#NewsBytesExplainer: चीन में हर हफ्ते 6.5 करोड़ कोरोना संक्रमित मिलने की आशंका, क्यों बढ़ रहे मामले?
चीन एक बार फिर कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से जूझ रहा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जून तक चीन में हर हफ्ते 6.5 करोड़ कोरोना मामले सामने आ रहे होंगे। इसके पीछे कोरोना के नए XBB वेरिएंट को कुछ हद तक जिम्मेदार बताया जा रहा है। अप्रैल की शुरुआत से ही चीन में कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे है। आइए समझते हैं चीन में कोरोना के मामले बढ़ने के क्या-क्या हैं।
चीन में किस तरह बढ़े मामले?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, चीन में मार्च के अंत तक कोरोना के मामलों में गिरावट आ रही थी, लेकिन अप्रैल की शुरुआत से ही मामले बढ़ने लगे। 27 मार्च और 3 अप्रैल के बीच एक हफ्ते में नए मामलों में 202 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। 10 अप्रैल को चीन में 695 नए मामले मिले थे। ये आंकड़ा लगातार बढ़ता गया। 22 मई को चीन में 1,818 नए मामले सामने आए।
चीन की कितनी आबादी कोरोना से संक्रमित हो चुकी है?
चीन में पिछले साल सर्दियों के दौरान कोरोना के मामलों में भयानक तेजी देखने को मिली थी। जनवरी में बीजिंग स्थित पेकिंग विश्वविद्यालय द्वारा की गई एक स्टडी में खुलासा हुआ था कि चीन की 64 फीसदी आबादी कोरोना वायरस के चपेट में आ चुकी है। पिछले साल दिसंबर में चीन के अस्पतालों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिनमें मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें देखी गई थीं।
क्या नया वेरिएंट है जिम्मेदार?
चीन में बढ़ते मामलों के पीछे ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट XBB को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसके 3 स्वरूप और हैं, जिन्हें XBB. 1.9.1, XBB. 1.5 और XBB. 1.16 कहा जाता है। XBB ओमिक्रॉन के BJ.1 और BA.2.75 सब-वेरिएंट से मिलकर बना है, इसलिए इसे रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट भी कहते हैं। पिछले साल अक्टूबर में भारत और चीन समेत कई देशों में XBB.1 के मामले सामने आए थे।
चीन में वैक्सीनेशन का क्या है हाल?
चाइनीज नेशनल हेल्थ कमीशन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, चीन की 90 फीसदी आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है। करीब आधी आबादी को बूस्टर डोज भी लगाया जा चुका है और करीब 70 फीसदी आबादी को वैक्सीन के दो खुराकें लग चुकी हैंं। हाल ही में चीन ने दो नई वैक्सीन को मंजूदी दी है। इनके जल्द ही बाजार में आने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि ये नए वेरिएंट से निपटने में मददगार साबित होंगी।
क्या वैक्सीनेशन की वजह से बढ़ रहे हैं कोरोना मामले?
चीन में नवंबर, 2022 तक 40.4 प्रतिशत आबादी को ही वैक्सीन की बूस्टर खुराक लगी थी। 80 साल से ज्यादा उम्र की केवल आधी आबादी को ही बूस्टर डोज लगा है। कई रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि इस आयु वर्ग पर कोरोना से संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। बढ़ते मामलों को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, चीन नई वैक्सीनों को मंजूरी देकर वैक्सीनेशन को तेज करने की तैयारी में है।
जीरो कोविड नीति हटाने से बढ़े मामले?
चीन ने पिछले साल नवंबर में जीरो कोविड नीति को हटाते हुए कई प्रतिबंधों में छूट दी थी। 8 जनवरी को चीन ने विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए भी क्वारंटाइन की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। आंकड़े बताते हैं कि प्रतिबंधों में छूट के बाद से चीन में कोरोना मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। जीरो कोविड नीति पूरी तरह खत्म होने के बाद से नए मामलों ने अचानक से रफ्तार पकड़ी।
क्या थी चीन की जीरो कोविड नीति?
चीन कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरी दुनिया में सबसे सख्त नीति के लिए जाना जाता है। इस नीति को जीरो कोविड नीति कहा गया था। इसके तहत एक संक्रमित मरीज मिलने पर भी पूरे क्षेत्र में लॉकडाउन लगा दिया जाता था। लोगों को महीनों तक घरों में क्वारंटाइन करके रखा जाता था। इस सख्त नीति के खिलाफ चीन के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन भी हुए थे।