भारत-अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग से लेकर निवेश तक हुए कई बड़े समझौते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दूसरे दिन दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इनमें रक्षा, अंतरिक्ष सहयोग और निवेश शामिल हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा को देखते हुए अमेरिका की जनरल इंजन (GE) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच लड़ाकू विमान का इंजन बनाने का समझौता हुआ है। आइए जानते हैं कि दोनों देशों के बीच और क्या-क्या समझौते हुए हैं।
GE और HAL के बीच क्या समझौता हुआ?
भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' मुहिम को आगे बढ़ाते हुए अमेरिकी कंपनी GE की एयरोस्पेश शाखा ने घोषणा की है कि वह भारतीय वायुसेना के लिए लड़ाकू विमान के इंजन बनाने के लिए HAL के साथ मिलकर काम करेगी। अमेरिका-भारत के बीच हुए समझौते में इंजन निर्माण की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से लेकर उनका भारत में ही निर्माण किए जाने के प्रावधान शामिल हैं। यह समझौता भारतीय इतिहास के सबसे बड़े रक्षा समझौतों में से एक है।
अमेरिका के अंतरिक्ष अभियान का हिस्सा बना भारत
भारत ने अमेरिका के साथ आर्टेमिस समझौते से जुड़ने का फैसला लिया है। दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां 2024 में साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर अंतरिक्ष यात्री भेजेंगी। ये आर्टेमिस समझौता 1967 की बाहरी अंतरिक्ष संधि (OST) पर आधारित है, जिसका उद्देश्य मंगल ग्रह और उससे आगे अंतरिक्ष की खोज को विस्तार देना है। अमेरिका इस मिशन की अगुवाई कर रहा है और इस समझौते पर अब तक भारत समेत 26 देश हस्ताक्षर कर चुके हैं।
अमेरिकी कंपनी माइक्रोन ने की निवेश की घोषणा
प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कंप्यूटर चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी माइक्रोन ने भारत में निवेश की घोषणा की है। माइक्रोन कंपनी गुजरात में अपनी सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण संयंत्र लगाएगी, जिसमें कुल 2.75 अरब डॉलर का निवेश होगा। इस निवेश समझौते के अनुसार, 2 चरणों में विकसित किए जाने वाले इस संयंत्र पर माइक्रोन 82.5 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी, जबकि बाकी राशि का निवेश केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से किया जाएगा।
MQ-9 रीपर ड्रोन खरीदने पर बनी सहमति
प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर अमेरिकी कंपनी जनरल एटामिक्स से MQ-9 रीपर ड्रोन खरीदने को लेकर भी सहमति बन गई है। इस समझौते के अनुसार, भारत 3 अरब डॉलर में अमेरिका से 30 MQ-9 रीपर ड्रोन खरीदेगा। ये दुनिया का सबसे घातक मानवरहित विमान है, जो अपने अचूक निशाने व सटीक निगरानी के लिए जाना जाता है। रीपर ड्रोन से गहरे समुद्र में 1,750 किलोग्राम तक गोला-बारूद या राकेट दागे जा सकते हैं। यह भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाएगा।
दोनों देशों में खोले जाएंगे नए वाणिज्य दूतावास
भारत-अमेरिका ने अपने राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों देशों ने अपने संयुक्त बयान में नए वाणिज्य दूतावास भी खोलने पर सहमति जताई है। अमेरिका में वर्तमान में 5 भारतीय वाणिज्य दूतावास हैं और नया दूतावास सिएटल में खोला जाएगा। इसमें अलास्का भी शामिल होगा, जहां भारत की काफी रुचि है। अभी भारत के मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद शहर में 4 अमेरिकी वाणिज्य दूतावास हैं, जबकि 2 नए अमेरिकी दूतावास बेंगलुरु और अहमदाबाद में खोले जाएंगे।
पहली बार अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं मोदी
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी 5 बार अमेरिका की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन उनकी अमेरिका की ये पहली राजकीय यात्रा है। उनकी यह यात्रा भारत-अमेरिका के संबंधों को लेकर काफी अहम मानी जा रही है। भारतीय समयानुसार गुरुवार देर रात प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। संसद की संयुक्त बैठक में यह प्रधानमंत्री का दूसरा संबोधन था और विश्व के चुनिंदा नेताओं को यह अवसर मिला है।