नेपाल भूकंप: अब तक 140 की मौत, मृतकों का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका
नेपाल में बीती रात आए भूकंप के कारण अब तक 140 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है। रात करीब 11:47 मिनट पर आए 6.4 तीव्रता के भूकंप के शक्तिशाली झटकों के कारण कई घरों को नुकसान पहुंचा है और आशंका जताई जा रही है कि मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। इस भूकंप के झटके उत्तर भारत के कई राज्यों में भी महसूस किए गए।
काठमांडू से 500 किलोमीटर दूर था भूकंप का केंद्र
नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के अनुसार, शुक्रवार रात को आए इस विनाशकारी भूकंप का केंद्र राजधानी काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर दूर जाजरकोट जिले के लामिडांडा क्षेत्र में जमीन के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप के झटके महसूस होते ही राजधानी काठमांडू में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। इस दौरान लोग सड़कों पर डरे सहमे दिखे। भूकंप से सबसे अधिक नुकसान जाजरकोट और रुकुम पश्चिम जिले में हुआ है।
नेपाल के प्रधानमंत्री 'प्रचंड' ने व्यक्त की संवेदना
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रंचड' ने भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। नेपाल के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से किए गए ट्वीट में जानकारी दी गई है कि प्रधानमंत्री ने 3 सुरक्षा एजेंसियों को राहत और बचाव कार्य चलाने के लिए तैनात किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, भूंकप की चपेट में आकर जाजरकोट और रुकुम पश्चिम में 140 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं।
भूकंप प्रभावित इलाकों के दौरे पर निकले प्रधानमंत्री
जाजरकोट में 104 और रुकुम पश्चिम में 36 लोगों की मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भूकंप में मरने वालों की कुल संख्या 140 पहुंच गई है। जाजरकोट जिले में 104 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, जबकि रुकुम में कम से कम 36 लोगों की जान गई है। इसके अलावा जाजरकोट और रुकुम पश्चिम में कई लोगों घायल होने की सूचना है, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लोग मलबे में दबे अपने करीबी लोगों की तलाश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी बोले- नेपाल के लोगों के साथ खड़ा है भारत
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नेपाल में आए भूकंप को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा, 'नेपाल में भूकंप के कारण हुई जनहानि और क्षति से अत्यंत दुखी हूं। भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।'
उत्तर भारत के कई राज्यों में महसूस हुए भूकंप के झटके
देर रात नेपाल में आए 6.4 तीव्रता वाले इस विनाशकारी भूकंप के झटके उत्तर भारत के कई राज्यों में महसूस किए गए। भूकंप आते ही लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलना शुरू कर दिया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड तक इस भूकंप का कंपन महसूस किया गया और कई लोगों सोशल मीडिया पर भूकंप के वीडियो साझा किए हैं। हालांकि, अभी तक भारत में भूकंप से कोई जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।
पहले भी नेपाल झेल चुका है कई विनाशकारी भूकंप
हिमालयी देश नेपाल में भूकंप आना आम बात है। एक साल पहले नवंबर, 2022 में डोटी जिले में 6.3 तीव्रता का भूकंप आने से 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई इमारतों को नुकसान पहुंचा था। इससे पहले साल 2015 में 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने पूरे देश का हिलाकर रख दिया था, जिसमें 8,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों मकान ध्वस्त हो गए थे।