क्या है BRICS समूह और आज इसके शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी क्या बोले?
क्या है खबर?
आज BRICS समूह के वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने बिना पाकिस्तान का नाम लिए बिना आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को दंडित किए जाने की बात भी कही।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मेलन में और क्या-क्या बोला और ये BRICS समूह आखिर क्या है, आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
समूह
क्या है BRICS समूह?
BRICS पांच देशों, ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका, का संगठन है, जिसका मकसद इन देशों में आर्थिक और अन्य तरह का सहयोग बढ़ाना है। इसका गठन 2006 में किया गया था और इसका मुख्यालय शंघाई में है।
पहले केवल ब्राजील, रूस, भारत और चीन इसमें शामिल थे और दक्षिण अफ्रीका को 2010 में इसमें शामिल किया गया।
भारत, रूस और चीन जैसे देशों की मौजूदगी के कारण ये दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संगठनों में से एक है।
महत्व
आंकड़ों से समझें कितना महत्वपूर्ण है BRICS समूह
BRICS कितना महत्वपूर्ण समूह है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया की लगभग आधी आबादी (47 प्रतिशत) इन देशों में रहती है और इसकी संयुक्त GDP 16.6 ट्रिलियन डॉलर है, जो वैश्विक GDP की 24 प्रतिशत है।
इसका अलावा वैश्विक व्यापार में भी BRICS देशों की 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है, वहीं वैश्विक आर्थिक विकास में भी इनकी 50 प्रतिशत भागेदारी है।
समूह की कुल GDP में सबसे अधिक 68 प्रतिशत हिस्सेदारी चीन की है।
सालाना बैठक
हर साल होता है समूह का शिखर सम्मेलन
BRICS देशों का हर साल एक वार्षिक सम्मेलन होता है और हर साल अलग-अलग देश इसकी मेजबानी करते हैं। इस साल रूस इसकी मेजबानी कर रहा है और कोरोना वायरस महामारी के कारण ये सम्मेलन वर्चुअल हुआ है।
सम्मेलन की थीम 'वैश्विक स्थिरता, साझा रक्षा और अभिनव विकास के लिए BRICS साझेदारी' रखी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत पांचों देशों के शीर्ष नेता इस सम्मलेन में शामिल हुए।
संबोधन
सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी क्या बोले?
सम्मेलन में जोर-शोर से अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज बहुपक्षीय व्यवस्था एक संकट के दौर से गुजर रही है। ग्लोबल गवर्नेंस के संस्थानों की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता दोनों पर ही सवाल उठ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इनमें समय के साथ उचित बदलाव नहीं आया है। ये अभी भी 75 साल पुराने विश्व की मानसिकता और वास्तविकता पर आधारित हैं। भारता का मानना है कि UNSC में सुधार अनिवार्य हैं।"
आतंकवाद
आतंकवाद विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या- मोदी
एक बार फिर से आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए।"
वहीं कोरोना वायरस महामारी के संदर्भ में आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि भारत की वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता पूरे विश्व में मानवता के हित में काम आएगी।