#NewsBytesExplainer: यूक्रेन युद्ध में कैसे सैनिकों के लिए बड़ी समस्या बने चूहे?
क्या है खबर?
रूस और यूक्रेन के बीच 23 महीनों से युद्ध जारी है। इसी बीच चूहों से होने वाला संक्रमण यहां एक नई समस्या बन गया है और इससे सैनिक तेजी से बीमार पड़ रहे हैं, जो प्रथम विश्व युद्ध की याद दिला रहा है।
ये संक्रमण न केवल सैनिकों के बीच बीमारी फैला रहा है, बल्कि सैन्य अभियानों में भी महत्वपूर्ण रुकावट बन रहा है।
आइए जानते हैं कि यूक्रेन युद्ध में चूहे कैसे बड़ी समस्या बन गए हैं।
रिपोर्ट
कहां पर परेशान कर रहे हैं चूहे?
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के सीमांत दक्षिणी जापोरिजिया क्षेत्र में चूहों की वजह से महामारी जैसे हालात बने हुए हैं। यहां चूहों के कारण पूरी बटालियन परेशान है।
एक यूक्रेनी सैनिक ने बताया कि वह कमरे में आराम करते हैं तो चूहे इधर-उधर दौड़ते हैं और उनकी ऊंगलियों पर काटते हैं। एक कमरे में 4 सैनिक, लेकिन लगभग 1,000 चूहे रहते हैं।
उन्हें कहा कि ऐसा लगता है कि यह चूहों का कमरा है और सैनिक मेहमान हैं।
इलाका
कितने इलाके में चूहों का आतंक?
रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन और रूस से लगी लगभग 1,000 किलोमीटर की सीमा चूहों का प्रजनन स्थल बन गई है और यहां चूहों की वजह से कड़ाके की ठंड में सैनिकों में बीमारी और असंतोष फैल रहा है।
चूहों के संपर्क में आकर सैनिकों में संक्रमण तेजी से फैला है। इसकी वजह से सैन्य कार्रवाई बाधित हुई है और यह युद्ध लंबा खिंच रहा है।
युद्ध क्षेत्र और सैन्य बंकरों में चूहों की संख्या बढ़ती जा रही है।
चूहे
चूहों से निपटने के लिए सैनिकों ने अपनाए कई तरीके, सभी रहे नाकाम
युद्ध के बीच सैनिकों द्वारा सोशल मीडिया पर 'चूहों के आतंक' से संबंधित वीडियो भी शेयर किए गए हैं। इन वीडियो में चूहे सैनिकों के बिस्तर, कपड़ों और अन्य सामान के आसपास घूमते नजर आ रहे हैं।
यूक्रेनी सैनिक ने बताया कि उन्होंने बंकरों से चूहे भगाने के लिए कई तरीके अपनाए, लेकिन कुछ काम नहीं आया।
उन्होंने एक बिल्ली भी पाली, लेकिन चूहों की बढ़ती संख्या के सामने यह तरीका भी 'असफल' साबित हुआ।
फीवर
पहले रूसी सैनिकों और फिर यूक्रेनी सैनिकों में फैला संक्रमण
पिछले साल दिसंबर में यूक्रेन की सैन्य खुफिया एजेंसी ने रूसी सैनिकों के बीच 'माउस फीवर' के फैलने की सूचना दी थी। उसका दावा था कि चूहों के संपर्क में आने से सैनिकों में यह बीमारी फैली।
इसके बाद यूक्रेनी सैनिकों में भी ये बीमारी फैल गई। यूक्रेन ने इस बीमारी को 'रैट-बाइट फिवर' या 'माउस-बाइट फिवर' नाम दिया है।
इससे सैनिकों को बुखार, शरीर पर चकत्ते, निम्न रक्तचाप, आंखों में जलन, उल्टी, पीठ दर्द आदि समस्याएं हो रही हैं।
नुकसान
चूहे सैन्य उपकरणों को भी पहुंचा रहे नुकसान
चूहे सैनिकों को बीमार करने के साथ-साथ सैन्य और सुरक्षा उपकरणों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
जापोरिजिया में यूक्रेनी सेना में सिग्नलमैन के रूप में कार्यरत सैनिक ने बताया कि चूहे उनके बंकर में रखे लोहे के सिग्नल बॉक्स तक में घुस गए हैं।
उन्होंने बताया कि चूहों ने कई तारों को कुतर दिया और इससे संचार बाधित हुआ। उनके बंकर में ही 10 लाख रिव्निया (लगभग 22 लाख रुपये) के उपकरणों को क्षति पहुंची है।
आबादी
क्यों बढ़ रही चूहों की संख्या?
यूक्रेन के राष्ट्रीय राष्ट्रीय इतिहास संग्रहालय के एक शोधकर्ता ने चूहों के संक्रमण के लिए मौसम और युद्ध को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने बताया कि सीमा क्षेत्र के आसपास 2021 की शरद ऋतु में बोई गई फसल युद्ध के कारण कई स्थानों पर कटी नहीं, जिससे चूहों को प्रजनन के लिए एक आदर्श वातावरण मिल गया।
उन्होंने कहा कि चूहों के प्रजनन के लिए अनुकूल ठंडा मौसम भी उनकी आबादी में वृद्धि का एक बड़ा कारण है।
यूक्रेन
समस्या के और बढ़ने की आशंका
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा संघर्ष अभी लंबा खिंचने की संभावना है। इस वजह से भीषण ठंड के मौसम में यहां चूहों की समस्या और भी अधिक बढ़ने की आशंका है।
रिपोर्ट के अनुसार, ठंडे तापमान से चूहे गहरी खाइयों में चले जाएंगे, जिससे स्थिति और खराब हो जाएगी।
यूक्रेन ने चूहों के संक्रमण से निपटने के लिए अतंरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
24 फरवरी, 2022 से यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध जारी है। इस युद्ध में हजारों सैनिकों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों की संख्या में सैनिक घायल भी हुए हैं।
इस युद्ध में संघर्षरत दोनों देशों में से कोई भी देश युद्ध से पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस युद्ध में 87 प्रतिशत स्थायी रूसी सैनिकों की मौत हुई है और युद्ध ने आर्थिक रूप को रूस को कई साल पीछे धकेल दिया है।