
पहलगाम हमला: NIA की रडार पर हमले वाले दिन दुकान नहीं खोलने वाला स्थानीय शख्स
क्या है खबर?
पहलगाम आतंकी हमले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जुटी हुई है।
NIA की रडार पर पहलगाम का एक स्थानीय शख्स है, जिसने 15 दिन पहले ही इलाके में दुकान खोली थी। हालांकि, हमले वाले दिन उसकी दुकान बंद थी। इसी वजह से एजेंसी को उसकी भूमिका संदिग्ध लग रही है।
अब NIA समेत दूसरी एजेंसियों के अधिकारी इस शख्स से पूछताछ कर जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
रिपोर्ट
व्यक्ति की IP जानकारी निकालने की तैयारी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, NIA ने अब तक करीब 100 स्थानीय लोगों से पूछताछ की है। इसी दौरान इस व्यक्ति के बारे में पता चला है, जिसने घटना वाले दिन अपनी दुकान नहीं खोली थी।
एक सूत्र ने कहा, "अब केंद्रीय एजेंसियों और NIA के अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं और कुछ सुराग हासिल करने के लिए उसके इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) रिकॉर्ड की भी जांच कर रहे हैं।"
बयान
NIA ने घटनास्थल पर मौजूद लोगों की सूची तैयार की
अखबार से एक सूत्र ने कहा, "NIA की टीम ने उन सभी स्थानीय लोगों की सूची तैयार की है, जो उस समय घटनास्थल पर मौजूद थे। NIA ने अब तक 100 स्थानीय लोगों से पूछताछ की है। इनमें टट्टू चलाने वाले, दुकानदार, फोटोग्राफर और एडवेंचर स्पोर्ट्स एक्टिविटी में काम करने वाले लोग शामिल हैं। उनमें से कुछ ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उन्हें उनके उच्चारण के आधार पर या धर्म बताने के बाद हमलावरों द्वारा छोड़ दिया गया था।"
अन्य हमले
NIA को शक- अन्य घटनाओं में भी यही आतंकी रहे हैं शामिल
NIA को शक है कि अगस्त, 2023 में कुलगाम में 3 जवानों की हत्या में भी यही आतंकवादी शामिल थे।
इन आतंकवादियों पर मई, 2024 में पुंछ में हुए हमले में भी शामिल होने का संदेह है, जिसमें एक जवान की मौत और 4 घायल हुए थे।
सूत्र ने कहा, "केंद्रीय एजेंसियां और NIA पिछले मामलों की फिर से जांच कर रही हैं और सुराग खोजने की कोशिश कर रही हैं, ताकि हमलावरों के खिलाफ मजबूत मामला बनाया जा सके।"
हमला
पहलगाम में कैसे हुआ था आतंकी हमला?
22 अप्रैल को पहलगाम में 4 आतंकवादियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी की थी। यह हमला उस समय हुआ, जब पर्यटक खच्चर की सवारी का आनंद ले रहे थे। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई, जिससे पूरा देश स्तब्ध है।
भारत ही नहीं, विदेशों में इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा की गई है। यह देश में पिछले दो दशकों में हुए सबसे घातक नागरिक हमलों में से एक है। सुरक्षाबल आतंकियों की तलाश में जुटे हैं।