यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, जानिए क्या कहा
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अतिरिक्त मानवीय सहायता का अनुरोध किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि भारत दौरे पर आईं यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिने जापारोवा ने यह पत्र मंत्रालय को सौंपा। इसमें यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों में दवाओं और चिकित्सा उपकरणों सहित अन्य आपूर्ति की अपील की गई है। यूक्रेनी मंत्री ने कहा कि भारत यूक्रेन के पुनर्निर्माण में अहम भूमिका निभा सकता है।
यूक्रेन ने क्या कहा?
यूक्रेन की मंत्री जापारोवा 4 दिवसीय भारत दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की का प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित एक पत्र विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को सौंपा। उन्होंने कहा कि भारत का युद्धग्रस्त इलाके में हस्तक्षेप उन देश-विदेश के कई मेडिकल छात्रों को बड़ी राहत देगा, जिन्हें युद्ध के बाद यूक्रेन छोड़ने को मजबूर होना पड़ा और वे वापस लौटकर अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर सकते हैं।
यूक्रेनी मंत्री ने भारत को किया आगाह
यूक्रेनी मंत्री ने जापारोवा ने कल इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (ICWA) की बैठक में क्रीमिया का उदाहरण देकर भारत को पाकिस्तान और चीन को लेकर आगाह किया था। जापारोवा कहा कि भारत को ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए, जो अपने एजेंडे को बढ़ाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि खराब पड़ोसी देशों को अगर समय रहते दंडित नहीं किया जाता है तो वे परेशानी का सबब बन सकते हैं।
G20 बैठक में यूक्रेन का पक्ष रखने की अपील
यूक्रेनी मंत्री ने कहा कि यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, ऐसे में G-20 देशों की बैठक में यूक्रेन की तरफ से भी अपनी बात रखने के लिए उसके एक प्रतिनिधि को जगह दी जानी चाहिए। उन्होंने इस साल के लिए G-20 के अध्यक्ष भारत से अनुरोध किया कि सितंबर में दिल्ली में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जेलेंस्की को शामिल होने का मौका दिया जाए।
भारत ने यूक्रेन को हरसंभव मदद का दिया आश्वासन
भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन को हरसंभव मानवीय सहायता का आश्वसन दिया है। मंत्रालय ने कहा कि भारत यूक्रेन के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध और बहुमुखी सहयोग साझा करता है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "कूटनीतिक संबंध स्थापित करने के पिछले 30 सालों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग ने व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। दोनों देश आपसी समझ और हितों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"