कोरोना वायरस: भारत में इसी सप्ताह शुरू होंगे रूस की स्पूतनिक-V वैक्सीन के इंसानी ट्रायल
भारत में रूस की तैयार की गई कोरोना वायरस की वैक्सीन स्पूतनिक-V के इंसानी ट्रायल इसी सप्ताह शुरू हो सकते हैं। सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि भारत में इस वैक्सीन के इंसानी ट्रायल के लिए नियामकीय मंजूरी समेत सभी मंजूरियां मिल चुकी हैं। इसी सप्ताह से यह ट्रायल शुरू हो सकता है। बता दें, मॉस्को के गामालेया इंस्टीट्यूट ने यह वैक्सीन तैयार की है।
रूस ने अगस्त में किया था वैक्सीन बनाने का दावा
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने का दावा किया था। वैक्सीन को लॉन्च करते हुए उन्होंने कहा कि ये प्रभावी तरह से काम करती है और कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी प्रदान करती है। पुतिन की एक बेटी को इसकी खुराक भी दी जा चुकी है। बता दें कि ट्रायल पूरे होने से पहले ही रूस ने इस वैक्सीन को लॉन्च कर दिया था, जिसको लेकर कई सवाल भी उठे थे।
डॉ रेड्डी लैब को मिली इंसानी ट्रायल की जिम्मेदारी
भारत में स्पूतनिक-V के इंसानी ट्रायल शुरू होने की खबरों की नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने भी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि दूसरे और तीसरे चरण का साझा ट्रायल होगा। इसी सप्ताह यह शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि सितंबर में भारतीय फार्मा कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेट्री ने रूस के साथ समझौता किया था। इसके तहत भारत में इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की जिम्मेदारी डॉक्टर रेड्डीज को सौंपी गई थी।
हरी झंडी मिलने पर भारत को मिलेगी 10 करोड़ खुराकें
रूस और डॉ रेड्डी लैब के बीच वैक्सीन के इंसानी ट्रायल और बिक्री के लिए करार हुआ है। अगर सब कुछ सही रहता है और वैक्सीन कामयाब साबित होती है तो रूस भारतीय कंपनी को 10 करोड़ खुराक भेजेगा।
ट्रायल में 92 फीसदी प्रभावी साबित हुई स्पूतनिक-V
रूस ने 'स्पूतनिक-V' के संक्रमण रोकने में 92 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया है। वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल के डाटा के शुरूआती विश्लेषण के बाद वैक्सीन के इतने प्रभावी होने की बात सामने आई है। हालांकि अभी ट्रायल के आंकड़ों की समीक्षा बाकी रहती है। ट्रायल में शामिल लगभग 16,000 लोगों के मूल्यांकन के बाद यह नतीजा सामने आया है। बता दें कि रूस में पहले से ही लोगों को ये वैक्सीन दी जा रही है।
दूरदराज इलाकों तक ले जाना होगा आसान
जानकारी के अनुसार, स्पूतनिक वैक्सीन को दो रूपों में बनाया गया है। पहला द्रव रूप है जिसे माइनस 18 डिग्री सेल्सियस पर रखना जरूरी होगा। वहीं दूसरा लाइयोफिलाइज्ड (जमे हुए) रूप में हैं और इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जा सकेगा और इसने दूरदराज इलाकों में ले जाने में आसानी होगी। दूरदराज के इलाकों में डिलीवरी की चुनौती को देखते हुए ही विशेष तौर पर लाइयोफिलाइज्ड वैक्सीन बनाई गई है।