी गई।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि कंपनियों ने टैरिफ लागू होने से पहले स्टॉक बढ़ाया, जिससे उत्पादन में तेजी आई। आगे भी यह असर नजर आ सकता है।