प्रधानमंत्री का राज्यसभा में फिर से कांग्रेस पर हमला, कहीं ये बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए एक बार फिर से कांग्रेस पर निशाना साधा। कांग्रेस में कायम परिवारवाद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि परिवारवादी राजनीति में सबसे पहली कैजुअल्टी टैलेंट की होती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ सरकार के कदमों की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने जो किया, उसकी पूरी दुनिया ने प्रशंसा की।
दुनिया ने 100 सालों में नहीं देखा कोरोना जैसा संकट- प्रधानमंत्री
अपने भाषण की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है और पूरी दुनिया ने पिछले 100 सालों में ऐसा संकट नहीं देखा। उन्होंने कहा कि कोरोना की शुरूआत में ये चर्चा थी कि भारत का क्या होगा, लेकिन 130 करोड़ भारतीयों के संकल्प के कारण आज दुनियाभर में भारत की सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में वैक्सीन के खिलाफ आंदोलन चल रहे हैं, लेकिन भारत शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की तरफ बढ़ रहा है।
मोदी बोले- सरकार ने 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन दिया
कोरोना महामारी के दौरान किए गए अपनी सरकार के कार्यों को गिनाते हुए कहा कि 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन देने की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान ही पांच करोड़ परिवारों को नल का जल पहुंचा कर रिकॉर्ड कायम किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को कोरोना लॉकडाउन से छूट दी गई जिसके कारण उन्होंने बंपर पैदावार की और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर रिकॉर्ड खरीद भी की गई।
आपातकाल लगाने वालों को लोकतंत्र पर नहीं बोलना चाहिए- प्रधानमंत्री
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोकतंत्र कांग्रेस की कृपा से नहीं आई है और 1975 में लोकतंत्र का गला घोंटने वालों को ऐसा बोलने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत माता 'मदर ऑफ डेमोक्रेसी' है और लोकतंत्र, बहस भारत में सदियों से चल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की कठिनाई ये है कि उनसे परिवार से आगे कुछ सोचा ही नहीं है।
"लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवाद से"
मोदी ने कहा कि लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवाद से ही है और पार्टी में भी जब कोई परिवार सर्वोपरि होता है तो सबसे पहली कैजुअल्टी टैलेंट की होती है। उन्होंने कहा कि देश ने इस सोच का बहुत नुकसान उठाया है।
प्रधानमंत्री बोले- अगर कांग्रेस न होती तो...
प्रधानमंत्री ने कहा, "यहां पर कहा गया कि कांग्रेस नहीं होती तो पता नहीं क्या होता... महात्मा गांधी की इच्छा थी क्योंकि उनका मालूम था कि इनके रहने से क्या-क्या होने वाला है... अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता। भारत विदेशी चस्पे के बजाय स्वेदशी संकल्पों के रास्ते पर चलता। अगर कांग्रेस न होती तो आपातकाल का कलंक न होता। अगर कांग्रेस न होती तो भ्रष्टाचार को दशकों तक संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता।"
अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार नहीं होता- मोदी
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "अगर कांग्रेस न होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी न होती। अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों-साल पंजाब आतंकी आग में नहीं जलता। कांग्रेस न होती तो कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत नहीं आती। अगर कांग्रेस न होती तो बेटियों के तंदूर में जलने की घटनाएं न होतीं... देश के सामान्य आदमी को मूल सुविधाओं के लिए इतने साल इंतजार न करना पड़ता।"
मोदी बोले- संघवाद का भाषण देने वाली कांग्रेस ने 100 बार राष्ट्रपति शासन लगाया
प्रधानमंत्री ने कहा कि संघवाद के इतने बड़े-बड़े भाषण और उपदेश दिए जाते हैं, लेकिन एयरपोर्ट पर जरा-जरा सी बातों के लिए भी मुख्यमंत्री हटा दिए जाते थे। उन्होंने कहा, "हमारी सोच कांग्रेस की तरह संकीर्ण नहीं है... मैं गुजरात में था, मेरे साथ कांग्रेस ने क्या-क्या जुल्म किए हैं, इसका इतिहास गवाह है... दशकों तक शासन करने वालों ने राज्यों का शोषण किया, दमन किया। करीब 100 बार राष्ट्रपति शासन लाकर चुनी हुई सरकारों को उखाड़ फेंका गया।"
"अर्बन नक्सलियों ने किया कांग्रेस के मन पर कब्जा"
मोदी ने कहा, "कांग्रेस अर्बन नक्सलियों के चंगुल में फंस गई है, उनके सोचने के तरीके पर अर्बन नक्सलों ने कब्जा कर लिया है। अर्बन नक्सलियों ने कांग्रेस की दुर्दशा का फायदा उठाकर उसके मन पर कब्जा कर लिया है।"
मोदी ने नेहरू पर भी साधा निशाना
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, "इस साल गोवा मुक्ति को 60 साल होने हो गए हैं। जिस प्रकार सरदार पटेल ने हैदराबाद और जूनागढ़ के लिए रणनीति बनाई थी, अगर उसी तरह गोवा के लिए रणनीति बनाई गई होती तो 15 साल तक गोवा को ज्यादा गुलामी नहीं झेलनी पड़ती। तबके प्रधानमंत्री को दुनिया में अपनी छवि बिगड़ने का खतरा था, इसलिए उन्होंने गोवा को 15 साल तक गुलामी में धकेले रखा।"