कोरोना की लैब लीक थ्योरी को खारिज करने में जल्दबाजी की गई- WHO प्रमुख
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कोरोना महामारी और लैबोरेट्री से वायरस लीक के संभावित संबंधों की रिपोर्ट्स को जल्दबाजी में खारिज करने की बात मानते हुए चीन से कोरोना की शुरुआत को लेकर पारदर्शी होने को कहा है। संगठन प्रमुख डॉ टेड्रोस अधेनोम गेब्रिएसेस ने कहा कि कोरोना की शुरुआत का पता लगाने चीन गई अंतरराष्ट्रीय टीम के लिए शुरुआती आकंड़े हासिल करना काफी चुनौतीपूर्ण रहा था। चीन के वुहान में ही कोरोना का पहला मामला दर्ज हुआ था।
हालिया समय में लैब लीक की थ्योरी को मिला है नया जन्म
पिछले कुछ महीनों में कोरोना वायरस के वुहान लैब से लीक होने की थ्योरी को मजबूती मिली है। महामारी की शुरूआत में ही खारिज की जा चुकी इस थ्योरी को हाल ही में 'द बुलेटिन' में प्रकाशित एक रिपोर्ट से नया जन्म मिला है। इस रिपोर्ट में वायरस की बनावट से लैब लीक के सवालों को जल्दबाजी में दबाने के प्रयासों तक के आधार पर कहा गया था कि इसके लैब निर्मित होने की संभावना ज्यादा है।
WHO की रिपोर्ट के विपरित है टेड्रोस का बयान
द गार्डियन के अनुसार, टेड्रोस ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन से महामारी के शुरुआती दिनों से जुड़े आंकड़े और सूचना देने के लिए पारदर्शिता और जांच में सहयोग करने की अपील कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन रिपोर्ट्स को खारिज करने में जल्दबाजी दिखाई गई कि कोरोना वायरस वुहान के सरकारी लैब से लीक हुआ था। उनका यह बयान WHO की रिपोर्ट के विपरित है, जिसमें वायरस के लीक होने की न्यूनतम संभावना बताई गई थी।
लैब में हादसे होना सामान्य बात- टेड्रोस
डॉ टेड्रोस ने कहा, "मैं लैब टेक्निशियन था। मैं एक प्रतिरक्षाविज्ञानी हूं और मैंने लैब में काम किया है। लैब में हादसे होते रहते हैं। यह सामान्य बात है।" उन्होंने कहा कि WHO कोरोना वायरस की शुरुआत का पता लगाने की जांच के लिए जमीन तैयार कर रहा है। महामारी का लैब लीक से संबंध पता करने के लिए विस्तृत जांच जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार मामले की गहराई में जाने के लिए बेहतर सहयोग मिलेगा।
पारदर्शिता को लेकर चीन की तारीफ करते आए थे टेड्रोस
WHO प्रमुख ने कहा, "हमें यह देखने की जरूरत है कि महामारी के पहले और उसके बाद लैब में क्या स्थिति थी।" इसके लिए चीन के सहयोग को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर पूरी जानकारी मिलती है तो इस दिशा में किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। गौरतलब है कि महामारी की शुरुआत के बाद से ही WHO के कई अधिकारियों की नाराजगी के बीच टेड्रोस पारदर्शिता को लेकर चीन की तारीफ करते आए हैं।
चीन पर जांच को प्रभावित करने के आरोप
पिछले साल समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने पाया था कि चीन की तरफ से महामारी के शुुरुआती दौर की जानकारी न मिलने के कारण WHO नाराज है। साथ ही चीन कोरोना वायरस की शुरुआत का पता लगाने वाली जांच को प्रभावित कर रहा है। इस संबंध में चांज करने चीन गई WHO की टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि लैब से कोरोना वायरस लीक होने की संभावना बेहद कम है। विशेषज्ञों ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे।
लैब से वायरस लीक होने की बात कह चुका है अमेरिका
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस को लेकर शुरुआत से ही चीन पर हमलावर रहे हैं। दावा करते हुए ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने ऐसे सबूत देखे हैं, जो बताते हैं कि कोरोना वायरस चीन की लैब से लीक हुआ था। अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी विशेषज्ञों से उन रिपोर्ट्स का अध्ययन करने को कहा है, जिनमें वुहान लैब से कोरोना वायरस लीक होने की बात कही गई है।
सच हो सकती है लैब लीक की आशंका- अमेरिकी रिपोर्ट
अमेरिकी सरकार की एक राष्ट्रीय लैब ने मई, 2020 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कोविड-19 बीमारी करने वाले SARS-CoV-2 कोरोना वायरस के वुहान की लैब से लीक होने की बात सच हो सकती है और इस दिशा में और जांच करने की जरूरत है। इस स्टडी में SARS-CoV-2 के जेनेटिक विश्लेषण के आधार पर इसके चीन की वुहान लैब से लीक होने की आंशकाओं को मुमकिन बताया गया था।