यूक्रेन संकट: रूस ने सीमा से वापस बुलाए कुछ सैनिक, तनाव कम होने का पहला संकेत
रूस ने यूक्रेन की सीमा पर तैनात अपने कुछ सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। देश के रक्षा मंत्रालय ने आज ये जानकारी देते हुए कहा कि कुछ सैनिकों ने अपना काम पूरा कर लिया है और वे वापस अपनी चौकियों पर लौट रहे हैं। अगर रूस की तरफ से प्रदान की गई ये खबर सही साबित होती है तो ये यूक्रेन को लेकर बने संकट के बीच तनाव कम करने वाला पहला बड़ा कदम होगा।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा?
रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने सैनिकों की वापसी की सूचना देते हुए रूसी समाचार एजेंसियों से कहा, "दक्षिणी और पश्चिमी सैन्य जिलों की टुकड़ियों ने अपना कार्य पूरा करके रेल और सड़क माध्यमों से वापस लौटना शुरू कर दिया है और आज वे अपनी सैन्य चौकियों की तरफ निकलेंगी।" अभी ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि कितनी टुकड़ियों को वापस बुलाया गया है और इसका यूक्रेन की सीमा पर रूस की कुल तैनाती पर कितना फर्क पड़ेगा।
पुतिन से मुलाकात के बाद जर्मनी के चांसलर कर सकते हैं खबर की पुष्टि
अभी पश्चिमी देशों ने रूस के इस कदम की पुष्टि नहीं की है और अगर रूसी सैनिकों के पीछे हटने की बात सच है तो जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज इसका ऐलान करने वाले पहले पश्चिमी नेता हो सकते हैं। स्कॉल्ज की आज मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात होनी है, जिसमें वे इस संबंध में बातचीत कर सकते हैं। रूस के जर्मनी के साथ संबंध भी उतने खराब नहीं हैं, जितने अन्य पश्चिमी देशों के साथ हैं।
यूक्रेन पर छाए हुए हैं युद्ध के बादल, सीमा पर रूस के एक लाख सैनिक तैनात
बता दें कि यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देशों और रूस के बीच तनाव बना हुआ है और ये शीत युद्ध की समाप्ति के बाद दोनों पक्षों के बीच सबसे बड़ा संकट बन गया है। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिक और हथियार तैनात कर रखे है और इलाके पर युद्ध के बादल छाए हुए हैं। अमेरिका ने भी चेतावनी जारी कर कहा है कि रूस किसी भी दिन यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
यूक्रेन को लेकर क्यों बना हुआ है तनाव?
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं। दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है। रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।
रूस क्या चाहता है?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से 'कानूनी गारंटी' मांगी है कि यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं कराया जाएगा। उन्होंने पूर्वी यूरोप में NATO की सैन्य गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग भी की है। अमेरिका ने रूस को कई बार चेताया है कि अगर उसने आक्रमण किया तो उस पर गंभीर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने पूर्वी यूरोप में अपनी सैन्य तैनाती भी बढ़ाई है।