कोरोना वायरस: पाकिस्तान में हिंदू और ईसाईयों से किया जा रहा भेदभाव, नहीं मिल रहा राशन
एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसे महामारी से लड़ने के लिए एकजुट हो रही है और आपस में सहयोग की बात की जा रही है। इसके उलट पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच अल्पसंख्यकों में शामिल हिंदू, ईसाई और सिखों के साथ धार्मिक भेदभाव किया जा रहा है। यहां सरकार की ओर से लॉकडाउन में उपलब्ध कराई जा रही राशन सामग्री अल्पसंख्यकों में वितरित नहीं की जा रही है।
हिंदुओं ने लगाया केवल मुसलमानों को राशन देने का आरोप
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के एक हिंदू शख्स ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि लॉकडाउन में सरकार द्वारा उनकी कोई मदद नहीं की जा रही है। दुकानों के बंद होने के बाद क्षेत्र के सभी लोग राशन के लिए रेहड़ी घोड़ पर जमा होते हैं। वहां प्रशासन की ओर से राशन वितरित किया जाता है, लेकिन हिंदुओं, सिख और ईसाइयों को राशन वितरित नहीं किया जाता है। उन्हें कहा जाता है कि राशन केवल मुसलमानों के लिए ही है।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूरे देश को लॉकडाउन करने से किया था इनकार
बता दें कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूरे देश को लॉकडाउन करने से इनकार कर दिया था। उसके बाद राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर लॉकडाउन कर रही है। सिंध प्रांत में भी लॉकडाउन किया गया है।
लॉकडाउन के कारण अल्पसंख्यकों की हो रही है दुर्दशा
एक अन्य सदस्य ने कहा कि देश में महज चार प्रतिशत हिंदू हैं। सिंध प्रांत में लॉकडाउन के कारण मुसलमानों को प्रतिदिन राशन वितरित किया जा रहा है, लेकिन अल्पसंख्यकों को नहीं दिया जाता। उसका बेटा रिक्शा चलाता है, लेकिन लॉकडाउन में पूरा रोजगार ठप है। उनके परिवार पर भूखे मरने की स्थिति आ गई है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों से मांग करने पर वह राशन सामग्री भेजने का आश्वासन देते हैं, लेकिन बाद में उन्हें दिया नहीं जाता।
यहां देखें पूरा वीडियो
घर से बाहर निकलने पर पुलिस करती है अत्याचार
सिख समुदाय के एक शख्स ने बताया कि उनके घर में पिछले सप्ताह से राशन नहीं है। वह अपने स्तर पर राशन की व्यवस्था के लिए घर से बाहर निकलते हैं तो पुलिस उन पर अत्याचार करती है। उन्होंने कहा कि सिंध सरकार ने लॉकडाउन में गरीबों को मुफ्त राशन देने की घोषणा कर रखी है। जिला प्रशासन राशन का वितरण करता है, लेकिन वह अल्पसंख्यकों से भेदभाव करता है। उनके परिवार को पिछले दो सप्ताह से राशन नहीं मिला।
भारत सरकार से मदद मांगने की दी सफाई
सिंध प्रांत के राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण सिंध प्रांत के अल्पसंख्यकों को अब गंभीर खाद्य संकट का सामना करना पड़ रहा है। भारत सरकार से राजस्थान के माध्यम से सिंध में आपूर्ति भेजने की मांग की गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र संघ से भी सिंध प्रांत की मदद करने की अपील की है। बता दें कि सिंध प्रांत में पांच लाख से अधिक हिंदू रहते हैं।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों नहीं मिलती है बुनियादी सुविधाएं
बता दें कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की बहुत बुरी हालत है। वहां उन्हें बुनियादी सुविधाएं और मानवाधिकारियों का भी हक नहीं मिलता है। हिंदू, सिख और ईसाई लड़कियों का अपहरण कर जबरन धर्मांतरण कराना और उनसे शादी करना आम बात है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पिछले साल प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में स्थित 400 हिंदू मंदिरों को जीर्णोद्धार कराने का निर्णय किया था। पाकिस्तान में सालों से मंदिरों को तोड़ा जा रहा है।
पाकिस्तान में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
बता दें कि पाकिस्तान में वर्तमान में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,042 हो चुकी है। अब तक देश में 26 लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार बढ़ते मामलों के बाद भी प्रधानमंत्री इमरान खान पूरे देश में लॉकडाउन करने को तैयार नहीं है।