सऊदी अरब में यूक्रेन शांति वार्ता में शामिल हुए NSA अजित डोभाल, जानें क्या कहा
क्या है खबर?
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल शनिवार को सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित की गई यूक्रेन शांति वार्ता में शामिल हुए।
डोभाल ने कहा कि भारत यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही रूस और यूक्रेन दोनों के साथ नियमित रूप से संपर्क में है और वह इस संकट का स्थायी और व्यापक समाधान खोजने के लिए एक सक्रिय और इच्छुक भागीदार बना रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि समस्या का समाधान होने से भारत को खुशी होगी।
बयान
युद्ध के कारण पूरी दुनिया भुगत रही खामियाजा- डोभाल
डोभाल ने वार्ता के दौरान कहा, "एक उचित और स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करते हुए सभी शांति प्रयासों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। पूरी दुनिया यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न हुई स्थिति का खामियाजा भुगत रही है।"
उन्होंने कहा कि सभी देशों को ना सिर्फ यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग को रुकवाने के लिए बल्कि दुनिया पर पड़े इसके असर को कम करने का भी हल निकालना चाहिए।
बयान
डोभाल ने और क्या कहा?
डोभाल ने कहा, "भारत की नीति हमेशा संवाद और कूटनीति को बढ़ावा देने की रही है। शांति के लिए आगे बढ़ने का यही एकमात्र रास्ता है। समाधान रूस और यूक्रेन दोनों को स्वीकार्य होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "बैठक में हमारे सामने दोहरी चुनौती है। सामाधान निकालने के साथ-साथ प्रयासों को दोनों मोर्चों पर एक साथ निर्देशित किया जाना चाहिए और इसे सुनिश्चित करने के लिए बहुत जमीनी कार्य की आवश्यकता है।"
आयोजन
शांति वार्ता में 40 देशों के सुरक्षा अधिकारी शामिल
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने यूक्रेन में शांति बहाल करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए 2 दिवसीय शांति वार्ता का आयोजन किया है। इसमें भारत, इंडोनेशिया, मिस्र, मैक्सिको, समेत करीब 40 देशों के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी और प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
बता दें कि इससे पहले भी मई में सऊदी अरब ने अरब लीग शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की को आमंत्रित किया था।
युद्ध
फरवरी 2022 से जारी है रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 24 फरवरी, 2022 से जारी है।
इस दौरान वैश्विक समुदाय ने कई मौकों पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन से युद्ध को समाप्त करने की मांग की है, लेकिन यूक्रेन पर हमले अभी भी जारी हैं। यूक्रेन युद्ध में दोनों तरफ हजारों सैनिकों की मौत हुई है और लाखों यूक्रेनी नागरिकों को विस्थापित होना पड़ा है।
युद्ध ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी संकट को जन्म दिया है