राष्ट्रपति पुतिन की चेतावनी, बोले- यूक्रेन पर 'नो-फ्लाई जोन' का प्रयास युद्ध माना जाएगा
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध शनिवार को 10वें दिन भी जारी रहा। हालांकि, रूस ने शहरों से लोगों की सुरक्षित निकासी के लिए अस्थायी सीजफायर का ऐलान किया है। इससे पहले यूक्रेन की मांग के बाद भी NATO (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) ने उसके क्षेत्र को 'नो-फ्लाई जोन' घोषित करने से इनकार कर दिया। अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा कि यूक्रेन पर 'नो-फ्लाई जोन' का प्रयास रूस के खिलाफ युद्ध माना जाएगा।
रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाना जंग के आगाज जैसा- पुतिन
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, "यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान चलाना हमारे लिए बड़ा फैसला था। हमने डोनबास को शांति से हल करने की कोशिश की, लेकिन यूक्रेन ने शांति में अड़ंगा लगाया। हमने युद्ध को टालने की काफी कोशिश की थी, लेकिन मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा।" उन्होंने कहा, "रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाना जंग का ऐलान करने जैसा था। इसी तरह यूक्रेन पर 'नो-फ्लाई जोन' बनाना रूस के खिलाफ युद्ध माना जाएगा।"
पुतिन ने किया यूक्रेन के सभी सैन्य ठिकाने तबाह करने का दावा
राष्ट्रपति पुतिन ने दावा किया कि युद्ध के 10 दिनों में रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के सभी सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया और सैनिक पूरी तरह से अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि अब रूस में मार्शल लॉ लागू करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
यूक्रेन ने रूस पर लगाया सीजफायर के उल्लंघन का आरोप
इधर, यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने रूस पर सीजफायर के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि भले ही रूस ने मरियोपाोल और वोल्नोवाखा शहर में सीजफायर का ऐलान किया है, लेकिन उसकी सेना मरियोपाोल लगातार हमले कर रही है। इसके चलते नागरिकों को सुरक्षित निकासी का रास्ता नहीं मिल पा रहा है और उन्होंने निकासी अभियान को रोक दिया है। यूक्रेन ने दोनों शहरों से रूसी सैनिकों की घेराबंदी को खत्म करने की मांग की है।
लोगों को शहर से बाहर नहीं जाने दे रहे हैं अधिकारी- लावरोव
यूक्रेन के आरोप पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि मरियोपाोल के अधिकारी लोगों को रूसी द्वारा खोले गए मानवीय गलियारे के जरिए शहर छोड़ने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। इसके कारण लोग चाहकर भी वहां से नहीं निकल पा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खेरसान के अधिकारियों ने रूस के द्वारा भेजी गई मानवीय सहायता को भी स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। यह वहां के लोगों पर अत्याचार के समान है।
यूरोपीय संघ की रूस और बेलारूस पर बड़ी कार्रवाई
रूस के यूक्रेन पर बढ़ते हमलों को देखते हुए यूरोपीय संघ (EU) ने रूस के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। EU ने कहा कि रूस और बेलारूस को बाल्टिक सागर राज्यों की परिषद (CBSS) के सदस्यों की सूची से निलंबित कर दिया गया है।
ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को रूस छोड़ने को कहा
ब्रिटेन ने शनिवार को अपने नागरिकों से रूस छोड़ने पर विचार करने को कहा है। ब्रिटिश सरकार ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि यदि रूस में आपकी उपस्थिति आवश्यक नहीं है तो शेष वाणिज्यिक मार्गों से वापस लौट जाएं। इसी तरह अमेरिकन मल्टीनेशनल फाइनेंशियल टेक्नॉल्जी कंपनी पेपाल ने भी रूस से अपना काम समेट लिया है। कंपनी ने कहा कि यूक्रेन को लेकर रूस बेहद आक्रामक है। ऐसे वह वहां से अपना काम समेट रही है।
रूस से युद्ध लड़ने के लिए विदेश से लौटे 66,000 यूक्रेनी
यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने कहा कि अब रूस से मुकाबला करने के लिए उसके नागरिक विदेशों से लौटने लगे हैं। अब तक 66,200 से अधिक यूक्रेनी नागरिक रूस से युद्ध लड़ने के लिए वापस आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि रूस लगातार हवाई हमले कर रहा है। राजधानी कीव के पास स्थित मार्खलेवका गांव पर किए गए हवाई हमले में एक बच्चे सहित छह आम नागरिकों की मौत हो गई। लोग डर के चलते घरों में दुबके हुए हैं।
12 लाख से अधिक लोगों ने छोड़ा यूक्रेन- जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस के हमला करने के बाद से अब तक 12 लाख से अधिक यूक्रेनी नागरिकों ने अपना घर छोड़ दिया है और वह सुरक्षा के लिए पड़ोसी देशों में पलायन कर गए हैं। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक 6.50 लाख नागरिकों पोलैंड में शरण ली है, लेकिन उन्हें यकीन कि वह जल्द ही लोगों को वापस बुला पाएंगे। सभी को देश में कोई भी खतरा नहीं होने भरोसा दिलाकर बुलाया जाएगा।
यूक्रेन ने किया 10,000 से अधिक रूसी सैनिकों को मारने का दावा
यूक्रेन सेना की ओर से जारी आंकड़ों में दावा किया गया है कि अब तक की जंग में रूस के 10,000 से अधिक सैनिकों को मारा जा चुका है। इसके अलावा बड़ी संख्या में हथियारों को नष्ट किया गया है। आंकड़ों के अनुसार, रूस के 38 लड़ाकू विमान, 40 हेलीकॉप्टर, 269 टैंक, 1,000 से अधिक बख्तरबंद वाहन, 98 मिसाइल सहित अन्य वाहन तबाह किए गए हैं। हालांकि, रूस ने अभी तक 498 सैनिकों की मौत ही स्वीकार की है।