यूक्रेन पर तनाव के बीच रूस ने अपने कब्जे वाले क्रीमिया से वापस बुलाए सैनिक
क्या है खबर?
यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देशों के साथ तनाव के बीच रूस ने अपने कब्जे वाले क्रीमिया से अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है।
देश के रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि क्रीमिया में उसके सैनिकों का सैन्य अभ्यास खत्म हो गया है और अब वे अपनी चौकियों की तरफ लौट रहे हैं।
उसने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें सैनिकों को पुल पार करके रूस में दाखिल होते हुए देखा जा सकता है।
अन्य कदम
मंगलवार को ही रूस ने यूक्रेन से लगती सीमा से वापस बुलाए थे सैनिक
बता दें कि रूस ने कल यूक्रेन से लगती अपनी सीमा से भी कुछ सैनिकों को वापस बुलाया था। रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि इन सैनिकों का कार्य पूरा हो गया है और वे अपनी चौकियों पर वापस लौट रहे हैं।
जिन सैनिकों को वापस बुलाया गया था, उनमें दक्षिणी और पश्चिमी सैन्य जिलों की टुकड़ियां शामिल थीं।
हालांकि रूस की तरफ से ये स्पष्ट नहीं किया गया कि उसने कितने सैनिकों को वापस बुलाया है।
तनाव में कमी
रुस के कदम से थोड़ा कम हुआ तनाव
रूस के इस कदम से यूक्रेन को लेकर पैदा हुए तनाव में कुछ कमी आई है और कुछ पश्चिमी देशों ने इसका स्वागत किया है। हालांकि अमेरिकी ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है और कहा है कि अभी भी यूक्रेन पर रूस के हमले का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन से युद्ध से पीछे हटने और तबाही से बचने की अपील की है।
पृष्ठभूमि
यूक्रेन पर छाए हुए हैं युद्ध के बादल
बता दें कि यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देशों और रूस के बीच तनाव बना हुआ है और ये शीत युद्ध की समाप्ति के बाद दोनों पक्षों के बीच सबसे बड़ा संकट बन गया है।
रूस ने यूक्रेन की सीमा पर डेढ़ लाख से अधिक सैनिक और हथियार तैनात कर रखे है और इलाके पर युद्ध के बादल छाए हुए हैं।
अमेरिका भी चेतावनी जारी कर चुका है कि रूस किसी भी दिन यूक्रेन पर हमला कर सकता है
कारण
यूक्रेन को लेकर क्यों बना हुआ है तनाव?
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं।
दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है।
रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।
मांगें
रूस क्या चाहता है?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से 'कानूनी गारंटी' मांगी है कि यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं कराया जाएगा। उन्होंने पूर्वी यूरोप में NATO की सैन्य गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग भी की है।
अमेरिका ने रूस को कई बार चेताया है कि अगर उसने आक्रमण किया तो उस पर गंभीर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने पूर्वी यूरोप में अपनी सैन्य तैनाती भी बढ़ाई है।