ताजिकिस्तान में लैंडिंग की इजाजत न मिलने के बाद ओमान पहुंचे अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी
क्या है खबर?
ताजिकिस्तान के शरण देने से इनकार करने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ओमान पहुंच गए हैं। उनके यहां से अमेरिका जाने की संभावना जताई जा रही है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, गनी के साथ अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोहिब भी हैं।
उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के ताजिकिस्तान में ही होने की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले वह अफगानी प्रांत पंजशीर में थे जो उनका गढ़ रहा है।
पृष्ठभूमि
अशरफ गनी ने कल छोड़ा था देश
तालिबान के काबुल के गेट पर पहुंचने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को अपने परिवार और स्टाफ के साथ देश छोड़ दिया था और तालिबान के साथ वार्ता की जिम्मेदार बाकी के राजनीतिक नेतृत्व पर डाल दी थी।
तभी से उनके कभी इस तो कभी उस देश में होने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन अब खबर आई है कि वे ओमान पहुंच गए हैं और यहां से अमेरिका जा सकते हैं।
फेसबुक पोस्ट
गनी ने कहा- देश नहीं छोड़ता तो खतरे में पड़ जाती लाखों जिंदगियां
देश छोड़ने के अपने बयान पर सफाई देते हुए गनी ने कहा है कि अगर वो काबुल नहीं छोड़ते तो हिंसक झड़प होती जिससे लाखों जिंदगियां खतरे में पड़ती।
अपनी फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा था, 'मेरे पास दो रास्ते थे। राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे 'सशस्त्र तालिबान' का सामना करूं या अपने प्रिय देश को छोड़ दूं जिसकी रक्षा के लिए मैंने अपने जीवन के 20 साल समर्पित कर दिए।'
बयान
रक्तपात होने से रोकने के लिए बाहर निकलना ठीक लगा- गनी
गनी ने आगे लिखा, 'यदि असंख्य देशवासी शहीद हो जाएं, अगर वे तबाही का मंजर देखते और काबुल का विनाश देखते तो 60 लाख की आबादी वाले इस शहर में बड़ी मानवीय त्रासदी हो सकती थी। तालिबान ने मुझे हटाने के लिए ये सब किया है और वे पूरे काबुल पर और काबुल की जनता पर हमला करने आए हैं। रक्तपात होने से रोकने के लिए मुझे बाहर निकलना ठीक लगा।'
जानकारी
पूर्व राष्ट्रपति कर रहे सत्ता के हस्तांतरण की बातचीत
बता दें कि तालिबान शुरू से ही गनी के खिलाफ था और उनके सत्ता से हटने के बाद ही बातचीत करने की कह रहा था। अभी पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और राष्ट्रीय सुलह उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला तालिबान से बातचीत कर रहे हैं।
स्थिति
अफगानिस्तान में जल्द अपनी सरकार बनाएगा तालिबान
गौरतलब है कि काबुल पर कब्जे के साथ ही पूरा अफगानिस्तान तालिबान के कब्जे में आ गया है। तालिबान ने देश में युद्ध समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा है कि वह जल्द ही देश की नई शासन व्यवस्था की जानकारी देगा।
सत्ता हस्तांरण के लिए वह सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहा है और अभी काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन पर भी उसका कब्जा है। उसने किसी भी अफगान नागरिक को नुकसान न पहुंचाने का वादा किया है।