#NewsBytesExplainer: गोपनीय दस्तावेजों ने खोले राज, जानें क्या थी हमास की योजना और कैसे दिया अंजाम
फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास की सैन्य शाखा इज्ज अद-दीन अल-कसम ब्रिगेड ने शनिवार को इजरायल के दक्षिणी हिस्से में घुसपैठ करते हुए सैकड़ों मासूमों की जान ले ली थी। अब इस हमले की साजिश से जुड़ा एक नक्शा, दस्तावेज और वीडियो सामने आए हैं। इनसे प्रतीत होता है कि हमास ने शुरू से ही सैन्य इलाकों के साथ-साथ रिहायशी इलाकों पर हमला करके नागरिकों को बंधक बनाने की योजना बनाई थी। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
हमास का 'टॉप सीक्रेट' दस्तावेज हुआ बरामद
वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, हमास के पास इजरायल में घुसपैठ को लेकर एक नक्शा था, जिसमें कब क्या करना है और कहां निशाना बनाना है, इसकी जानकारी थी। आतंकवादियों के पास से अरबी में 14 पन्नों का एक दस्तावेज भी बरामद किया गया, जिसका शीर्षक 'टॉप सीक्रेट' था और तारीख 15 जून, 2023 थी। इसमें किबुत्ज में घुसपैठ करने और उसके निवासियों को बंधक बनाने की योजना का वर्णन किया गया है।
आतंकियों की तैनाती से लेकर कमजोर इलाकों की पहचान तक, पहले से थी तैयारी
दस्तावेज में विभिन्न अभियानों के लिए हमास के आतंकियों की तैनाती का विवरण भी शामिल है। आतंकियों से उन इजरायली इलाकों और सैन्य ठिकानों के नक्शे भी बरामद किए गए, जिन्हें निशाना बनाया गया। इनमें से कुछ पर ये भी लिखा हुआ है कि कौन-सा इलाका कमजोर है और कहां कितने लोग रहते हैं। इसके अलावा इजरायली सेना के आने का समय भी बताया गया है। ये दर्शाता है कि हमास ने किस स्तर पर हमले की तैयारी की थी।
हमास के अभ्यास के वीडियो भी आए सामने
एसोसिएटेड प्रेस (AP) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 12 सितंबर को हमास द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें आतंकी इजरायल पर हमले का अभ्यास करते दिखाई दे रहे हैं। सुरक्षा कवच और हथियारों से लैस आतंकियों ने लाइव-फायर अभ्यास किए, जिसे ऑपरेशन 'स्ट्रॉन्ग पिलर' कहा गया। आतंकियों ने अभ्यास के दौरान ठीक वैसे ही टॉवरों, संचार के माध्यमों और दीवार को नष्ट किया, जैसे शनिवार के हमले में इजरायल में नष्ट किए गए।
आतंकियों के समन्वय से इजरायल हैरान
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 28 दिसंबर को भी टेलीग्राम पर 'स्ट्रॉन्ग पिलर' अभ्यास से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें आतंकी नकली इजरायली सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहे थे। इस लापरवाही पर इजरायल के खुफिया अधिकारी मिल्स्टीन ने कहा, "हम ड्रोन और बूबी ट्रैप के बारे में जानते थे, हम साइबर हमलों और समुद्री बलों के बारे में जानते थे, लेकिन जिस तरह इन सभी के बीच समन्वय आतंकियों ने बनाया, वो हैरान कर देने वाला था।"
हमास के आतंकियों ने ऐसे तोड़ी इजरायल की हाईटेक दीवार
इजरायल ने अमेरिका की वित्तीय मदद से 2021 में गाजा पट्टी के साथ अपनी 40 मील सीमा पर सुरक्षा मजबूत करते हुए एक हाईटेक दीवार बनाई थी। हमास के आतंकवादियों ने कुछ ही मिनटों में इस हाईटेक दीवार को तोड़ दिया। उन्होंने पहले विस्फोटक सामग्रियों से दीवार तोड़ी, फिर बुलडोजर से दीवार चौड़ी की, जिससे मोटरसाइकिलों और पिक-अप ट्रकों में आतंकी इजरायल में घुसे। कैमरों और संचार के माध्यमों पर हैंड ग्रेनेड और गोले दाग कर उन्हें उड़ा दिया गया।
इजरायली सीमा में घुसने के बाद इस तरह दिया गया हमले को अंजाम
दीवार तोड़कर सैंकड़ों की संख्या में इजरायल में घुसे आतंकियों ने सबसे पहले रेडियो टावरों और राडार साइटों को निष्क्रिय कर दिया, जिससे इजरायली कमांडरों की हमले की जानकारी न मिल सके। इसके बाद आतंकियों ने जिकिम के पास एक नजदीकी सैन्य अड्डे पर हमला कर कई इजरायली जवानों को मार गिराया और फिर दक्षिणी इजरायल के ग्रामीण इलाकों में फैल गए। इस दौरान उन्होंने एक संगीत समारोह में घुसकर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें लगभग 270 लोग मारे गए।
ईरान जैसे सहयोगियों तक को नहीं थी अभियान की जानकारी
हमास के बाहरी संबंधों के प्रमुख अली बराका ने स्वीकार किया कि पिछले कुछ वर्षों में समूह को ईरान और लेबनान के हिजबुल्लाह सहित विदेश में उसके सहयोगियों से आपूर्ति, वित्तीय सहायता, सैन्य विशेषज्ञता और प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है। हालांकि, उसने ये भी कहा कि इजरायल पर हमले का हालिया ऑपरेशन घरेलू था और हमले की सही तारीख और समय केवल हमास के कुछ मुट्ठी भर कमांडरों को ही पता था।