बाइडन के हमास हमले को भारत से संंबधित गलियारे से जोड़ने पर व्हाइट हाउस की सफाई
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में आशंका जताई थी कि हमास के इजरायल पर हमले के पीछे भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) एक वजह हो सकता है। अब इस बयान पर व्हाइट हाउस की ओर से सफाई आई है। व्हाइट हाउस ने इस तरह की मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि बाइडन के बयान का गलत अर्थ और संदर्भ निकाला गया।
बाइडन ने क्या कहा था?
बाइडन ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एल्बेनीज की अमेरिकी यात्रा के दौरान संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा था, "मैं पूरे यकीन से कह रहा हूं कि हमास ने इजरायल पर हमला इसलिए किया क्योंकि इजरायल और हम सब क्षेत्रीय एकता की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। मेरे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है, लेकिन मेरी अंतरात्मा ऐसा कहती है। हालांकि, हम अपने काम को पीछे नहीं छोड़ सकते।"
व्हाइट हाउस ने क्या सफाई दी है?
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा कि बाइडन को गलत समझा गया। उन्होंने कहा, "बाइडन ने कहा था कि हमास के हमले का कारण इजरायल के क्षेत्रीय एकीकरण की दिशा में प्रगति थी। यहां हमारा मतलब सामान्यीकरण की प्रक्रिया और समझौते पर इजरायल और सऊदी अरब के बीच कोशिशों से था। ये फिलिस्तीन के दो-राज्य समाधान के लिए महत्वपूर्ण कदम हो सकता था। उन्होंने वास्तव में जो कहा, आपने उसे गलत समझा।"
बाइडन के बयान का क्यों निकाला गया IMEC से संबंध?
G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सऊदी अरब, भारत और अमेरिका ने IMEC की घोषणा की थी। इजरायल भी इस परियोजना का हिस्सा है। इस पूरी परियोजना की पहल अमेरिका ने की थी, इसलिए माना जा रहा था कि अमेरिका इसके जरिए सऊदी अरब और इजरायल को करीब लाने की कोशिश कर रहा है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में बाइडन के बयान को इस नजरिए से जोड़कर देखा गया था।
विशेषज्ञों ने भी जताई थी ऐसी ही आशंका
कुछ विशेषज्ञ भी कह चुके हैं कि IMEC के कारण ही हमास ने हमला किया क्योंकि उसे अरब देशों के साथ इजरायल के संबंधों के सामान्य होने का डर था। दरअसल, IMEC इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और बहरीन जैसे अरब देशों के बीच हुए अब्राहम समझौते के विस्तार पर आधारित है। अमेरिका सऊदी अरब पर भी इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए दबाव डालने लगा था, जिसमें IMEC महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
क्या है IMEC?
IMEC के तहत रेल और बंदरगाहों का नेटवर्क बनाया जाएगा, जो भारत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब, जॉर्डन, इजरायल और ग्रीस से होते हुए यूरोप तक जाएगा। इस परियोजना में 2 अलग-अलग कॉरिडोर होंगे। एक पूर्वी कॉरिडोर होगा, जो भारत को पश्चिम एशिया/मध्य पूर्व से जोड़ेगा और एक उत्तरी कॉरिडोर होगा, जो पश्चिम एशिया या मध्य पूर्व को यूरोप से जोड़ेगा। यानी इससे भारत को मध्य-पूर्व और अंतत: यूरोप तक की कनेक्टिविटी मिलेगी।