
काबुल से लोगों को निकालना इतिहास के 'सबसे मुश्किल' अभियानों में से एक- जो बाइडन
क्या है खबर?
तालिबान के कब्जे के बाद अलग-अलग देश अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने में लगे है।
शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस निकासी अभियान को 'इतिहास का सबसे मुश्किल' बताते हुए भरोसा दिया कि सभी अमेरिकी नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
अफगानिस्तान संकट के लिए आलोचना का सामना कर रहे बाइडन ने कहा कि वहां से लोगों को निकालना काफी खतरे से भरा काम है।
आइये, जानते हैं कि बाइडन ने और क्या-क्या कहा?
जानकारी
चार दिनों में बाइडन का दूसरा संबोधन
चार दिनों में यह दूसरी बार था, जब शुक्रवार को बाइडन ने अफगानिस्तान मुद्दे पर देश को संबोधित किया।
अफगानिस्तान में चल रहे अभियान को 'इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे मुश्किल' बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इसका अंत कैसा होने वाला है।
बाइडन ने कहा कि अमेरिका के 6,000 से अधिक सैनिकों ने काबुल हवाई अड्डो को सुरक्षित किया हुआ है, जिससे सैन्य और नागरिक विमान उड़ान भर पा रहे हैं।
भरोसा
हर अमेरिकी को सुरक्षित वापस लाया जाएगा- बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "हम जुलाई से अब तक 18,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल चुके हैं। 14 अगस्त को हमारा सैन्य एयरलिफ्ट शुरू होने के बाद करीब 13,000 लोगों को निकाला जा चुका है।"
उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन को यह जानकारी नहीं है कि अफगानिस्तान में कितने अमेरिकी नागरिक हैं, लेकिन जो भी अमेरिकी घर आना चाहता है, उसे घर लाया जाएगा।
उन्होंने यह भी भरोसा दिया कि अमेरिका के मददगारों को भी अफगानिस्तान से निकाला जाएगा।
बयान
"पिछला सप्ताह दिल दहला देने वाला रहा"
बाइडन ने पिछले सप्ताह को 'दिल दहला देने' वाला बताते हुए कहा कि उनका प्रशासन लोगों को निकालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। अमेरिकी लोगों के सुरक्षित निकलने तक सेना वहां तैनात रहेगी।
अफगानिस्तान
बढ़ाया नहीं जाएगा अमेरिकी सुरक्षा का दायरा
कई अमेरिकी सांसदों ने मांग की थी की अमेरिका सैनिकों के सुरक्षा दायरे का विस्तार काबुल हवाई अड्डे के बाहर भी करना चाहिए ताकि ज्यादा लोग उड़ान के लिए हवाई अड्डे में पहुंच सके।
बाइडन ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा नहीं होगा और इसके अवांछित परिणाम हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने तालिबान को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका अपने सैनिकों पर हमला बर्दाश्त नहीं करेगा।
जानकारी
सैनिक वापसी के फैसले का बचाव कर चुके हैं बाइडन
इससे पहले काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अपने पहले संबोधन में बाइडन ने कहा था कि वे सैनिकों की वापसी के अपने फैसले के साथ पूरी तरह से खड़े हैं और इसके लिए कभी भी कोई अच्छा समय नहीं हो सकता था।
उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता एक ऐसे युद्ध को रोकना थी जो तालिबान को सबक सिखाने के शुरूआती लक्ष्य से काफी आगे निकल गया था।
अपने संबोधन में उन्होंने अफगान सरकार की भी आलोचना की।
अफगानिस्तान
अमेरिका के मददगारों को निशाना बना रहा तालिबान
शुक्रवार को खबरें आई थीं कि तालिबान अमेरिका की मदद करने वालों को घर-घर जाकर अपना निशाना बना रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि अफगानिस्तान में अमेरिका की मदद करने और पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी से जुड़े लोगों को सार्वजनिक रूप से गोली मारने के लिए अब तालिबान ने घर-घर तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है।
इसमें खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह से जुड़े लोगों पर विशेष जोर दिया जा रहा है।