#NewBytesExplainer: नेपाल से लेकर तुर्किये तक, इस सदी विनाशकारी भूकंपों में हुई इतनी तबाही
नेपाल में शुक्रवार रात 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था। इस विनाशकारी भूकंप में अब तक 140 लोगों की मौत हो गई है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं। इनमें से कुछ झटके महसूस नहीं होते, लेकिन तेज तीव्रता वाले झटके अपने साथ तबाही लाते हैं। इस सदी में अफगानिस्तान, मोरक्को, तुर्किये, हैती और पाकिस्तान आदि में बेहद विनाशकारी भूकंप आए हैं। आइए इन पर विस्तार से नजर डालते हैं।
नेपाल में आए भूकंप से कितना नुकसान?
नेपाल में शुक्रवार रात करीब 11:47 बजे आए भूकंप का केंद्र राजधानी काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर दूर जाजरकोट जिले के लामिडांडा क्षेत्र में था। इस भूकंप से जाजरकोट और रुकुम पश्चिम जिले में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जिनमें क्रमश: 104 और 36 लोगों की मौत हो चुकी है। दोनों जिलों में कई इमारतें जमीदोंज हो गई हैं और मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। यहां युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है
अफगानिस्तान में हजारों मौतें
7 अक्टूबर, 2023 को अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। इस भूकंप का केंद्र हेरात शहर से 40 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में था। ये भूकंप अफगानिस्तान में पिछले 2 दशक में आया सबसे विनाशकारी भूकंप था, जिसमें 2,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इससे पहले 22 जून, 2022 को भी अफगानिस्तान में 6.1 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप आया था, जिसमें कम से कम 1,000 लोग मारे गए थे।
मोरक्को
8 सितंबर, 2023 को अफ्रीकी देश मोरक्को में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र मराकेश शहर से 71 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम में एटलस पहाड़ों में जमीन से 18.5 किलोमीटर नीचे था। ये पिछले 10 दशकों में मोरक्कों में आया सबसे विनाशकारी भूकंप था, जिसकी चपेट में आकर 2,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। भूकंप ने मोरक्को के चौथे सबसे बड़े शहर मराकेश में सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी।
तुर्किये
7 फरवरी, 2023 को तुर्किये के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका केंद्र गजिएनटेप प्रांत के पूर्व में नूर्दगी से करीब 23 किलोमीटर दूर था। इस विनाशकारी भूकंप में तुर्की और सीरिया में करीब 45,000 लोगों की मौत हो गई थी। भूकंप के मची तबाही के बाद दोनों देशों में कई दिनों तक राहत और बचाव कार्य चलाया गया था। ये इस दशक का सबसे विनाशकारी भूंकप था।
हैती
14 अगस्त, 2021 को हैती में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 2,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 12 जनवरी, 2010 को हैती की राजधानी पोर्ट औ प्रिंस के आसपास 7.0 तीव्रता का सबसे विनाशकारी भूकंप आया था, जिसकी चपेट में आकर 2.30 लाख लोग मारे गए थे। इस भूकंप को क्यूबा और वेनेजुएला जैसे पड़ोसी देशों में महसूस किया गया था, जो सदी की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक था।
नेपाल
25 अप्रैल, 2015 को नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जो 1934 के बाद से देश का सबसे विनाशकारी भूकंप था। इसे नेपाल की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा माना जाता है। ये भूकंप इतना शक्तिशाली था कि नेपाल में राजशाही के दौरान भक्तपुर और काठमांडू में बने 80 प्रतिशत मंदिर और ऐतिहासिक इमारतें ध्वस्त हो गई थीं। इस विनाशकारी भूकंप में 8,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
पाकिस्तान
24 सितंबर, 2015 को पाकिस्तान के सुदूर दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप का केंद्र बलूचिस्तान प्रांत के अवारन से 69 किलोमीटर दूर स्थित था। इस विनाशकारी भूकंप में 800 से अधिक लोग मारे गए थे, जबकि बलूचिस्तान प्रांत में कई गांव तबाह हो गए। ये भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसके झटके कराची से लेकर भारत की राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत में भी महसूस किए गए थे।
जापान
11 मार्च, 2011 को जापान के तोहोकू में 9.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप का केंद्र जापान के पूर्वी तट से 130 किलोमीटर की दूरी पर था, जिसके कारण यहां सुनामी आ गई थी। इस विनाशकारी भूकंप को 21वीं सदी का दूसरा सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जाता है, जिसमें 19,000 से अधिक लोगों के मारे गए थे। जापान में आए भूकंप ने फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रिएक्टरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था।
चीन
12 मई, 2008 को चीन में 7.9 तीव्रता का भूकंप आया था। इस विनाशकारी भूकंप में 87,000 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें 10,000 बच्चे भी शामिल थे। इस भूकंप ने पश्चिमी चीन के पर्वतीय सिचुआन प्रांत में भारी तबाही मचाई, जिससे यहां लाखों इमारतें नष्ट हो गईं थी और करीब 10 लाख लोगों को बेघर होना पड़ा था। चीन को इस भूकंप से हुए आर्थिक नुकसान से उबरने में कई साल लग गए थे।
भारत में कब-कब आए विनाशकारी भूकंप?
8 अक्टूबर 2005 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इस विनाशकारी भूकंप ने पाकिस्तान और भारत के कई इलाकों में तबाही मचाई थी, जिसमें दोनों देशों में करीब 75,000 लोग मारे गए थे। इससे पहले 20 जनवरी, 2001 को गुजरात में इतनी ही तीव्रता का भूकंप आया था। ये भारत में आए सबसे सबसे विनाशकारी भूकंपों में गिना जाता है। इस भूकंप में 20,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
न्यूजबाइट्स प्लस
धरती के नीचे मौजूद टेक्टोनिकल प्लेटों में हलचल के कारण भूकंप आते हैं। इसके अलावा ज्वालामुखी फटने और परमाणु हथियारों की टेस्टिंग भी भूकंप ला सकती है। भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है और इसका अंदाजा भूकंप के केंद्र से निकलने वाली तरंगों से लगता है। भूकंप का केंद्र सतह से जितना नीचे होगा, तबाही भी उतनी ही कम होगी। दुनिया के कई क्षेत्र संवेदनशील हिस्से में पड़ते हैं और वहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।