
अजरबैजान और तुर्की को पर्यटन में भारत से कितना फायदा मिलता है?
क्या है खबर?
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पाकिस्तान को समर्थन देने वाले देशों में अजरबैजान और तुर्की भी खड़े थे, जिनके भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते हैं।
अब भारत में दोनों देशों से व्यापार का बहिष्कार शुरू हो गया है।
दोनों देशों के बीच पर्यटन सबसे बड़ा व्यापार है। इसके अलावा मार्बल से लेकर सेब और सूखे मेवे का भी कारोबार होता है।
बहिष्कार शुरू होने के बाद से लोगों ने तुर्की और अजरबैजान की यात्राएं रद्द करनी शुरू कर दी हैं।
व्यापार
तुर्की और अजरबैजान को कितना होगा नुकसान?
उद्योगपति हर्ष गोयनका बताते हैं कि 2024 में भारतीय पर्यटकों ने तुर्की और अजरबैजान में 4,000 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि ट्रैवल कंपनी ईजमाईट्रिप ने यह आंकड़ा 3,000 करोड़ रुपये बताया है।
बहिष्कार से अब इतने नुकसान की संभावना है। दोनों देश यूरोप के पसंदीदा गंतव्य है, जहां 1-2 लाख रुपये प्रति व्यक्ति यात्रा पर खर्च होता है।
तुर्की के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 12 प्रतिशत और रोजगार का 10 प्रतिशत पर्यटन पर निर्भर है।
नुकसान
हर साल 3 लाख भारतीय जाते हैं तुर्की
ट्रैवल कंपनी के मुताबिक, हर साल 2.3 करोड़ भारतीय विदेशों में पर्यटन यात्रा पर जाते हैं। 2023 में 2.87 लाख से अधिक भारतीय तुर्की गए थे। यह संख्या बढ़ रही है।
वहीं, अजरबैजान पर्यटन बोर्ड के अनुसार, 2024 में 2.43 लाख भारतीयों ने देश की यात्रा की, जो 2014 में मात्र 4,853 थी। यह काफी बढ़ी है और अगले 10 साल में 11 प्रतिशत और बढ़ेगी।
रद्दीकरण
बुकिंग रद्दीकरण में 250 प्रतिशत की बढ़त
मेकमाईट्रिप का कहना है कि बहिष्कार शुरू होने के बाद से दोनों देशों के लिए फ्लाइट बुकिंग में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है और रद्दीकरण में 250 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
इसके अलावा मेकमाईट्रिप के साथ ईजमाईट्रिप, कॉक्स एंड किंग्स, इक्सिगो और ट्रैवोमिंट ने भी अपने प्लेटफॉर्म से इन गंतव्यों के लिए सभी प्रचार और ऑफर हटा दिए हैं।
ट्रैवल कंपनियों के अलावा व्यक्तिगत तौर पर दोनों देशों की यात्रा करने वाले भी बुकिंग रद्द कर रहे हैं।
विरोध
क्यों हो रहा विरोध?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मौज-मस्ती कर रहे 26 पर्यटकों को उनके परिजनों के सामने गोली मार दी थी।
इसके बाद भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को 'ऑपरेशन सिंदूर' से निशाना बनाकर तबाह किया था। पाकिस्तान ने इसके बाद भारत पर मिसाइल और ड्रोन दागे, जिसे भारत ने नष्ट किया।
इस दौरान पाकिस्तान को तुर्की और अजरबैजान ने अपने हथियारों से काफी समर्थन किया था।