तुर्की भूकंप: 278 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकाला गया शख्स, मृतकों का आंकड़ा 45,000 पार
तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और यह आंकड़ा 45,000 के पार पहुंच गया है, जबकि हजारों घायल लोगों का राहत शिविरों में इलाज चल रहा है। वहीं बचावकर्मियों ने सीरियाई सीमा के पास स्थित तुर्की के एक दक्षिणी प्रांत में मलबे के नीचे 278 घंटे से दबे एक शख्स को जिंदा बाहर निकालने में कामयाबी पाई है।
कैसे बचाया गया शख्स?
बतौर रिपोर्ट्स, बचावकर्मियों ने इमारत के मलबे के नीचे दबे हकन यासिनोग्लू नामक शख्स को बाहर निकालने के बाद स्ट्रेचर पर लिटाया और उसे एक थर्मल जैकेट पहनाकर एम्बुलेंस तक ले गए। इस बचाव अभियान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। हालांकि, इसमें शख्स का चेहरा नहीं दिख रहा है। गौरतलब है कि बचावकर्मी ठंडे मौसम के बावजूद मलबे के नीचे दबे लोगों को लगातार ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।
यहां देखें बचाव का वीडियो
तुर्की से सीरिया भेजे गए शरणाथियों के शव
एक अधिकारी ने बताया कि सीरिया के 1,500 से अधिक नागरिकों के शवों को दफनाने के लिए तुर्की से वापस सीरिया लाया गया है। वहीं भूकंप से बचे सीरियाई लोगों ने भी तुर्की से वापस आना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि तुर्की सरकार ने हाल ही में सीरियाई शरणाथियों को अस्थाई रूप से देश वापस लौटने देने का फैसला किया था। बता दें कि हाल ही में सीरिया ने अपनी सीमाएं खोली हैं, जिससे राहत सामग्री पहुंच सके।
परिवार से बिछड़े बच्चों की देखभाल कर रही है सरकार
तुर्की के उप राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने शुक्रवार को बताया कि भूकंप प्रभावित इलाकों में 200 से कम जगहों पर बचाव और राहत कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार 1,589 बच्चों की देखभाल कर रही है, जो भूकंप के बाद अपने परिवारों से बिछड़ गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि 247 बच्चों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है और उनके परिवारों को ढूंढने की कोशिश की जा रही है।
सीरिया में मदद पहुंचा रहे UN के ट्रक
अल जजीरा के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र (UN) के 178 ट्रक तुर्की के रास्ते राहत और मदद सामग्री लेकर सीरिया पहुंच चुके हैं। इनमें टेंट, गद्दे, दवाइयां, खाद्य सामग्री आदि चीजें शामिल हैं। एक प्रवक्ता ने बताया कि सीरिया के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में किए गए आकलन के अनुसार, करीब 50,000 परिवारों को आपातकालीन आश्रय की जरूरत है और कम से कम 88,000 परिवारों को गद्दे, कंबल और गर्म कपड़ों की जरूरत है।