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चीन की परमाणु पनडुब्बी वुहान के शिपयार्ड में डूबी, अमेरिका ने बनाया मजाक
चीन की परमाणु पनडुब्बी वुहान में डूबने पर अमेरिका ने बनाया मजाक (प्रतीकात्मक तस्वीर: एक्स/@ExposeDarkDeeds)

चीन की परमाणु पनडुब्बी वुहान के शिपयार्ड में डूबी, अमेरिका ने बनाया मजाक

लेखन गजेंद्र
Sep 27, 2024
01:35 pm

क्या है खबर?

चीन की तकनीक को अपनी परमाणु पनडुब्बी के कारण शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। सैटेलाइट के हवाले से पनडुब्बी डूबने की जानकारी अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सामने आई है। डूबने वाली पनडुब्बी झाओ श्रेणी की है जो परमाणु ऊर्जा से चलती थी। वुहान शिपयार्ड में पनडुब्बी डूबने की घटना इस साल मई या जून में हुई थी। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है। उधर, अमेरिका ने परमाणु पनडुब्बी डूबने पर चीन का मजाक बनाया है और इसे शर्मिंदगी बताई।

लापता

क्या है घटना?

अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक, मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट इमेज में झाउ-श्रेणी सबमरीन को 10 मार्च को वुहान के पास शिपयार्ड में देखा गया था। इसके बाद 16 मई को प्लैनेट लैब्स की सैटेलाइट इमेज में भी इसे देखा गया, लेकिन जून के आखिर सप्ताह में सैटेलाइट तस्वीरों में यह गायब मिली। सैटेलाइट इमेज पर शोध करने वाले टॉम शुगार्ट ने सबसे पहले इसके डूबने को लेकर आशंका जताई थी।

सच्चाई

चीन ने अभी तक नहीं की है पुष्टि

अमेरिका के मजाक उड़ान के बाद भी चीन ने अभी तक इस पर कुछ नहीं कहा है। वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने इस पर कुछ भी बोलने से इंकार किया है। उनके पास इसकी कोई जानकारी नहीं। चीन में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भी घटना की कोई पुष्टि नहीं की। एक अमेरिकी अखबार ने दावा किया है कि पनडुब्बी को बचा लिया गया है, लेकिन इसके काम शुरू करने में कई महीने लग सकते हैं।

बयान

अमेरिका ने क्या कहा?

अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने मीडिया में अपना नाम न छापने की शर्त पर मीडिया को बताया कि चीन की नई परमाणु मई या जून में डूब गई है। उन्होंने कहा कि यह बीजिंग के लिए शर्मिंदगी की बात है क्योंकि वह अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ा रहा है और दूसरी तरफ उनके उपकरणों की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि डूबने का कारण सामने नहीं आया है और चीन इसे छिपाने की कोशिश करेगा।

पनडुब्बी

सिर्फ 6 देशों के पास है परमाणु पनडुब्बी

दुनिया में भारत समेत सिर्फ 6 देशों के पास परमाणु पनडुब्बी है। इसमें सबसे अधिक अमेरिका के पास 68, रूस के पास 29, ब्रिटेन के पास 11, फ्रांस के पास 8 और भारत के पास 1 पनडुब्बी है। पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 तक चीन के पास 6 परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां और 6 परमाणु ऊर्जा वाली पनडुब्बियां थीं। इसके अलावा चीन के पास डीजल से चलने वाली भी हमलावर पनडुब्बियां भी हैं।