32 साल पहले बना था महारानी एलिजाबेथ का ताबूत, शरीर को लंबे समय तक रखेगा सुरक्षित
क्या है खबर?
ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 19 सितंबर को लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर ऐबी में अंतिम संस्कार होगा। इस पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे।
महारानी के लिए जो ताबूत बनाया गया है, वो कोई आम ताबूत नहीं है, बल्कि 32 साल पुराना ताबूत है। इसके चारों तरफ कांच लगा हुआ है और इसे बनाने के लिए खास किस्म की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है।
आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
ताबूत
महारानी के शरीर को लंबे समय तक संरक्षित रखेगा ताबूत
महारानी के लिए यह ताबूत तीन दशक पहले बनाया गया था और इसमें अंग्रेजी ओक की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है।
शाही परिवार के रीति-रिवाजों के अनुसार, ताबूत के चारों तरफ कांच लगा हुआ है जो महारानी के शरीर को कब्र में दफन होने के बाद लंबे समय तक संरक्षित रखने में मदद करेगा।
कांच के कारण हवा अंदर नहीं जा सकेगी और इससे नमी को अंदर जाने से रोकने में भी मदद मिलेगी, ताकि शव खराब न हो।
जानकारी
ताबूत को उठाने के लिए कितने लोगों की पड़ेगी जरूरत?
ताबूत के चारों तरफ लगे कांच की वजह से नमी ताबूत के अंदर तो नहीं जाती, लेकिन इसके बावजूद ताबूत काफी भारी है। इसलिए महारानी के ताबूत को उठाने के लिए कम से कम आठ लोगों की जरूरत पड़ेगी।
विशेषता
शाही ताबूत के लिए पीतल के हैंडल भी बनाए गए
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, शाही ताबूत के लिए विशेष पीतल के हैंडल भी बनाए गए हैं।
ताबूत के ढक्कन को विशेष रूप से इंपीरियल स्टेट क्राउन, ओर्ब और राजदंड जैसे अमूल्य सामानों को सुरक्षित रूप से रखने के लिए बनाया गया है।
शाही परिवार के अंतिम संस्कार के निदेशक लेवर्टन एंड संस ने कहा कि उन्हें 1991 में ताबूत विरासत में मिला था और उन्हें इसे बनाने में कई साल लगे।
कब्र
महारानी को कहां दफनाया जाएगा?
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत उनके दिवंगत पति प्रिंस फिलिप के लिए बनाए गए ताबूत के ही जैसा है, जिनका पिछले साल निधन हो गया था।
प्रिंस फिलिप को विंडसर में सेंट जॉर्ज चैपल में किंग जॉर्ज षष्ठम मेमोरियल चैपल में दफनाया गया था और महारानी एलिजाबेथ को सोमवार दोपहर करीब 3:30 बजे प्रिंस फिलिप के बगल में ही दफनाया जाएगा।
मृत्यु
8 सितंबर को हुई थी महारानी की मौत
8 सितंबर को 96 साल की उम्र में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन हो गया था। वो पिछले कई महीनों से बीमार थीं और उन्होंने स्कॉटलैंड के बाल्मोरल महल में अंतिम सांस ली।
इससे पहले उनकी हालत को देखते हुए उन्हें चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया था और उनके बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिकित्सकों ने भी चिंता जताई थी।
एलिजाबेथ द्वितीय 1952 में गद्दी पर बैठी थीं और उन्होंने सबसे अधिक 70 साल तक ब्रिटेन की राजशाही सत्ता को संभाला।
अंतिम संस्कार
न्यूजबाइट्स प्लस
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद ब्रिटेन की राजगद्दी उनके बेटे किंग चार्ल्स तृतीय के पास चली गई है। राजा बनने के साथ ही वो ब्रिटेन के राष्ट्र प्रमुख भी बन गए हैं।
महारानी के अंतिम संस्कार के लिए उन्होंने एक बड़ा कार्यक्रम रखा है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए करीब 500 प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपतियों और विदेशी प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। वहीं कुछ देश ऐसे भी है जिन्हें निमंत्रण नहीं भेजा गया है।