कौन है तालिबान प्रमुख हिब्तुल्लाह अखुंदजादा जो बन सकता है अफगानिस्तान का 'सुप्रीम लीडर'?
तालिबान ने 20 साल बाद एक बार फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है और अब वो देश में अपनी सरकार बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। तालिबान ने साफ कर दिया है कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं होगी और वो एक परिषद के जरिए देश की सरकार चलाएगा। तालिबान का मौजूदा प्रमुख हिब्तुल्लाह अखुंदजादा इस पूरी व्यवस्था में राष्ट्रपति से ऊपर मार्गदर्शक का पद संभाल सकता है। चलिए आपको अखुंदजादा के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हैं।
कंधार के नूरजई कबीले से आता है अखुंदजादा
हिब्तुल्लाह अखुंदजादा का संबंध तालिबान के गढ़ माने जाने वाले कंधार से है और उसका संबंध नूरजई कबीले से है। वह सोवियत संघ के हमले के बाद 1980 के दशक के अफगानी विद्रोह में एक कमांडर की भूमिका अदा कर चुका है, हालांकि उसकी पहचान एक इस्लामी विद्वान के तौर पर ज्यादा है। वह तालिबान के संगठन में एक अहम भूमिका अदा करता रहा है और कंधार से होने के कारण उसे तालिबान में आगे बढ़ने में मदद मिली।
धार्मिक कट्टरपंथी है अखुंदजादा
तालिबान का प्रमुख बनने से पहले भी अखुंदजादा तालिबान के शीर्ष नेताओं में शुमार रहा है और तालिबान के धर्म से जुड़े सभी आदेश वही जारी करता है। वह एक धार्मिक कट्टरपंथी है और उसके विचार बेहद रूढ़िवादी हैं। वह दोषी पाए गए कातिलों और अवैध सेक्स संबंध रखने वालों लोगों की हत्या के आदेश जारी कर चुका है। इसके अलावा उसने कई बार चोरी करने वालों के हाथ काटने के आदेश भी दिए हैं।
2016 में तालिबान का प्रमुख बना था अखुंदजादा
अखुंदजादा तालिबान का प्रमुख बनने से पहले तालिबान के पूर्व प्रमुख अख्तर मोहम्मद मंसूर का डिप्टी था। मंसूर को मई, 2016 में अमेरिका ने एक ड्रोन हमले में मार गिराया जिसके बाद अखुंदजादा तालिबान का प्रमुख बना। उसे तालिबान प्रमुख बनाने में पाकिस्तान के क्वेटा में रहने वाले तालिबान के शीर्ष नेताओं की अहम भूमिका रही। इस बीच मंसूर की भी एक वसीयत सामने आई जिसमें उसने अखुंदजादा को अपना वारिस घोषित किया था।
अलकायदा प्रमुख ने अखुंदजादा को दी थी 'अमीर अल-मूमिनीन' की उपाधि
अखुंदजादा को 'अमीर अल-मूमिनीन' की उपाधि भी हासिल है जो उसे अलकायदा प्रमुख आयमान अल-जवाहिरी ने दी थी। इसका मतलब 'विश्वासियों का कमांडर' यानि मुस्लिमों का नेता होता है। ये लगभग खलीफा के स्तर का दर्जा होता है।
अभी कहां है अखुंदजादा?
अखुंदजादा ने आखिरी सार्वजनिक बयान मई में ईद अल-फित्र के मौके पर जारी किया था और इसके बाद उसका कोई भी सार्वजनिक बयान सामने नहीं आया है। भारत के खुफिया सूत्रों ने NDTV को बताया कि तालिबान के शीर्ष नेताओं ने पिछले छह महीने से अखुंदजादा ने नहीं देखा है। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि अखुंदजादा पाकिस्तानी सेना की कस्टडी में हो सकता है और उन्हें विदेशी खुफिया एजेंसियों के हवाले से ये जानकारी मिली है।