यूक्रेन युद्ध: मोदी ने कई बार की पुतिन से बात, शांति चाहता है भारत- जॉनसन
क्या है खबर?
भारत दौरे पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कई बार बात की है और उनसे पूछा है कि वो क्या सोच रहे हैं। यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के संदर्भ में उन्होंने यह बात कही।
इसके अलावा जॉनसन यूक्रेन में जारी युद्ध के लिए रूस की आलोचना न करने के भारत के रवैये की निंदा करने से भी बचे।
आइये यह पूरी खबर जानते हैं।
बयान
भारत शांति और यूक्रेन से रूसियों को बाहर चाहता है- जॉनसन
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद जॉनसन ने कहा, "आज प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के बाद यह साफ हो गया है कि उन्होंने कई बार हस्तक्षेप किया है और यह बात हमारे भारतीय दोस्तों से छिपी नहीं है। उन्होंने व्लादिमीर पुतिन से कई बार पूछा है कि वो क्या कर रहे हैं और उन्हें क्या लग रहा है कि वो कहां जा रहे हैं। भारत शांति और यूक्रेन से रूसियों को बाहर चाहता है।"
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भारत ने की है बूचा नरसंहार की कड़ी निंदा- जॉनसन
एक सवाल के जवाब में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और खासकर नरेंद्र मोदी ने बूचा नरसंहार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के रूस के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं, जो दशकों पुराने हैं। हर कोई इस बात को समझता और इसका सम्मान करता है।
बता दें कि भारत ने यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर रूस की आलोचना नहीं की है, लेकिन उसने बूचा नरसंहार की स्वतंत्र जांच की मांग की है।
जानकारी
कीव में फिर खुलेगा ब्रिटिश दूतावास
जॉनसन ने नई दिल्ली में ऐलान किया कि ब्रिटेन अगले हफ्ते यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित अपने दूतावास को दोबारा खोलने जा रहा है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही जॉनसन ने कीव का दौरा किया था।
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यूक्रेन मुद्दे पर नहीं था कोई दबाव- श्रृंगला
भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि बातचीत के दौरान रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर ब्रिटेन की तरफ से कोई दबाव नहीं था।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के मौजूदा हालात और गहराते मानवीय संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की है। वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर अपने नजरिये से अवगत कराया।
बता दें कि रूस की आलोचना को लेकर भारत और ब्रिटेन एकमत नहीं है।
सहयोग
रक्षा उद्योग में भारत की मदद करेगा ब्रिटेन
गुरुवार को भारत पहुंचे ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच नई और विस्तृत सुरक्षा साझेदारी भारत को घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत करने और इंडो पैसिफिक इलाके में महत्वपूर्ण साझे हित्तों की सुरक्षा में मदद करेगी।
दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए ब्रिटेन लड़ाकू विमानों के डिजाइन और निर्माण में मदद करेगा। साथ ही वह हिंद महासागर में खतरों की पहचान और उनका मुकाबला करने के लिए जरूरी तकनीक मुहैया कराएगा।