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फारूक अब्दुल्ला पहलगाम में पर्यटकों से मिले, कहा- हमला बिना स्थानीय मदद के नहीं हो सकता
पहलगाम हमले पर फारूक अब्दुल्ला ने कई बातें कही हैं

फारूक अब्दुल्ला पहलगाम में पर्यटकों से मिले, कहा- हमला बिना स्थानीय मदद के नहीं हो सकता

लेखन आबिद खान
May 03, 2025
06:15 pm

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला बिना स्थानीय मदद के नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि किसी स्थानीय ने आतंकियों की मदद तो जरूर की है। फारूक ने कहा, "भारत गांधी का देश है, हमने पाकिस्तान को धमकी दी है कि हम पानी रोक देंगे, लेकिन हम उन्हें मारेंगे नहीं। हम उनके जितने क्रूर नहीं हैं।" फारूक ने पहलगाम हमले में मारे गए आदिल हुसैन के परिजनों से मुलाकात की।

मौलाना अजहर

फारूक बोले- मैंने कहा था, मौलाना अजहर को मत छोड़िए 

फारूक ने पहलगाम हमले को सुरक्षा में चूक बताया। उन्होंने कहा, "1999 में जब भारत ने मौलाना मसूद अजहर को छोड़ा था, तब मैंने कहा था कि मत छोड़िए, लेकिन किसी ने मेरी बात मानी नहीं। अजहर कश्मीर को जानता है। उसने अपने रास्ते बना रखे हैं और क्या पता पहलगाम हमले में उसका हाथ भी होगा। वे उसे सीमा पार ले गए और अब परिणाम देखिए।" मसूद जैश-ए-मोहम्मद की संस्थापक और वैश्विक आतंकवादी है।

अपील

फारूक ने पर्यटकों से की ये अपील

फारूक ने पहलगाम में पर्यटकों से मुलाकात की और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को डरना नहीं चाहिए और घाटी में उनका स्वागत है। उन्होंने कहा, "हम एक गरीब क्षेत्र हैं। हमारे पास केवल प्राकृतिक सुंदरता है, लेकिन आज यह जगह रो रही है। मैं लोगों से यहां आने की अपील करता हूं। मेरा मानना है कि वे जरूर आएंगे। भगवान अमरनाथ जी यहीं हैं और वे हमारी रक्षा करेंगे।"

सिंधु संधि

सिंधु जल संधि पर क्या बोले फारूक?

फारूक ने सिंधु जल संधि की समीक्षा की मांग की। उन्होंने कहा, "जब सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, तब जम्मू-कश्मीर के लोगों को विश्वास में नहीं लिया गया था। इस संधि के कारण जम्मू-कश्मीर को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि वह उस पानी को जम्मू के लोगों तक पहुंचाने की योजना पर काम करे। पानी हमारा है तो इस्तेमाल का हक भी हमारा होना चाहिए।"

पाकिस्तान

फारूक ने कहा- न हम पाकिस्तान थे, न कभी होंगे

फारूक ने कहा, "जम्मू-कश्मीर भारत का अटूट अंग है और यहां की जनता आतंकवाद के साथ कभी नहीं रही। हम कभी आतंकवाद के साथ नहीं रहे, ना ही हम पाकिस्तानी थे, ना हैं और ना कभी होंगे। हम भारत का मुकुट हैं।" उन्होंने हमले पर दुख जताते हुए कहा, "वह दुल्हन जिसकी हाल ही में शादी हुई थी, उसका दुख हम भी महसूस कर रहे हैं। जितना आप रोए हैं, उतना ही हम भी रोए हैं।"

महबूबा मुफ्ती

फारूक के बयान पर महबूबा मुफ्ती ने जताई आपत्ति

फारूक के बयान पर महबूबा मुफ्ती ने लिखा, 'फारूक साहब का बयान बेहद परेशान करने वाला और खेदजनक है। एक वरिष्ठ नेता और कश्मीरी के तौर पर उनके बयान से विभाजनकारी बयानों को बढ़ावा मिलने का खतरा है, जिससे कुछ मीडिया चैनलों को कश्मीरियों और मुसलमानों को और ज्यादा कलंकित करने का मौका मिल रहा है। यह न केवल भ्रामक है, बल्कि घातक भी है, जब जम्मू-कश्मीर के छात्र और व्यापारी पहले से ही हमलों का सामना कर रहे हैं।'