हिंदू पुजारी ने किया काबुल छोड़ने से इनकार, कहा- तालिबानियों से मिली मौत को सेवा समझूंगा
तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है। हजारों की संख्या में लोग अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़कर भाग रहे हैं। इसी बीच काबुल के रतन नाथ मंदिर के अंतिम हिंदू पुजारी पंडित राजेश कुमार ने काबुल छोड़कर जाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके पुर्वजों ने सालों तक इस मंदिर की सेवा की है। ऐसे में वह मंदिर छोड़कर नहीं जाएंगे और यदि उन्हें मारा दिया जाता है तो वह इसे अपनी सेवा समझेंगे।
देश छोड़ने के लिए उमड़ रहे लोग
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद लोग अपने घर और व्यवासायों को छोड़कर देश छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। सोमवार को कुछ लोग तो एयरपोर्ट से रवाना हुई एक उड़ान के पहियों पर लटक गए। इसके बाद हजारों की फीट की ऊंचाई से गिरने से उनकी मौत हो गई। हवाई अड्डे से आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि लोग रनवे तक पहुंच गए हैं और विमानों में बैठने के लिए मशक्कत कर रहे हैं।
नहीं जाऊंगा काबुल छोड़कर- पंडित राजेश
काबुल पर कब्जे के बाद अपने ट्विटर हैंडल @BharadwajSpeaks पर भारद्वाज ने लिखा, 'काबुल में रतन नाथ मंदिर के पुजारी पंडित राजेश कुमार ने कहा- कुछ हिंदुओं ने मुझे काबुल छोड़ने की अपील की थी और मेरी यात्रा और रहने की व्यवस्था करने की पेशकश की थी, लेकिन मेरे पूर्वजों ने इस मंदिर की सैकड़ों वर्षों तक सेवा की है। मैं इसे छोड़कर नहीं जाऊंगा। अगर तालिबान मुझे मार देता है, तो मैं इसे अपनी सेवा समझूंगा।'
भारत ने 120 भारतीयों को अफगानिस्तान से निकाला
तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने काबुल स्थित अपने दूतावास को फिलहाल बंद कर दिया है और अपने सभी कर्मचारियों को वापस भारत बुला लिया है। इसके लिए C-17 ग्लोबमास्टर विमान ने सुबह काबुल से 120 से अधिक यात्रियों को लेकर उड़ान भरी। यह विमान गुजरात के जामनगर में पहुंच चुका है। हालांकि, वहां अभी भी कुछ भारतीय फंसे हुए हैं। इससे पहले सोमवार को भी राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों सहित करीब 40 भारतीय दिल्ली पहुंचे थे।
भारत ने किया सिख और हिंदु समुदाय के लोगों की मदद का ऐलान
न्यूज 18 के अनुसार, भारत के विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में छोटे सिख और हिंदू समुदाय की भारत वापसी में मदद करने का ऐलान किया है। प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'हम अफगान, सिख और हिंदू समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। हम उन लोगों को भारत वापसी की सुविधा देंगे, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं।' बता दें कि भारत ने अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं में लाखों डॉलर का निवेश किया है।
सैकड़ों हिंदू और सिखों ने ली गुरुद्वारे में शरण- सिरसा
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा था कि 50 हिंदू और 270 से अधिक सिखों ने काबुल के परवन गुरुद्वारे में शरण ली है। वह उनकी सुरक्षा के लिए काबुल की गरुद्वारा समिति के अध्यक्षों के संपर्क में है। उन्होंने आगे कहा कि गरुद्वारा समिति के अध्यक्षों ने तालिबानी नेताओं ने उनकी सुरक्षा के लिए बात की है और उन्होंने लोगों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। यह बड़ी राहत की खबर है।
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, राष्ट्रपति ने देश छोड़ा
गौरतलब है कि काबुल पर कब्जे के साथ ही पूरा अफगानिस्तान तालिबान के कब्जे में आ गया है। तालिबान ने युद्ध समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा है कि वह जल्द ही देश की नई शासन व्यवस्था की जानकारी देगा। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उप राष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने रविवार को ही देश छोड़ दिया था। ताजिकिस्तान के शरण देने से इनकार करने के बाद गनी ओमान पहुंच गए हैं। यहां से वो अमेरिका जा सकते हैं।