नेतन्याहू बोले- ईरान पर हमले के लक्ष्य अमेरिकी दबाव में नहीं, राष्ट्रीय हित के अनुसार चुने
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान पर किए गए हमले के लक्ष्य अपने राष्ट्रीय हितों को देखते हुए निर्धारित किए गए थे अमेरिका के निर्देश पर नहीं। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इजरायल ने अमेरिका के दबाव के कारण ईरान के तेल और गैस सुविधाओं पर हमला नहीं किया। इसी के बाद नेतन्याहू का ये बयान आया है। उन्होंने ऐसी खबरों को पूरी तरह से झूठ कहा है।
नेतन्याहू की हो रही थी आलोचना
दरअसल, अमेरिका ने कहा था कि उसने इजरायल पर ईरान के संवेदनशील ऊर्जा और परमाणु स्थलों को निशाना बनाने से बचने के लिए दबाव डाला था। इसके बाद नेतन्याहू की आलोचना हो रही थी और आरोप लग रहे थे कि अमेरिकी दबाव में उन्होंने बस दिखावे की कार्रवाई की है। इन्हीं खबरों के सामने आने के बाद इजरायल के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में ऐसी खबरों को झूठा बताया गया है।
इजरायल ने कहा- ईरान को नहीं थी हमले की सूचना
बीते दिनों एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इजरायल ने हमले से पहले ही ईरान को सूचना दे दी थी। इसमें बताया गया था कि वो कहां हमले करेगा और कहां नहीं। हालांकि, अब इजरायली राष्ट्रपति कार्यालय ने इन खबरों का भी खंडन किया है। एक बयान में कहा गया है कि इजरायल ने हमले से पहले ईरान को न तो समय, न लक्ष्य और न ही हमले के स्तर के बारे सूचित किया था।
बाइडन बोले- उम्मीद है कि ये अंत है
हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उम्मीद है कि ये हमले 'अंत' होंगे। उन्होंने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि इजरायल ने ईरान के खिलाफ जवाबी हमले में विशेष रूप से सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। ऐसा लगता है कि उन्होंने सैन्य लक्ष्यों के अलावा किसी और चीज को निशाना नहीं बनाया है।" बाइडन ने दोनों पक्षों से बढ़ते तनाव को रोकने का भी आह्वान किया।
ईरान का दावा- नुकसान को बढ़ा चढ़ाकर बता रहा इजरायल
ईरानी मीडिया ने इजरायली हमले से होने वाले नुकसान को 'मामूली' बताया और इजरायल पर हमले को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर बताने का आरोप लगाया। ईरान की अर्ध-सरकारी तस्नीम समाचार एजेंसी ने एक सूत्र का हवाला देते हुए उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि हमले में सैकड़ों इजरायली विमान शामिल थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमलों के दौरान इजरायली लड़ाकू विमानों ने ईरानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया।
अमेरिका ने ईरान को दी कार्रवाई नहीं करने की चेतावनी
मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव के मद्देनजर अमेरिका ने तेहरान को जवाबी कार्रवाई की किसी भी योजना के खिलाफ चेतावनी दी है। पेंटागन ने कहा कि इजरायली हमलों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच शत्रुता के समापन को चिह्नित करना है। अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा, "ईरान को इजरायल के हमलों का जवाब देने की गलती नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे इस मौजूदा संघर्ष का अंत हो जाएगा।"
हमले में 2 ईरानी सैनिकों की मौत
25 अक्टूबर की रात इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान के आसपास 4 जगहों पर हमले किए थे। इस हमले में 2 ईरानी सैनिक मारे गए थे। अब कुछ ईरानी और इजरायली अधिकारियों ने कहा है कि हमलों के दौरान कई महत्वपूर्ण तेल और पेट्रोकेमिकल रिफाइनरियों की सुरक्षा में तैनात एयर डिफेंस सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा ड्रोन और परमाणु हथियार बनाने से जुड़ी कुछ रिसर्च सुविधाओं को भी निशाना बनाने की बात सामने आई है।