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क्रिकेट को पसंद और सपोर्ट करता है तालिबान, उनसे नहीं होगा कोई खतरा- अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड
तालिबान के कब्जे के बाद क्या होगा अफगानिस्तान में क्रिकेट का भविष्य

क्रिकेट को पसंद और सपोर्ट करता है तालिबान, उनसे नहीं होगा कोई खतरा- अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड

लेखन Neeraj Pandey
Aug 17, 2021
11:42 am

क्या है खबर?

बीते कुछ दिनों में अफगानिस्तान में एक बड़ा बदलाव आया है। तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया है और अब सरकार बनाने की कोशिश में लगा है। देश में आए इस बदलाव से अफरा-तफरी का माहौल बन चुका है। लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। इस बदलाव से अफगानिस्तान का क्रिकेट भी प्रभावित हो सकता है। हालांकि, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) का मानना है कि तालिबान से उनके क्रिकेट पर असर नहीं पड़ेगा।

बयान

शुरुआत से ही मिला है तालिबान का समर्थन- ACB CEO

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक ACB के CEO हामिद शिनवारी ने कहा कि शुरुआत से ही हमें तालिबान का समर्थन मिला है और वे इस खेल को पसंद करते हैं। उन्होंने आगे कहा, "मुझे किसी तरह का विघ्न नहीं दिख रहा है और मैं उम्मीद करता हूं कि हमारा क्रिकेट आगे बढ़ता रहेगा। अगली नोटिस तक मैं CEO बना रहूंगा और हमारे पास कार्यकारी चेयरमैन भी है।"

कैंप

दोबारा शुरु होगी नेशनल कैंप

शिनवारी ने आगे कहा कि तालिबान के राज में ही देश में क्रिकेट की शुरुआत हुई थी और उनके खिलाड़ियों ने पेशावर में ट्रेनिंग लेने के बाद देश में क्रिकेट को आगे बढ़ाया। उन्होंने आगे कहा, "अच्छी बात है कि हम सामान्य वातावरण की ओर बढ़ रहे हैं। हम अपना ऑफिस कल से शुरु करेंगे और दो दिन के ब्रेक के बाद नेशनल कैंप को भी दोबारा शुरु किया जाएगा।"

सुरक्षा

सुरक्षित हैं सभी खिलाड़ी और उनके परिवार

द हंड्रेड में खेल रहे राशिद खान लगातार अफगानिस्तान के हालात पर चिंता जाहिर कर रहे हैं। उन्होंने अपने परिवार को इस मुसीबत से नहीं निकाल पाने पर दुख भी जाहिर किया था। हालांकि, शिनवारी का कहना है कि सभी खिलाड़ी और उनके परिवार अफगानिस्तान में पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि सारे खिलाड़ियों का परिवार काबुल में है और उनकी सुरक्षा के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है।

सरकार

अफगानिस्तान में जल्द अपनी सरकार बनाएगा तालिबान

गौरतलब है कि काबुल पर कब्जे के साथ ही पूरा अफगानिस्तान तालिबान के कब्जे में आ गया है। तालिबान ने युद्ध समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा है कि वह जल्द ही देश की नई शासन व्यवस्था की जानकारी देगा। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके स्टाफ ने रविवार को ही देश छोड़ दिया था। ताजिकिस्तान के शरण देने से इनकार करने के बाद गनी ओमान पहुंच गए हैं। यहां से वो अमेरिका जा सकते हैं।