NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / अफगानिस्तान में तालिबान के आने का भारत पर क्या असर पड़ेगा?
    अगली खबर
    अफगानिस्तान में तालिबान के आने का भारत पर क्या असर पड़ेगा?
    तालिबान के आने का भारत पर क्या असर पड़ेगा?

    अफगानिस्तान में तालिबान के आने का भारत पर क्या असर पड़ेगा?

    लेखन मुकुल तोमर
    Aug 16, 2021
    08:40 pm

    क्या है खबर?

    अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है और जिन देशों पर इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर पड़ना है, उनमें भारत भी शामिल है।

    अफगानिस्तान में लोकतंत्र और विकास को बढ़ावा देने में आगे रहे भारत को तालिबान के आगमन के बाद पिछले 20 वर्षों की अपनी मेहनत खतरे में पड़ती हुई नजर आ रही है।

    चलिए जानते हैं कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने का भारत पर क्या असर पड़ेगा।

    इतिहास

    अतीत में कैसे रहे हैं भारत और तालिबान के संबंध?

    अफगानिस्तान में पहले भी 1990 के दशक से लेकर 2001 तक तालिबान का शासन रह चुका है और इस दौरान भारत के साथ उसके संबंध अच्छे नहीं रहे थे। भारत ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी थी और वह तालिबान को अफगानिस्तान में भारतीय मिशनों पर हुए हमलों के लिए जिम्मेदार मानता रहा है।

    1999 में IC-814 विमान के अपहरण के समय भी तालिबान ने इस विमान को अपने यहां कंधार में जगह दी थी।

    दूसरा कारण

    पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के साथ संबंध एक बड़ी अड़चन

    पाकिस्तान और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के साथ तालिबान के संबंध भारत और उसके संबंधों के बीच एक बड़ी अड़चन रहे हैं। उसके जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों के साथ संपर्क रहे हैं जो भारत पर हमला करने की साजिश रचते रहते हैं।

    इसके अलावा पाकिस्तान भी तालिबान की मदद के एवज में अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल भारत विरोधी आतंक विरोधी गतिविधियों के लिए करता रहा है और इस बार भी यही होने का अंदेशा है।

    जानकारी

    चुनी हुई सरकारों से भारत की नजदीकी भी दूरियों का एक कारण

    अफगानिस्तान की चुनी हुई सरकारों के साथ भारत के मधुर संबंध भी भारत और तालिबान के रिश्ते न पनपने का एक कारण रहे हैं। अफगानिस्तान में लोकतंत्र को बढ़ावा देने में भारत का एक बड़ा योगदान रहा है और इसलिए उसकी तालिबान से दूरी हैं।

    तालिबान का रुख

    तालिबान का भारत के प्रति क्या रुख है?

    धार्मिक मदरसों से उभरा तालिबान सुन्नी इस्लाम की कट्टर विचारधारा का प्रचार करता है और शरिया कानून के कट्टरपंथी संस्करण को लागू करने का समर्थक रहा है। ऐसे में जाहिर है कि भारत के प्रति उसका रुख दोस्ताना तो नहीं है।

    इसके अलावा अफगानिस्तान में भारतीयों पर हुए कई हमलों में भी उसका हाथ होने की बात सामने आई है। उसके राज में अफगानिस्तान की भूमि का कश्मीर भेजे जाने वाले आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल होता रहा है।

    रुख में बदलाव

    हालिया समय में तालिबान के रुख में क्या बदलाव आया है?

    हालिया समय में तालिबान का रुख भारत के प्रति थोड़ा नरम रहा है और उसे बीते कुछ समय में कोई भी भारत विरोधी बयान नहीं दिया है।

    इसके अलावा तालिबान में एक गुट ऐसा भी है जो भारत के प्रति सहयोग वाला रवैया रखता है। जब अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठा तो पाकिस्तान ने इसे कश्मीर से जोड़ा, लेकिन तालिबान ने कहा कि उसे इस बात की परवाह नहीं कि भारत कश्मीर में क्या करता है।

    भारत का योगदान

    अफगानिस्तान के विकास में भारत का क्या योगदान रहा है?

    भारत ने पिछले कुछ सालों में अफगानिस्तान के विकास में अहम योगदान दिया है और वह पुनर्निर्माण से जुड़ी योजनाओं में लगभग 3 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश कर चुका है।

    अफगानिस्तान की नई संसद को भारत ने बनाया है। इसके अलावा कई बांधों और सड़कों का निर्माण भी भारत ने कराया है। देश में अच्छी-खासी संख्या में भारतीय पेशेवर भी काम करते हैं।

    अफगानिस्तान के विकास में भारत की इस भूमिका को तालिबान भी स्वीकार करता है।

    समस्याएं

    तालिबान के शासन में आने से भारत के लिए क्या समस्याएं पैदा हो सकती हैं?

    अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद भारत के लिए मुख्य तौर पर तीन तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

    पहली समस्या सुरक्षा से संबंधित है और पाकिस्तान आतंकी संगठन भारत विरोधी गतिविधि के लिए अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

    दूसरी समस्या मध्य एशिया में व्यापार और कनेक्टिविटी को लेकर है जो अफगानिस्तान के जरिए होते रहे हैं।

    तीसरी दिक्कत पाकिस्तान और चीन को लेकर है जो पहले ही तालिबान से अच्छे संबंध बना चुके हैं।

    आगे का रास्ता

    भारत के लिए अब आगे क्या विकल्प?

    भारत के पास अभी दो विकल्प हैं। पहला वो अफगानिस्तान में बना रहे और तालिबान से संबंध स्थापित करे, वहीं दूसरा ये कि वो सब कुछ बंद करके निकल जाए और पिछले दो दशक की अपनी मेहनत को बर्बाद जाने दे।

    अभी भारत पहले रास्ते पर जाते हुए दिख रहा है और उसकी तालिबान के साथ अनौपचारिक तौर पर वार्ता करने की खबरें भी आई हैं।

    हालांकि भारत कोई जल्दबाजी नहीं करेगा और अन्य देशों की प्रतिक्रिया का इंतजार करेगा।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    अफगानिस्तान
    तालिबान
    भारत सरकार

    ताज़ा खबरें

    'भूल चूक माफ' से लेकर 'केसरी वीर' तक, इस सप्ताह सिनेमाघरों में रिलीज होंगी ये फिल्में  राजकुमार राव
    IPL 2025: एडेन मार्करम ने SRH के खिलाफ जड़ा पहला अर्धशतक, जानिए उनके आंकड़े इंडियन प्रीमियर लीग
    हर्षल पटेल सबसे तेज 150 IPL विकेट लेने वाले गेंदबाज बने, जानिए उनके आंकड़े हर्षल पटेल
    IPL 2025: मिचेल मार्श ने इस सीजन में अपना 5वां अर्धशतक लगाया, जानिए आंकड़े मिचेल मार्श

    अफगानिस्तान

    अफगानिस्तान: काबुल गुरुद्वारा हमले का मास्टरमाइंड फारूकी गिरफ्तार काबुल
    अफगानिस्तान: माता-पिता को मारने वाले दो तालिबानियों को लड़की ने AK-47 से किया ढेर हत्या
    संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट, अफगानिस्तान में तैनात है पाकिस्तान के 6,000-6,500 आतंकवादी भारत की खबरें
    केरल और कर्नाटक में 'बड़ी संख्या' में IS आतंकी मौजूद- संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट भारत की खबरें

    तालिबान

    इमरान खान ने माना, पाकिस्तान में सक्रिय थे 40 आतंकी संगठन, पिछली सरकारों ने छुपाया सच पाकिस्तान समाचार
    अनुच्छेद 370: हजारों जवान, सैटेलाइट फोन और ड्रोन, जानिये सरकार ने कैसे की बड़ी तैयारी अफगानिस्तान
    जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर तालिबान का बयान- शांति बनाए रखें भारत-पाकिस्तान, अफगानिस्तान को रखें कश्मीर से अलग भारत की खबरें
    पाकिस्तान की दबाव बनाने की कोशिश, कहा- अफगानिस्तान से हटाकर कश्मीर सीमा पर तैनात करेंगे सेना पाकिस्तान समाचार

    भारत सरकार

    वैक्सीनेशन अभियान में उपयोग की जा रही 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सिन' वैक्सीनों में क्या अंतर है? भारत की खबरें
    चाइनीज हैकर्स ने दर्जनों भारतीय संगठनों को बनाया निशाना, की थी मुंबई की बिजली गुल- रिपोर्ट हैकिंग
    भारत को 'आंशिक स्वतंत्र' बताने वाली रिपोर्ट पर सरकार की प्रतिक्रिया, अनुचित और भ्रामक बताया भारत की खबरें
    कारों में पैसेंजर सीट के लिए भी अनिवार्य हुआ एयरबैग, कैसे करता है यात्रियों की सुरक्षा? भारत की खबरें
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025