स्टारलिंक, क्रिप्टोकरेंसी और NFTs, रूस से युद्ध में ऐसे यूक्रेन की मदद कर रही है टेक्नोलॉजी
क्या है खबर?
टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है और लगभग हर पहलू पर इसका प्रभाव पड़ता है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान भी टेक्नोलॉजी से जुड़े कई पक्ष प्रभावी रहे और इनके साथ यूक्रेन को मदद मिल रही है।
ढेरों टेक कंपनियों ने रूस की ओर से की जा रही घुसपैठ का विरोध किया है और यूक्रेन के लिए फंड्स इकट्ठा कर रही हैं।
स्टारलिंक नेटवर्क यूक्रेन को सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं दे रहा है।
फंडिंग
क्रिप्टोकरेंसी में फंड्स इकट्ठा करने का काम
रूस की ओर से गोलाबारी और घुसपैठ के चलते होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए यूक्रेन की सरकार क्रिप्टोकरेंसी में फंड्स इकट्ठा कर रही है।
क्रिप्टोकरेंसी की मदद से यूक्रेन ने अब तक करीब 1.3 करोड़ डॉलर कीमत का फंड जुटाया है। इसकी जानकारी ब्लॉकचेन एनालिसिस फर्म इलिप्टिक ने अपने डाटा में दी है।
सेव द चिल्ड्रेन और मर्सी कॉर्प्स जैसे चैरिटी ग्रुप्स ने भी देश को बिटकॉइन में मदद दी है।
NFTs
नॉन-फंजिबल टोकन्स के साथ भी मदद
क्रिप्टो के अलावा नॉन-फंजिबल टोकन्स जैसे डिजिटल असेट्स से भी फंड्स जुटाए जा रहे हैं।
रूसी पंक बैंड पुसी रॉयट ने क्रिप्टो ग्रुप ट्रिपी लैब्स और यूक्रेनDAO के साथ यूक्रेनियन फ्लैग के NFT की नीलामी का लक्ष्य रखा है, जिससे हुई कमाई चैरिटी के लिए दी जाएगी।
कई यूजर्स अपने रिसोर्सेज को सिंगल बिड में पूल कर सकते हैं और 'लव' टोकन्स के साथ एक्सचेंज कर सकते हैं।
इस अभियान ने अब तक 35 लाख डॉलर की मदद जुटाई है।
स्टारलिंक
इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए स्टारलिंक की सेवाएं
यूक्रेन में रूस की ओर से किए गए हवाई हमलों और घुसपैठ के चलते वहां की इंटरनेट व्यवस्था भी प्रभावित हुई है।
यूक्रेन के बड़े इलाकों में रहने वाले लोग इंटरनेट ना होने की वजह से पूरी तरह कट गए हैं, जिन्हें अब एलन मस्क की सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा राहत दे रही है।
मस्क ने यूक्रेन के उप-प्रधानमंत्री और मिनिस्टर ऑफ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मिखालिओ फेडोरोव की मांग पर स्टारलिंक की सेवाएं उपलब्ध करवाई हैं।
मदद
वेबसाइट्स पर शरणस्थली और डॉक्टर्स की जानकारी
रूस के एक युवक ने जॉर्जिया में शरणस्थली खोजने के लिए वेबसाइट तैयार की है, जहां पर युद्धस्थिति से बचने वाले शरणार्थी ठहर सकते हैं।
इसके अलावा फ्री डॉक्टर्स की जानकारी भी इंटरनेट पर उपलब्ध है।
यह कदम उठाने वाले 37 साल के स्टैनस्लेव साबानोव ने बताया कि सैकड़ों लोग युद्धस्थिति के बाद उनसे मदद मांग चुके हैं।
पोलैंड में हजारों लोग सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए घर, पैसे और दूसरी मदद पड़ोसी देश के शरणार्थियों को दे रहे हैं।
समर्थन
यूक्रेन के समर्थन में आईं बड़ी टेक कंपनियां
मेटा से लेकर गूगल और ट्विटर जैसी कंपनियां यूक्रेन को युद्धस्थिति में मदद दे रही हैं।
फेस-स्वैप ऐप्लिकेशन रीफेस अपने यूजर्स को युद्ध और घुसपैठ से जुड़े नोटिफिकेशंस भेज रही है। यह ऐप यूक्रेन का झंडा वॉटरमार्क के तौर पर दिखाकर देश को समर्थन दे रही है।
मेटा और ट्विटर ने रूसी मीडिया को उसका कंटेंट मॉनिटाइज करने से रोक दिया है।
गूगल यूक्रेन में लाइव ट्रैफिक स्टेटस नहीं दिखा रही और यूट्यूब पर कंटेंट को फ्लैग कर रही है।
न्यूजबाइट्स प्लस
यूक्रेन को क्यों मिल रहा है सभी का समर्थन?
मौजूदा हालात में यूक्रेन कमजोर राष्ट्र होने के बावजूद रूस के खिलाफ डटा हुआ है।
यूक्रेन सोशल मीडिया पर विश्व के अन्य देशों और कंपनियों से मदद मांग रहा है, वहीं रूस खुद ट्विटर और फेसबुक की सेवाओं पर प्रतिबंध लगा रहा है।
दरअसल, खुद रूस में भी ढेरों सोशल मीडिया यूजर्स युद्ध के विरोध में आवाज उठा रहे हैं।
रूस का रवैया दुनिया के दूसरे देशों को भी सकारात्मक नहीं लग रहा है, जिससे उसे समर्थन नहीं मिल रहा।